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पुलिस FIR दर्ज नहीं कर रही तो फौरन करें ये ज़रूरी काम

Law and Rights: देश में चोरी डकैती, लड़ाई झगड़े जैसी घटनाएं रोजाना कहीं न कहीं होती रहती हैं। ऐसे मामलों में पुलिस (Police) की भूमिका बहुत अहम होती है। वो कानून (Law) का पालन सुनिश्चित करती है अपराधियों को पकड़ती है और पीड़ितों को न्याय दिलाने में मदद करती है।

मगर कई बार ऐसा भी होता है कि जब कोई व्यक्ति किसी घटना की शिकायत लेकर पुलिस स्टेशन (Police Station) पहुंचता है तो उसे अपनी FIR दर्ज कराने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कभी कभी पुलिस अधिकारी शिकायत स्वीकार करने से मना कर देते हैं।

इस स्थिति में आप क्या कर सकते हैं। क्या आपकी कोई मददगार व्यवस्था है। क्या आप मजबूर हैं चुप रहने के लिए। बिलकुल नहीं।

इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि यदि पुलिस आपकी FIR दर्ज नहीं कर रही है तो आप किन तरीकों से अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं और अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं।

क्या होती है FIR (First Information Report)

FIR यानी प्रथम सूचना रिपोर्ट एक कानूनी दस्तावेज़ होता है जो पुलिस को यह सूचना देता है कि कोई अपराध हुआ है। FIR दर्ज होना जरूरी है क्योंकि इसके बिना पुलिस अपराध की जांच शुरू नहीं कर सकती। यह पीड़ित या शिकायतकर्ता की आधिकारिक शिकायत होती है।

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पुलिस FIR दर्ज करने से क्यों मना कर सकती है

आप सोचेंगे जब कोई अपराध होता है तो पुलिस FIR दर्ज क्यों नहीं करती। इसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे- मामला पुलिस की समझ से बाहर हो या उसमें कोई अपर्याप्त सबूत हो।

कभी-कभी पुलिस अधिकारी भ्रष्टाचार या किसी दबाव के कारण शिकायत दर्ज करने से इनकार कर देते हैं। कुछ मामलों में मामला गैर-आपराधिक हो सकता है इसलिए पुलिस FIR दर्ज नहीं करती।

मगर याद रखें अगर मामला अपराध का है और FIR दर्ज करने से पुलिस मना कर रही है तो आप अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

पुलिस के सामने FIR दर्ज न होने पर आपके अधिकार

1. सीनियर पुलिस अधिकारी से शिकायत करें

जब कोई थाने का पुलिस अधिकारी आपकी FIR दर्ज करने से इनकार करे तो आपको उसके वरिष्ठ अधिकारी से शिकायत करनी चाहिए। ये अधिकारी आपकी शिकायत सुनेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे।

2. भारतीय न्याय प्रक्रिया संहिता का सहारा लें

अगर सीनियर अधिकारी भी आपकी FIR दर्ज करने से मना करता है तो आप मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट या संबंधित न्यायालय के पास जाकर भारतीय न्याय प्रक्रिया संहिता के तहत शिकायत कर सकते हैं।

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इसके तहत मजिस्ट्रेट, पुलिस को FIR दर्ज करने का आदेश दे सकता है। यह आपके लिए एक बहुत बड़ा अधिकार और बचाव की गारंटी है।

3. पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई

पुलिस अधिकारी जो FIR दर्ज करने से मना कर रहा है उसके खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। यदि पुलिस अधिकारी इस कर्तव्य का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई हो सकती है। इसके लिए आप राज्य पुलिस मुख्यालय या मानवाधिकार आयोग से संपर्क कर सकते हैं।

ऑनलाइन FIR दर्ज करने का विकल्प

आज के डिजिटल युग में पुलिस ने ऑनलाइन FIR दर्ज करने की सुविधा भी प्रदान की है। कई राज्यों की पुलिस विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आप आसानी से घर बैठे अपनी FIR दर्ज करवा सकते हैं।

यह सुविधा उन लोगों के लिए वरदान है जो पुलिस स्टेशन जाकर शिकायत दर्ज कराने में असहज महसूस करते हैं या जिनकी FIR पुलिस ने दर्ज करने से मना किया हो।

ऑनलाइन FIR कैसे करें

  • अपने क्षेत्र की पुलिस विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  • ‘FIR दर्ज करें’ या ‘Register Complaint’ विकल्प चुनें।
  • अपनी पूरी जानकारी भरें जैसे नाम पता घटना का विवरण तारीख और स्थान आदि।
  • शिकायत सबमिट करें।
  • इसके बाद आपको एक शिकायत संख्या या प्रिंटआउट मिलेगा जिससे आप अपनी FIR की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।

FIR दर्ज न होने पर आप क्या कदम उठा सकते हैं

1. लोकल सांसद या विधायक से संपर्क करें

अपने क्षेत्र के सांसद या विधायक से संपर्क कर आप अपनी शिकायत उठा सकते हैं। वे अक्सर ऐसे मामलों में आपकी मदद कर सकते हैं क्योंकि उनके पास जनप्रतिनिधि के तौर पर राजनीतिक दबाव बनाने की क्षमता होती है।

2. मानवाधिकार आयोग या पुलिस शिकायत प्राधिकारी से शिकायत करें

अगर पुलिस अफसरों द्वारा लगातार आपकी FIR दर्ज नहीं की जा रही है तो आप राज्य या राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (Human Right Commission) में भी शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा पुलिस शिकायत प्राधिकारी के पास भी आप अपनी बात रख सकते हैं।

3. मीडिया और सोशल मीडिया का सहारा लें

आज के दौर में मीडिया और सोशल मीडिया का असर बहुत अधिक है। अपनी समस्या को मीडिया के सामने रखकर या सोशल मीडिया पर उठाकर आप पुलिस प्रशासन को अपनी FIR दर्ज कराने के लिए मजबूर कर सकते हैं।

FIR दर्ज कराने में सावधानियां और टिप्स

  • सटीक जानकारी दें: जब भी आप FIR दर्ज कराने जाएं तो पूरी घटना का सच और सटीक विवरण दें।
  • लिखित में मांग करें: यदि पुलिस verbally FIR दर्ज करने से इनकार करे तो आप उनसे लिखित में मना करने का कारण मांग सकते हैं।
  • गवाहों का जिक्र करें: घटना के गवाहों के नाम और संपर्क विवरण FIR में शामिल कराएं।

दूसरे थाने में जाने से न हिचकें

अगर किसी थाने में आपकी FIR नहीं हो रही तो आप दूसरे थाने या पुलिस नियंत्रण कक्ष (Control Room) में जाकर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।

आपका अधिकार है FIR दर्ज कराना

भारत में कानून सबके लिए समान है। किसी भी अपराध की शिकायत दर्ज न होना आपके अधिकारों का हनन है। यदि पुलिस FIR दर्ज करने से मना करती है तो आपके पास कई रास्ते हैं – सीनियर अफसरों को सूचित करना न्यायालय से मदद लेना, ऑनलाइन शिकायत करना और मीडिया का सहारा लेना।

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अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना और सही कदम उठाना ही समाज में कानून-व्यवस्था( Law and Order) बनाए रखने का मूलमंत्र है।

याद रखें कानून की सुरक्षा हर नागरिक का मूलभूत अधिकार (Fundamental Right) है और पुलिस आपकी मदद के लिए ही है।