चाणक्य नीति के अनुसार, जवानी में की गई ये तीन गलतियां बुढ़ापे में सताती हैं!
हमने सुना है कि इंसान गलती करता है और दिव्य व्यक्ति गलतियों को सुधारता है। कहते हैं कि गलतियां तो होती ही हैं, लेकिन अगर एक ही गलती बार-बार दोहराई जाए तो उसे सही नहीं ठहराया जा सकता। न ही ऐसी गलती को माफ किया जा सकता है। (Learn from Mistakes)
अज्ञानता में किया गया दुराचार गलती है! हालांकि, अगर उस समय उसे सुधारा नहीं गया तो भविष्य में वो गलतियां गंभीर अपराध के रूप में सामने आएंगी। हालांकि, आचार्य चाणक्य हमें जीवन में तीन गलतियों से बचने की सलाह देते हैं। (Chanakya’s Three Mistakes, Acharya Chanakya’s Thoughts) क्योंकि वो गलतियां हमारा जीवन बर्बाद कर सकती हैं। (Life Mistakes According to Chanakya)
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बचपन में की गई गलतियों को यह कहकर माफ कर दिया जाता है कि वो अज्ञानता में की गई थीं, जबकि बुढ़ापे में की गई गलतियों को यह मानकर माफ कर दिया जाता है कि हम बुढ़ापे में पहुंच गए हैं। हालांकि, युवावस्था में की गई गलतियों को अक्षम्य माना जाता है। क्योंकि अनुभव के पड़ाव को पार करके युवावस्था आती है। इस पड़ाव पर कोई गैरजिम्मेदाराना काम नहीं कर सकता। इसलिए आचार्य चाणक्य द्वारा दिए गए मार्गदर्शन को ध्यान में रखें। (Chanakya Niti Youth, Importance of Discipline)
युवावस्था में एक अलग ही उत्साह होता है। यह समय सपनों को पूरा करने का होता है। इस दौरान कई लोग राव के पद और यहां तक कि राव के पद पर भी पहुंच जाते हैं। अगर उनके प्रयास सही दिशा में हों तो उन्हें धन, समृद्धि, यश मिलता है।
वे जहां भी जाते हैं, उन्हें सम्मान मिलता है। वहीं, कुछ लोग युवावस्था में ऐसी गलतियां कर जाते हैं जिसका खामियाजा उन्हें अपनी मृत्यु तक भुगतना पड़ता है। (Mistakes in Youth, Chanakya Niti in Hindi Quotes in Hindi)
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वे तीन गलतियां इस प्रकार हैं:
1. बुरी संगति– संगति का व्यक्ति पर बहुत प्रभाव पड़ता है। खासकर युवावस्था में! कहा जाता है कि ‘संगति संगते दोषा’। यानी व्यक्ति के अच्छे गुण देर से अपनाए जाते हैं लेकिन बुरे गुण जल्दी स्थापित हो जाते हैं। इसलिए आचार्य चाणक्य कहते हैं, भूलकर भी बुरे लोगों की संगति न करें। नशेड़ी, अनैतिक लोगों और समय बर्बाद करने वालों से दूर रहें। ऐसे लोग जीवन में कुछ हासिल नहीं कर सकते। (Effect of Bad Association, Harm from Bad Association)
2. समय की बर्बादी- जो लोग युवावस्था में समय का मूल्य नहीं समझते, समय भी उनका साथ छोड़ देता है। जो लोग युवावस्था में मौज-मस्ती और अनावश्यक कामों में समय बर्बाद करते हैं, उनका बुढ़ापा गरीबी में बीतता है। (Waste of Time, Time Management Chanakya Policy)
3. अनुशासनहीन जीवन– जो लोग अनुशासन का पालन नहीं करते, अव्यवस्थित रहते हैं, वे जीवन में कुछ भी हासिल नहीं कर पाते। बिना योजना के, बिना अनुशासन के, जीवन व्यर्थ है। ऐसे लोग खुद कुछ नहीं करते और भाग्य के इंतजार में अपना जीवन बर्बाद कर देते हैं। (Importance of Discipline, Why Discipline is Important)