कपड़े पहनने के बाद उन्हें कितनी बार धोना चाहिए, ज्यादा तर लोग करते हैं ये गलती
क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो एक बार पहनने के बाद फौरन कपड़े वॉशिंग मशीन में डाल देते हैं या फिर आप कपड़ों को तब तक पहनते रहते हैं जब तक उस पर दाग या बद-बू न आ जाए। ये दोनों ही आदतें सामान्य जरूर लग सकती हैं, मगर इनके पीछे छिपे वैज्ञानिक और पर्यावरणीय तथ्यों को जानकर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे।
ज्यादा धुलाई कपड़ों के सही या गलत
हर दफा पोशाक धोने से केवल पानी और बिजली की खपत नहीं होती, बल्कि ये आपके कपड़ों की जिंदगी को भी कम कर देता है। फैब्रिक जल्दी खराब होता है, रंग उड़ जाते हैं और फिटिंग ढीली हो जाती है। और तो और वॉशिंग मशीन से निकलने वाले माइक्रोफाइबर भी जल स्रोतों में पहुंचकर प्रदूषण फैलाते हैं।
कपड़े के प्रकार के अनुसार धोने की समझ जरूरी
पोशाक की सफाई की आदत केवल आपकी स्वच्छता भावना नहीं, बल्कि बैक्टीरिया की मौजूदगी और फैब्रिक के प्रकार पर भी निर्भर करती है। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के मुताबिक, बैक्टीरिया सिंथेटिक कपड़ों जैसे पॉलिएस्टर पर 90 दिनों तक जीवित रह सकते हैं। वहीं, कपास जैसे प्राकृतिक रेशों पर यह समय घटकर 30 दिनों तक रह जाता है। इसलिए सिंथेटिक कपड़ों को बार-बार पहनना और न धोना स्वास्थ्य के लिहाज से नुकसानदेह हो सकता है।
कौन-से कपड़े कितनी बार पहनने के बाद धोने चाहिए
अमेरिका के यूटा स्टेट यूनिवर्सिटी और अमेरिकन क्लीनिंग इंस्टीट्यूट के मुताबिक, अलग-अलग तरह के कपड़ों की धुलाई के लिए यह सामान्य मार्गदर्शिका अपनाई जा सकती है।
- रेशमी और फीतेदार कपड़े: 1 बार पहनने के बाद धोना जरूरी
- टी-शर्ट, अंडरवियर, वर्कआउट गियर: हर बार पहनने के बाद तुरंत धोएं
- स्वेटर और स्वेटशर्ट: 3-4 बार पहनने के बाद धोना काफी
- शाम के गाउन और पार्टी वियर: 3-4 बार पहनने के बाद धोएं
- गर्मियों के हल्के और तंग कपड़े: 1-2 बार पहनने के बाद धोएं
आपको बता दें कि वस्त्र धोने की आदतें अब केवल स्वच्छता तक सीमित नहीं रहीं ये आपके स्वास्थ्य, पर्यावरण और बजट को भी प्रभावित करती हैं। स्मार्ट वॉशिंग की आदत डालकर न सिर्फ आप अपने कपड़ों की उम्र बढ़ा सकते हैं, बल्कि पर्यावरण पर भी अच्छा असर डाल सकते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक औसत वॉशिंग मशीन साइकिल में 20 से 40 लीटर पानी खर्च होता है। यदि आप ऐसे कपड़े बार-बार धो रहे हैं जिन्हें एक से ज्यादा बार पहना जा सकता था, तो आप अनजाने में जल संकट को बढ़ा रहे हैं। ध्यान रहें कपड़े ऐसे धुले कि पानी ज्यादा बर्बाद ना हो।