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बूंदों की बयार या फिर चिंता की बारिश, जानें 2025 के मानसून का हाल

भारतीय मौसम विभाग ने पूरे देश में औसत से अधिक वर्षा की भविष्यवाणी की है, किंतु पूर्वोत्तर, दक्षिण और उत्तर भारत में वर्षा का वितरण औसत से कम रहने की संभावना है।

महाराष्ट्र को ध्यान में रखते हुए राज्य के आंतरिक भागों में औसत से बेहतर वर्षा होने की संभावना है। यह संभावना सामान्यतः 40 से 50 प्रतिशत होती है। दक्षिण भारत और आसपास के इलाकों में इसकी संभावना 60 से 70 प्रतिशत है और यहां भी औसत से अधिक बारिश होने की संभावना है।

जानें इस बार कैसा रहेगा मानसून

यद्यपि ये निष्कर्ष उचित प्रतीत होता है, मगर यह नहीं माना जा सकता कि दक्षिण में बहुत अधिक बारिश होगी और शेष क्षेत्र में कम बारिश होगी। क्योंकि मानसून के दूसरे चरण का पूर्वानुमान अभी तक नहीं आया है। हालाँकि, अच्छी खबर ये है कि देश में औसत से बेहतर बारिश होगी।

मार्च और अप्रैल में राज्य में मानसून को लेकर उत्साह बढ़ने लगता है। इस बीच, वैश्विक और राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानों द्वारा तैयार किए जाते हैं। इसमें विशेष रूप से इस बारे में जानकारी दी गई है कि मानसून का मौसम कैसा रहेगा।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) 150 वर्षों से अथक परिश्रम कर रहा है। सभी की निगाहें उनके दीर्घकालिक पूर्वानुमान पर टिकी हैं। हालिया पूर्वानुमानों के अनुसार, देश में चार महीनों में औसत से 105 प्रतिशत अधिक वर्षा होगी।

1971 से 2020 के बीच की अवधि के लिए देश के वर्षा के आँकड़े हैं; देश की वर्षा 87 सेमी है। इसकी 105 प्रतिशत वर्षा; जिसे हम दीर्घकालिक औसत कहते हैं। मौसम विभाग ने इतनी ही बारिश का अनुमान जताया है।

बेशक ये पूरे चार महीनों का अनुमान है। ये अनुमान अप्रैल के मध्य में लगाया गया है और इसमें कुछ त्रुटियां हो सकती हैं। मौसम विभाग ने ये भी बताया है कि ये त्रुटियां पांच प्रतिशत तक कम या ज्यादा हो सकती हैं। वर्तमान अनुमान देश के लिए है। किसी क्षेत्र या राज्य के लिए नहीं। लेकिन इस बार किसान को बारिश अच्छी फसल दे सकती है। कई जगहों पर बिगाड़ भी सकती है।

मौसम विभाग ने अब पहले चरण का पूर्वानुमान जारी कर दिया है। मौसम विभाग द्वारा पूर्वानुमान का दूसरा चरण मई के अंत में जारी किया जाएगा। देश में कुल कितनी बारिश होगी? इसकी जानकारी दी जाएगी।

महकमे ने कहा कि आज हमने 105 प्रतिशत वर्षा की सूचना दी है और अधिक विस्तृत पूर्वानुमान प्रदान किया जाएगा। भारत के चार क्षेत्रों अर्थात् उत्तर-पश्चिम, उत्तर-पूर्व, मध्य और दक्षिण भारत में कितनी वर्षा होगी? इसका पूर्वानुमान दूसरे चरण में लगाया जाएगा। जून में बारिश कैसी होगी? इसकी जानकारी दी जाएगी।

केरल में मानसून कब आएगा? इसकी भी भविष्यवाणी की जाएगी। एक बार मानसून यहां आ जाए तो उसके आगे के सफर का अनुमान लगाया जा सकता है। प्रथम चरण के पूर्वानुमान में औसत से अधिक वर्षा की भविष्यवाणी की गई है। ये दीर्घकालिक औसत से 105 प्रतिशत अधिक होगा।

 

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