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अखिलेश का तंज: ‘जमीन लूट तंत्र’ सक्रिय, ‘राम की जाति बताने वाले जातिवादी’, गोरखपुर-मथुरा भी हारेगी BJP!

सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी और उत्तर प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला है। शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने भाजपा पर “जमीन लूट तंत्र” चलाने, सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने और समाज में नफरत फैलाने के गंभीर आरोप लगाए।

जहाँ भी जमीन दिखती है, BJP कब्जा करना शुरू कर देती है

पूर्व सीएम यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “जहाँ भी जमीन दिखती है, भाजपा उस पर कब्जा करना शुरू कर देती है।” उन्होंने गोरखपुर का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय को रोका गया और ये सब दिखाता है कि इस सरकार में “जमीन लूट का तंत्र” किस तरह सक्रिय है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार डर दिखाकर लोगों से जबरन सहमति पत्र ले रही है, वही मुआवजे का भुगतान बाजार दर पर होना चाहिए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा नेताओं ने तो अपनी जमीन का अधिकतम मुआवजा ले लिया, मगर अब दूसरों की जमीन कौड़ियों के भाव ली जा रही है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा में जमीन लूट तंत्र सक्रिय है। इसमें भाजपा के कुछ नेता पैसा बना रहे हैं।

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आगे कहा कि “अयोध्या तो पहले ही चली गई, अब भाजपा गोरखपुर और मथुरा भी खो देगी।” उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए याद दिलाया कि उन्होंने गोरखपुर में मेट्रो बनाने की घोषणा की थी, जो अभी तक नहीं बनी। अखिलेश ने कटाक्ष किया, “अगर गोरखपुर के लोग मुंह खोलेंगे तो वहां हेरिटेज कॉरिडोर की जगह कस्टडी कॉरिडोर बनाना पड़ेगा।”

आरक्षण, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और जातिवादी टिप्पणी

एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने आरक्षण के मुद्दे पर भी भाजपा को घेरा। उन्होंने कहा कि आरक्षण का विरोध करने वाले लोग वास्तव में समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने अपनी स्थापना के समय ही तय कर लिया था कि वह समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता के रास्ते पर चलेगी, मगर अब ये लोग इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग नफरत फैलाकर राजनीति करते हैं, ये सीधे संविधान के खिलाफ नहीं बोल सकते, इसलिए धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद का विरोध कर रहे हैं।

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भाजपा पर कटाक्ष करते हुए अखिलेश ने एक और तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भगवान राम की जाति बताने वाले लोग जातिवादी हैं। उन्होंने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए और कहा कि चुनाव आयोग के साथ मिलकर मतदाता सूची में संशोधन किया जा रहा है और जिन स्कूलों में भाजपा बूथ खोती है, उन्हीं स्कूलों को ‘मर्ज’ या ‘खत्म’ किया जा रहा है।

चंदौली में बंदरगाह का मुद्दा और ‘लूट तंत्र’ का आरोप

अखिलेश यादव ने चंदौली में बंदरगाह के नाम पर हो रहे भूमि अधिग्रहण का मुद्दा भी उठाया और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि कॉरिडोर के नाम पर भाजपा का एक बहुत बड़ा “लूट तंत्र” सक्रिय है। यह तंत्र तरह-तरह के बहाने बनाकर आसपास के लोगों की जमीन बहुत कम कीमत पर हड़प लेता है और बाद में उसे ऊंचे दामों पर बेच देता है।

उन्होंने लोकसभा चुनाव परिणामों का जिक्र करते हुए कहा कि इसीलिए भाजपा अयोध्या में हार गई और प्रयागराज तथा बनारस में भी हार से बाल-बाल बच गई और अब मथुरा तथा गोरखपुर की बारी है।

अखिलेश यादव के इन आरोपों ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है, खासकर भूमि अधिग्रहण, विकास परियोजनाओं और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर। देखना होगा कि भाजपा इन आरोपों का क्या जवाब देती है और क्या ये मुद्दे आगामी चुनावों में जनता के बीच अपनी जगह बना पाते हैं।

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