भारतीय टीम को टेस्ट में कोहली की जरूरत, दिग्गज खिलाड़ी ने विराट से संन्यास ना लेने की अपील की
पिछले शनिवार को क्रिकेट जगत में हलचल मच गई जब वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक अपील की। उन्होंने लिखा कि टेस्ट क्रिकेट को कोहली की जरूरत है। उन्हें मना लिया जाना ही सही है।
ये कोई साधारण पोस्ट नहीं थी- ये क्रिकेट के एक दिग्गज की ओर से आधुनिक युग के सबसे बड़े बल्लेबाजों में से एक विराट कोहली के लिए एक जोरदार गुहार थी कि वो खेल के सबसे लंबे प्रारूप को अलविदा न कहें।
ब्रायन की ये अपील तब आई जब खबरें आईं कि विराट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की अपनी इच्छा से अवगत करा दिया है। ये खबर बिजली की तरह गिरी खासकर तब जब कुछ ही दिनों पहले भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने भी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी और शुभमन गिल नए कप्तान के रूप में उभर रहे हैं।
जैसे-जैसे क्रिकेट जगत इन बड़े बदलावों से जूझ रहा है दिग्गजों, साथियों और फैंस की आवाजें कोहली से पुनर्विचार करने की गुहार लगा रही हैं। मगर उनकी संभावित विदाई इतनी बड़ी क्यों है? आइए इस कहानी के केंद्र में जाएं और जानें कि विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट के लिए इतने जरूरी क्यों हैं।
लारा की बात का वजन
दिग्गज ब्रायन लारा कोई साधारण क्रिकेटर नहीं हैं। 400 नॉट आउट का रिकॉर्ड और बैटिंग में उनकी बेजोड़ शैली उन्हें एक जीवंत किंवदंती बनाती है। जब वो कहते हैं कि टेस्ट क्रिकेट को विराट कोहली की जरूरत है, तो ये कोई अतिशयोक्ति नहीं—ये कोहली के खेल पर विशाल प्रभाव का सबूत है।
लारा की इंस्टाग्राम पोस्ट सिर्फ एक अपील नहीं थी; ये एक भविष्यवाणी थी। उनका मानना है कि विराट जिनका वर्तमान में 123 टेस्ट में 46.85 की औसत से 9,230 रन है, आने वाले सालों में 60 से ऊपर की औसत हासिल कर सकते हैं।
जरा सोचिए। 60 से ऊपर की औसत ये डॉन ब्रैडमैन जैसी उपलब्धि है। लारा का विराट पर इतना भरोसा उनकी प्रतिभा और दृढ़ता को दर्शाता है। मगर इससे भी ज्यादा ये उस खालीपन को उजागर करता है जो कोहली के जाने से टेस्ट क्रिकेट में आएगा, एक ऐसा प्रारूप जो पहले ही टी20 लीग्स के दबदबे में अपनी जगह बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है।
लारा अकेले नहीं थे। पूर्व भारतीय बल्लेबाज अंबाती रायडू अपनी जुझारू और जुनूनी खेल शैली के लिए जाने जाते हैं उन्होंने भी ऐसी ही भावनाएं व्यक्त कीं। रायडू ने एक्स पर लिखा कि रनमशीन विराट कोहली कृपया रिटायर न हों.. भारतीय टीम को आपकी पहले से कहीं ज्यादा जरूरत है।
आपके पास अभी बहुत कुछ है। टीम इंडिया के लिए खेलने के लिए आपके बिना टेस्ट क्रिकेट पहले जैसा नहीं रहेगा.. कृपया पुनर्विचार करें..” रायडू की यह गुहार उन लाखों लोगों की भावनाओं को व्यक्त करती है जो कोहली को सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट की धड़कन मानते हैं।
अंबाती की अपील एक बड़े सत्य को रेखांकित करती है कि टेस्ट क्रिकेट में मौजूदगी सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं है। ये नेतृत्व, जुनून की निरंतर खोज के बारे में है जो साथियों और फैंस को प्रेरित करता है। रोहित शर्मा के जाने के बाद भारतीय टेस्ट टीम एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है। विराट का अनुभव और करिश्मा इस बदलती टीम को एकजुट रखने वाला गोंद हो सकता है।
कोहली की टेस्ट विरासत, आंकड़े और उससे परे
आईये जरा आंकड़ों पर नजर डालें। किंग विराट कोहली ने 123 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें 46.85 की औसत से 9,230 रन बनाए हैं। इनमें 29 शतक और 31 अर्धशतक शामिल हैं- ऐसे आंकड़े जो उन्हें आधुनिक युग के महान बल्लेबाजों में शुमार करते हैं। मगर आंकड़े कहानी का सिर्फ एक हिस्सा हैं। कोहली का टेस्ट करियर उन पलों से परिभाषित होता है जो स्कोरकार्ड से परे जाते हैं: 2018 में एजबेस्टन में उनकी जुझारू 149 रन की पारी, उसी साल पर्थ में शानदार 123 रन और 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया में भारत की ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीत में उनकी कप्तानी।
विराट की बैटिंग स्टाइल और अटूट मानसिक दृढ़ता का मिश्रण है। वह वो खिलाड़ी हैं जो तब क्रीज पर उतरते हैं जब भारत 20 रन पर 3 विकेट खो चुका होता है और फिर भी टीम को संभाल लेते हैं। उनके कवर ड्राइव कविता की तरह हैं, उनकी एकाग्रता साधु जैसी है और रनों की उनकी भूख अतृप्त है। मगर यह सिर्फ बल्ले से उनके योगदान तक सीमित नहीं है। कप्तान के रूप में विराट ने भारत को टेस्ट क्रिकेट में एक ताकतवर टीम बनाया, जिसमें उन्होंने विदेशी धरती पर जीतने का नया आत्मविश्वास भरा।
भारतीय टीम में होने वाले हैं बड़े बदलाव
विराट के कथित फैसले और उस पर आई प्रतिक्रियाओं का समय बहुत जरूरी है। रोहित शर्मा के संन्यास ने पहले ही नेतृत्व में एक खालीपन छोड़ दिया है, जिसमें शुभमन गिल कप्तानी के लिए मजबूत दावेदार हैं। गिल बेहद प्रतिभाशाली हैं मगर रोहित जैसे कप्तान की जगह लेना और कोहली की मौजूदगी को भरना एक बड़ा चुनौती है। भारतीय टेस्ट टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है, जिसमें यशस्वी जायसवाल और ऋषभ पंत जैसे युवा खिलाड़ी अपनी पहचान बना रहे हैं। विराट का अनुभव इस उभरती टीम को एकजुट रख सकता है।
इसके अलावा टेस्ट क्रिकेट स्वयं एक दोराहे पर है। आईपीएल जैसे टी20 लीग्स के उभार ने खिलाड़ियों और प्रशंसकों की प्राथमिकताओं को बदल दिया है। धैर्य और सहनशक्ति की मांग करने वाला यह प्रारूप अपनी जमीन खो रहा है। कोहली जैसे खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट की भावना को जीते हैं, इसके सबसे बड़े दूत हैं। अगर वह चले गए तो नुकसान सिर्फ भारत का नहीं बल्कि पूरे खेल का होगा।
सोशल मीडिया पर फैंस लारा और रायडू की भावनाओं को दोहरा रहे हैं। एक एक्स यूजर ने लिखा कि टेस्ट में किंग कोहली वही हैं जो 90 के दशक में सचिन थे- अनमोल।
एक अन्य ने पोस्ट किया कि विराट के बिना टेस्ट क्रिकेट सूना लगेगा। रन मशीन विराट कोहली वो आग हैं जिसकी हमें जरूरत है। ये प्रतिक्रियाएं सिर्फ पुरानी यादों के बारे में नहीं हैं; ये उस गहरे विश्वास को बताती हैं कि कोहली के पास अभी बहुत कुछ देने को बाकी है।
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