नेताजी को लेकर फर्जी फंडिंग, समाजवाद के नाम पर ठगों का नया जाल
उत्तर प्रदेश की राजनीति (Uttar Pradesh Politics) में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) एक बार फिर चर्चा में है, मगर इस बार वजह चुनावी रणनीति नहीं बल्कि दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव की स्मृति (Mulayam Singh Yadav Memorial) को लेकर की जा रही एक भावनात्मक पहल (Emotional Initiative) और उस पर मंडरा रहा साइबर ठगी (Cyber Fraud) का खतरा है।
पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav Birthday Appeal) ने 29 जून को अपने जन्मदिन के मौके पर एक अनोखी अपील की। उन्होंने समर्थकों से आग्रह किया कि फूल-मालाओं और उपहारों की जगह ‘समाजवादी स्मारक’ (Samajwadi Memorial) निर्माण के लिए आर्थिक सहयोग दें। यह स्मारक उनके पिता और पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की स्मृति को समर्पित होगा।
‘आस्था अंशदान’ (Faith Contribution) का भावनात्मक आग्रह
अखिलेश ने सोशल मीडिया (Social Media Fraud) के ज़रिए स्पष्ट किया कि उनका जन्मदिन किसी उत्सव की तरह नहीं बल्कि समाजवादी आंदोलन की विरासत (Samajwadi Movement Heritage) को आगे बढ़ाने के संकल्प के रूप में मनाया जाए। उन्होंने कहा कि जो भी लोग स्मारक निर्माण में सहयोग करेंगे, उनके नाम को विशेष ‘स्मारक सहयोग पुस्तिका’ (Memorial Support Booklet) में दर्ज किया जाएगा ताकि आने वाली पीढ़ियां उनके योगदान को जान सकें।
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डिजिटल ठगों की नजर भावनाओं पर
जहां एक ओर इस पहल को सपा समर्थकों (Samajwadi Party Support) और जनता से भावनात्मक समर्थन मिल रहा है, वहीं दूसरी तरफ इंटरनेट पर सक्रिय साइबर ठगों (Cyber Crime) ने इसे कमाई का जरिया बना लिया है। समाजवादी पार्टी ने 30 जून को बयान जारी कर बताया कि सोशल मीडिया पर कुछ असामाजिक तत्व नकली खाता नंबर (Fake Account Number) और यूपीआई आईडी (UPI Fraud) फैलाकर स्मारक के नाम पर पैसे वसूले जा रहे हैं।
पार्टी की सख्त चेतावनी (SP Alert) : कोई भुगतान न करें
सपा नेतृत्व ने साफ किया कि अभी तक पार्टी की ओर से किसी भी प्रकार का बैंक खाता (Bank Account Fraud) या डिजिटल भुगतान (Digital Payment) विकल्प घोषित नहीं किया गया है। जब तक कोई आधिकारिक सूचना जारी न हो, किसी भी माध्यम से राशि भेजने से परहेज करें।
पार्टी ने आगे स्पष्ट किया कि जब भी सहयोग राशि स्वीकार करने की प्रक्रिया तय होगी, तो उसे लखनऊ (Lucknow) स्थित पार्टी मुख्यालय के माध्यम से संचालित किया जाएगा। कोई भी फॉर्म, अकाउंट डिटेल या लिंक जो सोशल मीडिया पर दिखाई दे रहा है, पूरी तरह फर्जी (Digital Fraud) हो सकता है।