ट्रम्प के फैसलों के खिलाफ अमेरिका में बिगड़ा माहौल, नागरिकों ने कहा- वो हिटलर से ज्यादा मुर्ख
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कठोर फैसलों के विरुद्ध हजारों अमेरिकी नागरिक सड़कों पर उतर आए हैं। शनिवार को ट्रम्प के फैसलों से परेशान लोगों ने उनके विरुद्ध एक और बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। एक विदेशी मीडिया एजेंसी ने ये खबर दी है।
डोनाल्ड ट्रम्प ने दूसरी बार राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका से लाखों सरकारी कर्मचारियों को निकाल दिया था। इसका मकसद लागत कम करना था। जब ऐसा नहीं हुआ तो उन्होंने अपना ध्यान दुनिया की ओर लगाया। उन्होंने उन देशों पर अतिरिक्त शुल्क लगा दिया है जो अमेरिकियों को भोजन से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक हर चीज की आपूर्ति करते हैं। यहां तक कि उसने विश्व के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता चीन के साथ युद्ध भी शुरू कर दिया है। इससे अमेरिकी जनता नाराज हो गई है और वे ट्रम्प के विरुद्ध सड़कों पर उतर आए हैं।
हजारों लोग न्यूयॉर्क की मुख्य लाइब्रेरी के बाहर चौक पर सड़कों पर उतर आए हैं। उन्होंने अमेरिका का कोई राजा नहीं है और दमन का विरोध करो जैसे नारे लिखे पोस्टर लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इनमें से अधिकांश प्रदर्शनकारी ट्रम्प की आव्रजन नीतियों के विरुद्ध थे। वहां ऐसे पोस्टर भी लगे थे जिन पर लिखा था कि कोई आईसीई नहीं, कोई डर नहीं, आप्रवासियों का यहां स्वागत है।
वाशिंगटन डीसी में प्रदर्शनकारियों ने संवैधानिक सिद्धांतों, खास कर उचित प्रक्रिया के अधिकार के उल्लंघन का इल्जाम लगाया।
हिटलर से ज्यादा मूर्ख ट्रंप
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम बड़ी मुसीबत में हैं. हिटलर के उदय के दौरान मेरे माता-पिता ने जो बातें कही थीं, वे ट्रम्प युग में भी नजर आ रही हैं। अंतर केवल इतना है कि ट्रम्प, हिटलर या अन्य फासीवादी नेताओं से ज्यायदा मूर्ख हैं। 73 वर्षीय कैथी वैली ने उन पर अपने ही देश को बांटने का बड़ा इल्जाम लगाया है।