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Israel Iran Tension: कौन है ज्यादा शक्तिशाली, जानें रक्षा बजट और सैन्य शक्ति का फर्क

Israel Iran Tension: इजरायल और ईरान के मध्य विवाद कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। बीते साल ही दोनों देशों के बीच छिटपुट सैन्य अभियान (military operation) हुए थे। मगर 2025 में दोनों देश खुलकर एक-दूसरे से भिड़ गए और एक-दूसरे पर मिसाइलें दागने लगे। इजरायल ने ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला (missile attack) किया, जिसके बाद ईरान ने जवाब में इजरायल पर कई मिसाइलें दागीं।

अब निकट भविष्य (Israel Iran Tension) में ये स्थिति सुधरती नहीं दिख रही है। ऐसे में ये देखना महत्वपूर्ण होगा कि सैन्य रूप से कौन सा देश ज्यादा शक्तिशाली है। कौन सा देश रक्षा पर ज्यादा खर्च (military spending) करता है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) और अन्य वैश्विक आर्थिक संस्थानों के आंकड़ों के अनुसार, दोनों देशों की रणनीतियों और संसाधनों के बीच बहुत बड़ा अंतर है।

इजरायल ने 2024 में रक्षा पर लगभग 46.5 बिलियन डॉलर खर्च किए जो उसके कुल सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 8.8 प्रतिशत है। यह आँकड़ा यूक्रेन के बाद दुनिया में सबसे ज़्यादा है। हालाँकि इजरायल की अर्थव्यवस्था (Israel GDP) मज़बूत है, मगर गाजा और लेबनान में चल रहे संघर्षों के कारण इसका सैन्य खर्च नई ऊँचाइयों पर पहुँच गया है।

अमेरिका इजरायल को कैसे दे रहा है मदद

इजरायल की सैन्य ताकत आधुनिक हथियार प्रणालियों, साइबर सुरक्षा और आयरन डोम (Iron Dome, cyber security) जैसी वायु रक्षा के साथ-साथ संयुक्त राज्य अमेरिका से सालाना 3.8 बिलियन डॉलर की सैन्य सहायता में बड़े निवेश से मज़बूत हो रही है। यह अमेरिकी सहायता उसके कुल रक्षा खर्च का लगभग 8 से 10 प्रतिशत है, जो घरेलू वित्तीय बोझ को थोड़ा कम करता है।

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दूसरी ओर, ईरान ने 2024 में रक्षा पर लगभग 7.9 बिलियन डॉलर खर्च किए, जो सकल घरेलू उत्पाद का केवल 2.2 प्रतिशत है। मगर इसका मतलब यह नहीं है कि ईरान की सैन्य ताकत कमज़ोर है। अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों और आर्थिक संकटों के समय में भी, ईरान अपनी रणनीति के हिस्से के रूप में असममित युद्ध पर निर्भर करता है। यमन में हौथी विद्रोहियों से लेकर इराक और सीरिया में मिलिशिया तक ईरान इन समूहों पर अपनी पकड़ बनाए रखता है। ईरान का बजट मिसाइलों, ड्रोन और परमाणु कार्यक्रम जैसी तकनीकों पर केंद्रित है, जिन्हें सस्ता मगर लागत प्रभावी माना जाता है।

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जब रक्षा व्यय (defense budget) और जीडीपी अनुपात की बात आती है, तो इजरायल का 8.8% वैश्विक औसत 2.2% से कई गुना अधिक है, जबकि ईरान लगभग उसी के आसपास है। हालाँकि कुल खर्च के मामले में इजरायल ईरान से लगभग 6 गुना अधिक खर्च करता है, मगर ईरान का घरेलू उत्पादन और क्रय शक्ति कुछ हद तक इसे संतुलित करने में मदद करती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इजरायल की रणनीति मुख्य रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा और निरोध पर केंद्रित है। वहीं ईरान क्षेत्रीय प्रभाव और राजनीतिक नियंत्रण की ओर बढ़ रहा है। अमेरिकी सहायता इजरायल की निरंतर शक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, वही ईरान की आर्थिक बाधाएँ और प्रतिबंध इसे खुले तौर पर सैन्य खर्च (military strength) बढ़ाने से रोकते हैं।

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