इंटरनेटइंडियापॉलिटिक्ससरकार

नई रेल लाइन से जुड़ेंगे उत्तर प्रदेश के 57 गांव, व्यापार और शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा

यूपी के महराजगंज जिले में आनंदनगर से घुघली तक प्रस्तावित नई रेलवे लाइन का ख्वाब अब हकीकत के बहुत करीब है। लंबे इंतजार के बाद इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अपने अंतिम फेज में पहुंच चुकी है, जिससे न सिर्फ शहर की कनेक्टिविटी में सुधार होगा बल्कि स्थानीय विकास को भी पंख मिलेंगे।

रेलवे परियोजना की रूपरेखा

रेलवे महकमे की योजना के तहत आनंदनगर से महराजगंज होते हुए घुघली तक लमसम 52.70 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी। इसके लिए कुल 57 गांवों की 194 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जानी है। पहले फेज में 29 गांवों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब 11 अतिरिक्त गांवों की जमीन भी इस दायरे में आ रही है, जिसके लिए 13.14 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी।

अंतिम फेज में भूमि अधिग्रहण

भूमि अधिग्रहण की ये प्रक्रिया अब निर्णायक मोड़ पर है। गजट प्रकाशन की प्रक्रिया भी जल्द पूरी की जाएगी ताकि निर्माण कार्य में तेजी लाई जा सके। प्रभावित 11 गांवों में प्रमुख स्थानों जैसे घुघली खुर्द, पिपराइच उर्फ पचरुखिया, विशुनपुर गबडुआ और लक्ष्मीपुर में आंशिक भूमि की जरूरत बताई गई है।

इन गांवों में 444 किसानों को पहले फेज में 105 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित किया गया था। अब शेष 11 गांवों के किसानों को भी मुआवजा देने की तैयारी है। इस प्रक्रिया को पारदर्शिता बनाए रखते हुए पूरा किया जा रहा है, हालांकि कई किसानों ने बाजार भाव के अनुरूप मुआवजा न मिलने पर नाराजगी जताई है।

न्यायसंगत मुआवजे की मांग

प्रभावित किसानों का कहना है कि उन्हें कृषि दर से मुआवजा दिया जा रहा है। तो वहीं जमीन शहरी क्षेत्र में आती है। मकानों के लिए भी कृषि दर से मुआवजा तय करने की चर्चा है, जिससे असंतोष बढ़ा है। उदाहरण के तौर पर कई जगहों पर एक एकड़ 25 डिस्मिल जमीन, 40 डिस्मिल क्षेत्रफल में मकान भी रेलवे के दायरे में आ रहे हैं, मगर पारदर्शी व्यवस्था का अभाव महसूस हो रहा है।

दूसरे फेज में 9 और गांव

प्रोजेक्ट के दूसरे फेज में नौ नए गांवों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पहले से चल रही है, जिनमें जंगल दुधई उर्फ चेहरी (सबसे अधिक 23.4341 हेक्टेयर) और फरेंदा तहसील क्षेत्र शामिल हैं। इन क्षेत्रों में किसानों की जमीन का सर्वे, दस्तावेजों की जांच और स्वामित्व सत्यापन का कार्य प्रगति पर है।

200 करोड़ रुपये की मुआवजा मांग

भूमि अध्याप्ति विभाग ने रेलवे से कुल 200 करोड़ रुपये की मांग की है, जिसमें से 82 करोड़ रुपये अब तक प्राप्त हो चुके हैं। जैसे ही किसानों से दस्तावेज लेकर प्रक्रिया पूर्ण होगी, मुआवजा वितरण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

स्थानीय विकास को मिलेगा बल

ये परियोजना महराजगंज के लिए विकास की नई इबारत लिखेगी। बेहतर रेल कनेक्टिविटी से व्यापार, कृषि और शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक लाभ मिलेगा। इसके साथ ही किसानों को नए अवसर मिलेंगे और उन्हें आजीविका के विकल्प तलाशने में मदद मिलेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *