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AAP ने BJP के गढ़ में लगाई सेंध, उपचुनाव में मिली शानदार जीत की 5 वजहें जानें

दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने जोरदार वापसी की है। गुजरात की विसावदर सीट (Visavadar seat Gujarat) पर आप पार्टी (AAP) ने अपना कब्जा बरकरार रखा है, जो भाजपा (BJP) का गढ़ है। इस सीट से आप ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया (Gopal Italia) को मैदान में उतारा था। इस उपचुनाव (Gujarat assembly bypoll 2025) में गोपाल इटालिया (Gopal Italia) ने कुछ राउंड को छोड़कर 21 राउंड में हजारों वोटों की बढ़त बना ली थी।

उन्होंने भाजपा उम्मीदवार किरीट पटेल (Kirit Patel BJP) को 17 हजार वोटों से हराया। दिल्ली में हार के बाद गुजरात में आप की जीत (AAP victory Gujarat) पार्टी के लिए संजीवनी है। इस उपचुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी बढ़त बनाती दिख रही थी, मगर आप की बनाई रणनीति (AAP election strategy) विसावदर में भाजपा की हार का कारण बन गई। भाजपा 2007 से इस सीट पर जीत का इंतजार कर रही थी। इस उपचुनाव में कुल 16 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे। इसमें आप के गोपाल इटालिया (Gopal Italia) ने 75 हजार 906 वोट पाकर जीत हासिल की। भाजपा के किरीट पटेल (Kirit Patel BJP) को 58,325 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के नितिन रणपरिया (Nitin Ranpariya Congress) को 5,491 वोट मिले।

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आप की जीत के 5 कारण क्या हैं

  1. सबसे पहले उम्मीदवार के नाम की घोषणा– आम आदमी पार्टी ने गुजरात में भी पंजाब का फॉर्मूला इस्तेमाल किया। दिल्ली चुनाव में हार के बाद आप ने चुनाव आयोग द्वारा तारीख घोषित किए जाने से पहले ही विसावदर सीट (Visavadar seat Gujarat) पर उम्मीदवार तय कर दिया। ऐसे में भाजपा में उम्मीदवारी को लेकर अंत तक असमंजस की स्थिति बनी रही, वहीं आम आदमी पार्टी प्रचार में जुटी रही।

  2. बड़े चेहरे पर दांव खेला– गुजरात में इस सीट को बचाने के लिए आम आदमी पार्टी ने अपनी पार्टी में बड़े चेहरे पर दांव खेला। गोपाल इटालिया (Gopal Italia) इस विधानसभा क्षेत्र के निवासी नहीं हैं, मगर उन्होंने पूरे विधानसभा क्षेत्र में 2-3 दौरे किए और लोगों के बीच अपनी पैठ बनाई। लोगों से उनका संपर्क बढ़ा। इसके चलते सत्ता में होने के बावजूद भाजपा उम्मीदवार प्रचार में पिछड़ गए। गोपाल इटालिया (Gopal Italia) के सामने किरीट पटेल (Kirit Patel BJP) कमजोर साबित हुए।

  3. केजरीवाल की चुनौती ने बदला माहौल– 2022 के विधानसभा चुनाव (Gujarat politics 2025) में लोगों ने आप पर भरोसा जताया, मगर भूपत भयानी के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को झटका लगा। अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal Gujarat) गोपाल इटालिया (Gopal Italia) का नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे। उस समय उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि अगर भाजपा गोपाल इटालिया (Gopal Italia) को खरीदती है तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। उनके इस बयान ने गोपाल इटालिया को विसावदर विधानसभा क्षेत्र में हीरो बना दिया।

  4. मुद्दे पर घिरी भाजपा– पिछले चुनाव में जब विसावदर में आप (AAP) जीती थी, तब गोपाल इटालिया प्रदेश अध्यक्ष थे। इस चुनाव में उन्होंने सूरत के कतारगाम से चुनाव लड़ा था, मगर इस बार उन्होंने अपना फोकस विसावदर में ही रखा। बतौर उम्मीदवार उन्होंने अपना होमवर्क किया, वे सभी मुद्दे उठाए, जो सत्तारूढ़ भाजपा को घेर सकते थे। गोपाल इटालिया (Gopal Italia) ने लोगों के बीच रहकर सत्तारूढ़ भाजपा को धूल चटा दी।

  5. इसुदान गढ़वी ने बूथ को मजबूत किया– पत्रकारिता से राजनीति में आए इसुदान गढ़वी (Isudan Gadhvi) ने इस उपचुनाव में प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका निभाई। सौराष्ट्र से आए इसुदान गढ़वी (Isudan Gadhvi) ने विसावदर में गोपाल इटालिया (Gopal Italia) को उतारने से पहले एक सर्वे किया और पार्टी कार्यकर्ताओं की भूमिका जानी। उसके बाद 11 नेताओं की कोर कमेटी ने एक बूथ पर फोकस किया। इसके चलते भाजपा हार गई और कांग्रेस उम्मीदवार की जमानत भी जब्त हो गई।

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