हाईस्कूल फेल छात्र की कहानी आप में जोश भर देगी, तीन बार पास कर डाला यूपीएससी एग्जाम
एक सवाल अक्सर उठाया जाता है कि क्या हाईस्कूल या इण्टर में फेल होने के बाद भी कोई सरकारी नौकरी पा सकता है। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के भांमरो की बाड़ी के निवासी ईश्वर लाल गुर्जर ने इस सवाल का जवाब दे दिया है। तीन बार असफलताओं के बाद उन्होंने न सिर्फ सपने साकार किए बल्कि सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 483वीं रैंक हासिल करके आईपीएस पद की जिम्मेदारी कबूल की।
संघर्ष ऐसा कि दुनिया कर रही सलाम
ईश्वर लाल गुर्जर की कहानी उन लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा का पात्र है जो प्रारंभिक शैक्षिक चुनौतियों का सामना कर चुके हैं या कर रहे हैं। 2011 में उन्होंने दसवीं में फेल होने का अनुभव किया, मगर हार नहीं मानी। बाद में उन्होंने दसवीं कक्षा पास की और 12वीं में 68% अंकों के साथ अपनी शिक्षा जारी रखी। कॉलेज में भी औसत प्रदर्शन के बावजूद उन्होंने बीए की डिग्री 60% अंकों से पूरी की।
सरकारी नौकरी के सफर में कदम
अपनी असफलताओं को पीछे छोड़कर ईश्वर लाल ने सरकारी नौकरी की ओर बढ़ने का निश्चय किया। 2018 में रीट भर्ती परीक्षा पास करने के बाद उनका सफर सरकारी डोमेन में शुरू हुआ। 2021 में उन्हें राजस्थान पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के रूप में चुना गया और उसी वर्ष RAS की परीक्षा पास कर एसडीएम बन गए। इस प्रगति को देखते हुए, उन्होंने UPSC की परीक्षाओं में भी भाग लिया।
UPSC में लगातार सुधार
- 2022: ईश्वर लाल ने ऑल इंडिया लेवल पर 644वीं रैंक हासिल की।
- 2023: उन्होंने अपने प्रदर्शन में सुधार करते हुए 555वीं रैंक हासिल की।
- 2024: लगातार मेहनत जारी रखते हुए, उन्होंने 483वीं रैंक हासिल की और आईपीएस पद पर नियुक्ति पाई।
ईश्वर लाल बतलाते हैं कि उन्हें सबसे बड़ा मोटिवेशन टॉपर्स के भाषण सुनकर मिलता था। इसके लिए वह अलग अलग कोचिंग द्वारा आयोजित सेमिनार में जाते थे, जहाँ उन्हें निरंतर प्रेरणा मिलती थी। नाकामियों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और दिन रात प्रयास करते रहे। आज उनकी कहानी साबित कर देती है कि शुरुआती असफलताएं या औसत प्रदर्शन जीवन के अंतिम मुकाम को निर्धारित नहीं करते।
ईश्वर लाल गुर्जर की कहानी हमें ये सिखाती है कि जिंदगी में समस्याएं और असफलताएं अस्थायी होती हैं। यदि आप ठाने ले तो आपकी मेहनत और लगन आपको सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती हैं। सरकारी नौकरी और राष्ट्रीय सेवा का सफर उन लोगों के लिए खुला है जो अपनी गलतियों से सीखते हैं और आगे बढ़ते हैं।
बता दें कि ईश्वर लाल की कहानी उन लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा बनेगी, जिन्होंने शिक्षा या प्रारंभिक नाकामियों को अपनी पहचान बनाने में बाधा न समझा। उनकी सफलता ये बताती है कि जब आत्मविश्वास और लगन साथ हों, तो कोई भी चुनौती नामुमकिन नहीं होती।