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जानें कितनी है पाकिस्तान में एक तोला सोने की कीमत, जानकर भारतीय होने पर होगा गर्व

भारत में सोने की कीमतों ने ऐतिहासिक उछाल लेते हुए पहली दफा एक लाख रुपए प्रति तोला का आंकड़ा पार कर लिया है। इस रिकॉर्ड तोड़ कीमत ने न सिर्फ निवेशकों को चौंकाया है बल्कि आम आवाम और सर्राफा बाजार में भी हलचल मचा दी है।

धार्मिक आस्था से जुड़ा है सोना

हमारे देश में सोना महज एक धातु नहीं बल्कि आस्था और परंपरा का प्रतीक है। हिंदू धर्म में सोने को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। शादी, त्योहार और खास मौकों पर सोना खरीदना न सिर्फ शुभ समझा जाता है बल्कि ये समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक भी है। अक्षय तृतीया, धनतेरस और दीवाली जैसे पर्वों पर इसकी मांग चरम पर रहती है।

मगर अब जब एक तोला (10 ग्राम) सोने की कीमत एक लाख रुपये से अधिक हो गई है तो ये पारंपरिक खरीदारी आम परिवारों के लिए चिंता का सबब बनती जा रही है।

जीएसटी और मेकिंग चार्ज ने बढ़ाया बोझ

मौजूदा वक्त में भारत में एक तोला 24 कैरेट सोने की बाजार कीमत करीब 1,00,000 रुपए है। मगर इसमें 3% वस्तु एवं सेवा कर (GST) और विनिर्माण लागत (making charges) जोड़ने के बाद यह कीमत और भी अधिक हो जाती है। ऐसे में उपभोक्ता के लिए शुद्ध सोने की खरीद पहले से कहीं अधिक महंगी हो चुकी है।

भारत ही नहीं, पाकिस्तान भी प्रभावित

भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। वहां एक तोला 24 कैरेट सोने की कीमत 3,79,150 पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच चुकी है। तो वहीं 10 ग्राम सोना 3,25,065 पाकिस्तानी रुपये में बिक रहा है। वहां भी आम जनता महंगाई और बढ़ते सोने के दामों से परेशान है।

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि निरंतर गिरती पाकिस्तानी मुद्रा और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता इसके प्रमुख कारण हैं।

🇺🇸 अंतरराष्ट्रीय तनाव की भूमिका

विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका की मौद्रिक नीति, ब्याज दरों में अनिश्चितता और करों को लेकर वैश्विक स्तर पर चल रही खींचतान ने निवेशकों को सुरक्षित ठिकानों की ओर मोड़ा है और सोना सदियों से ‘सेफ हेवन’ माना जाता रहा है।

विशेषज्ञों के अनुसार, “जब भी दुनिया में भू-राजनीतिक तनाव या आर्थिक अनिश्चितता होती है, सोने की मांग बढ़ती है। फिलहाल अमेरिका और कुछ अन्य देशों के बीच व्यापारिक कर विवाद और डॉलर में उतार-चढ़ाव ने इस ट्रेंड को और तेज कर दिया है।”

आम निवेशक क्या करें

सोने की बढ़ती कीमतों ने निवेशकों को दो भागों में बाँट दिया है। एक ओर वे लोग हैं जो इसे निवेश का बेहतरीन अवसर मानते हैं, तो दूसरी ओर वे लोग जो मानते हैं कि अब सोना खरीदना व्यावहारिक नहीं रह गया है।

फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स राय दे रहे हैं कि जो निवेशक लंबी अवधि के लिए सोना खरीदना चाहते हैं, वे डिजिटल गोल्ड, गोल्ड बॉन्ड या ईटीएफ जैसे विकल्पों पर विचार करें। फिजिकल गोल्ड की तुलना में ये विकल्प अधिक पारदर्शी और टैक्स-फ्रेंडली हैं।

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