क्या सपा के टिकट पर लड़ेंगे तेज प्रताप, वीडियो कॉल से निकले कई सियासी संकेत
बिहार की राजनीति (Bihar politics) में एक दिलचस्प मोड़ उस वक़्त आया जब राजद से निकाले जा चुके Tej Pratap Yadav और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री Akhilesh Yadav के बीच वीडियो कॉल (Tej Pratap Akhilesh video call) पर लंबी बातचीत हुई। Tej Pratap Yadav ने खुद सोशल मीडिया पर इसका ज़िक्र करते हुए बताया कि उन्हें इस संघर्ष में अब अकेलापन महसूस नहीं हो रहा।
Tej Pratap expelled होने के बाद यह पहली बार है जब उन्होंने किसी बड़े राजनीतिक नेता से इतनी खुलकर बातचीत की है। उन्होंने दावा किया कि यह बातचीत न केवल व्यक्तिगत हालचाल जानने तक सीमित रही, बल्कि इसमें बिहार की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर भी गंभीर चर्चा हुई। इस दौरान Akhilesh Yadav ने जब उनसे पूछा कि वे आगामी विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) में किस सीट से उतरने का विचार कर रहे हैं, तो Tej Pratap Yadav ने स्पष्ट जवाब तो नहीं दिया, मगर यह जरूर कहा कि चुनाव से पहले वह लखनऊ आकर विस्तार से चर्चा करेंगे।
भावनाओं से भरा संवाद, सियासी गठजोड़ की संभावनाएं
अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर Tej Pratap Yadav ने लिखा कि Akhilesh Yadav हमेशा से उनके बेहद करीब रहे हैं और अचानक उनका फोन आना उनके लिए भावनात्मक सहारा है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अब वो अपनी नई राजनीतिक राह (Tej Pratap new party) तलाश रहे हैं। इस बातचीत से यह भी स्पष्ट हुआ कि Tej Pratap Yadav Samajwadi Party Bihar के साथ गठजोड़ (Tej Pratap Akhilesh alliance, SP and Tej Pratap alliance) पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।
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सपा का साथ, नया जनाधार और पुराना आधार
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि Tej Pratap Yadav Samajwadi Party Bihar के टिकट (Tej Pratap SP ticket) पर Tej Pratap Mahua seat या Tej Pratap Hasanpur सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि बिहार में सपा की संगठनात्मक पकड़ काफी सीमित है, मगर यादव समुदाय में Akhilesh Yadav की लोकप्रियता और Tej Pratap Yadav की पहचान मिलकर एक नया समीकरण बना सकते हैं। Tej Pratap Yadav पहले भी इन सीटों से चुनाव लड़ चुके हैं और उनका दावा है कि उन्होंने अपने क्षेत्रों में सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार किया है।
नई पार्टी या गठबंधन? समय है चुनौती
Tej Pratap Yadav के पास यह विकल्प भी है कि वह नई पार्टी (Tej Pratap new party) का गठन करें या निर्दलीय मैदान में उतरें। वे पहले ‘तेज सेना’ और ‘यदुवंशी सेना’ जैसे संगठनों के ज़रिए युवाओं को संगठित करने का प्रयास कर चुके हैं। मगर अब जब चुनाव में महज चार महीने बचे हैं, नई पार्टी को ज़मीन पर उतारना आसान नहीं होगा। ऐसे में SP and Tej Pratap alliance एक व्यावहारिक रणनीति मानी जा रही है।
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महुआ सीट को फिर से लेकर सक्रियता
2015 में Tej Pratap from Mahua और 2020 में हसनपुर से विधायक रह चुके Tej Pratap Yadav ने हाल ही में हाजीपुर में एक कार्यक्रम के दौरान Tej Pratap elections 2025 को लेकर फिर से महुआ सीट से दावेदारी जताई थी। उनके अनुसार, इस क्षेत्र में उन्होंने कई विकास योजनाएं शुरू की थीं और वे उसे आगे बढ़ाना चाहते हैं।
परिवार से बहिष्कार और आगे की रणनीति
25 मई 2025 को Lalu Yadav Tej Pratap controversy उस समय खुलकर सामने आई जब लालू प्रसाद यादव ने Tej Pratap Yadav को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित (Expulsion from RJD) कर दिया था। इस फैसले के पीछे उनके सोशल मीडिया पर दिए गए बयानों और कथित अनुशासनहीनता को कारण बताया गया। साथ ही, उन्हें पारिवारिक दायरे से भी बाहर कर दिया गया, जिससे राजनीतिक से ज्यादा व्यक्तिगत चोट उन्हें लगी। इसी वजह से अब Tej Pratap return to politics की तैयारी कर रहे हैं, जो आने वाले Bihar Assembly Election 2025 में एक नया अध्याय लिख सकती है। Tej Pratap Yadav vote bank को देखते हुए यह चुनावी गणित सपा के लिए भी अहम हो सकता है और SP Bihar expansion की रणनीति को मजबूती मिल सकती है।