यूपी में विकास का महाप्लान, CM योगी के 30 फैसलों से कितनी बदलेगी तस्वीर
यूपी की राजनीति और प्रशासन में हाल ही में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक ने राज्य के विकास के नए अध्याय की शुरुआत कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोक भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक (Cabinet Meeting, Yogi Adityanath Cabinet) में कुल 30 प्रस्तावों को मंजूरी मिली जो प्रदेश की नगरीय और औद्योगिक प्रगति के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। इस बैठक के निर्णय न केवल पुराने लटके हुए प्रोजेक्ट्स को पुनर्जीवित करेंगे बल्कि नए निवेश और आधारभूत संरचना के विस्तार को भी गति देंगे। (UP Cabinet Decisions, Uttar Pradesh New Projects, Investment in UP, UP Infrastructure)
भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2025: शहरी विकास को नया आयाम
बैठक में सबसे अहम निर्णय भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2025 (Building Construction Bye-laws 2025) को मंजूरी देना रहा। इस नए नियमावली के तहत अब छोटे से लेकर बड़े नगरों में भवनों के उपयोग के लिए अधिक लचीलापन मिलेगा। 10 लाख तक की आबादी वाले नगरों में जहां सड़क चौड़ाई 18 मीटर है वहां दुकानों का निर्माण संभव होगा जबकि बड़े शहरों में 24 मीटर चौड़ी सड़कों के किनारे मिश्रित उपयोग की अनुमति दी गई है। इससे उन भूखंड मालिकों को राहत मिलेगी जो पहले सख्त नियमों के कारण व्यवसाय या निर्माण में बाधित थे। इस पहल से शहरी भूखंडों का बेहतर उपयोग होगा जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आर्थिक गतिविधियां भी प्रगति करेंगी। साथ ही यह कदम शहरी नियोजन (UP Urban Development, Uttar Pradesh Urban Development) को भी मजबूत करेगा।
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जेपीएनआईसी परियोजना: नए प्रशासनिक ढांचे के साथ पुनः प्रारंभ
लंबे समय से विवादों में घिरी जेपीएनआईसी परियोजना (JPNIC Project) के संचालन में योगी सरकार ने बड़ा बदलाव किया है। पहले इस परियोजना का प्रबंधन जेपीएनआईसी सोसाइटी के हाथ में था जिसे पारदर्शिता की कमी और संचालन में अस्पष्टता के कारण निरस्त कर दिया गया है। अब इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) को सौंप दी गई है। एलडीए इसे पीपीपी मॉडल (UP PPP Model Project) के तहत चलाएगा जिससे निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और परियोजना को वास्तविक रूप में सफल बनाया जा सकेगा। एलडीए को संचालन नियम निर्धारित करने और सदस्यता खत्म करने के अधिकार भी दिए गए हैं ताकि परियोजना न केवल निर्माण तक सीमित रहे बल्कि सार्वजनिक उपयोग और पारदर्शिता के मानकों पर भी खरा उतरे।
वित्तीय अनुशासन के तहत 821.74 करोड़ रुपये का ऋण रूपांतरण
जेपीएनआईसी पर अब तक खर्च हुए 821.74 करोड़ रुपये को सरकार ने एलडीए के ऋण के रूप में मान्यता दी है। एलडीए को इस राशि को 30 वर्षों में वापस करना होगा जिससे वित्तीय जिम्मेदारी तय होगी और सार्वजनिक धन के प्रभावी उपयोग का मार्ग प्रशस्त होगा। यह निर्णय राज्य की वित्तीय नीतियों में अनुशासन और जवाबदेही को स्थापित करता है (UP Financial Discipline) जिससे बड़े प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन में स्थिरता आएगी।
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लखनऊ में हाईटेक बस टर्मिनल और ग्रीन एनर्जी का समावेश
राजधानी लखनऊ की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए वृंदावन योजना क्षेत्र में अत्याधुनिक बस टर्मिनल (Vrindavan Yojna Bus Terminal, Lucknow Hi-Tech Bus Terminal) बनाने की योजना स्वीकृत की गई है। यह टर्मिनल सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP Model) के माध्यम से विकसित होगा और इसमें इलेक्ट्रिक एवं सीएनजी वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित किए जाएंगे। यह पहल न केवल यात्रियों के लिए सुविधा जनक होगी बल्कि राज्य की पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं को भी सशक्त करेगी।
लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे: विकास और कनेक्टिविटी में नया मोड़
लखनऊ-आगरा और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे (Lucknow Link Expressway, Lucknow Expressway Project) के निर्माण को भी मंजूरी दी गई है। यह एक्सप्रेसवे राजधानी को दो प्रमुख औद्योगिक गलियारों से जोड़ेगा जिससे ट्रैफिक का दबाव कम होगा और औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना से क्षेत्रीय विकास और आर्थिक सुदृढ़ता को नई दिशा मिलेगी। (UP Industrial Development, Bundelkhand Industrial Development Authority)
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बुंदेलखंड के लिए औद्योगिक विकास प्राधिकरण का गठन
पिछड़े बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए विशेष कदम उठाते हुए कैबिनेट ने बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Bundelkhand Industrial Development Authority) की नियमावली को मंजूरी दी है। यह प्राधिकरण स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने और निवेश आकर्षित करने में अहम भूमिका निभाएगा। निजी क्षेत्र को निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं की प्रभावशीलता भी बढ़ेगी। इस फैसले से राज्य सरकार के ‘संतुलित क्षेत्रीय विकास’ के लक्ष्य को साकार करने में मदद मिलेगी। (Yogi Government New Scheme, UP Administrative Reforms)
योगी सरकार की यह कैबिनेट बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इसमें विकास के पुराने फंसे हुए मामलों को सुलझाने के साथ-साथ भविष्य के लिए रोडमैप तैयार किया गया है।