साइक्लिंगस्पोर्टस्पोर्ट्स

क्या पंत बनेंगे अगले धोनी, जानें क्यों ऋषभ टेस्ट उप-कप्तानी के लिए हैं बेस्ट विकल्प

भारतीय क्रिकेट (Team India) के सबसे चमकते सितारों में से एक ऋषभ पंत (Rishabh Pant) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार ये उनके बल्ले की धमाकेदार पारियों के लिए नहीं बल्कि टेस्ट क्रिकेट में भारत के संभावित उप-कप्तान के रूप में उभरने की खबरों के लिए है। जैसे ही भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड दौरे की तैयारी कर रही है क्रिकेट प्रशंसकों और विशेषज्ञों के बीच इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि क्या पंत इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए सही विकल्प हैं। आइए इस संभावना के पीछे की कहानी को करीब से देखें और समझें कि क्यों पंत इस जिम्मेदारी के लिए सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं।

पंत का टेस्ट क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन

ऋषभ पंत (Rishabh Pant) का टेस्ट क्रिकेट में रिकॉर्ड किसी भी तरह से कम नहीं है। 42 से अधिक की औसत और ऑस्ट्रेलिया इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसे चुनौतीपूर्ण मैदानों पर शतकों के साथ पंत ने साबित किया है कि वे न केवल भारत के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाजों में से एक हैं बल्कि विश्व क्रिकेट में भी एक बड़ा नाम हैं। उनके बल्ले ने 90 से 99 के बीच सात स्कोर बनाए हैं जो उनकी निरंतरता और दबाव में खेलने की क्षमता को दर्शाता है।

पंत की सबसे बड़ी ताकत उनकी तूफानी बैटिंग और खेल को तेजी से बदलने की क्षमता है। चाहे वह गाबा में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक जीत हो या इंग्लैंड में उनके शतक की बदौलत भारत की वापसी पंत ने बार-बार दिखाया है कि वे किसी भी परिस्थिति में खेल को अपने पक्ष में मोड़ सकते हैं। उनकी विकेटकीपिंग भी समय के साथ बेहतर हुई है और अब वे भारतीय टेस्ट टीम के एक अभिन्न अंग हैं।

उप-कप्तानी के लिए क्यों पंत

उप-कप्तान का चयन कोई छोटा फैसला नहीं है। ये न केवल खिलाड़ी की ऑन-फील्ड क्षमता पर निर्भर करता है बल्कि उनकी नेतृत्व क्षमता टीम के भीतर विश्वसनीयता और भविष्य की योजनाओं पर भी। पंत के पक्ष में कई मजबूत तर्क हैं। सबसे पहले उनकी बैटिंग का रिकॉर्ड। विदेशी परिस्थितियों में जहां कई बल्लेबाज संघर्ष करते हैं पंत ने लगातार रन बनाए हैं। ये उन्हें इंग्लैंड जैसे दौरे के लिए एक आदर्श उम्मीदवार बनाता है जहां बैटिंग की गहराई और आक्रामकता महत्वपूर्ण होगी।

दूसरा जसप्रीत बुमराह का नाम भी उप-कप्तानी के लिए चर्चा में था मगर उनके कार्यभार और पूरी श्रृंखला में उपलब्धता की अनिश्चितता ने इस विकल्प को कम व्यवहार्य बना दिया। बुमराह जैसे विश्व स्तरीय गेंदबाज को उनकी फिटनेस और प्रदर्शन पर ध्यान देना होगा और उप-कप्तानी का अतिरिक्त बोझ उनके लिए ठीक नहीं होगा। इस स्थिति में पंत एक स्वाभाविक पसंद बनकर उभरे हैं।

नेतृत्व में पंत की संभावनाएं

पंत ने पहले भी नेतृत्व की भूमिका निभाई है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान के रूप में उन्होंने युवा और अनुभवी खिलाड़ियों के मिश्रण को संभालने की अपनी क्षमता दिखाई है। उनकी ऊर्जा उत्साह और खेल के प्रति जुनून उन्हें ड्रेसिंग रूम में एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व बनाता है। बैस्ट के एक सूत्र ने कहा “अगर प्लेयर्स कैप्टन नहीं हैं तो उन्हें उप-कैप्टनीज़ की सराहना करने का कोई मतलब नहीं है।” ये बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि उप-कप्तानी केवल एक औपचारिक भूमिका नहीं है बल्कि ये भविष्य के कप्तान को तैयार करने का एक कदम हो सकता है।

ऋषभ की उम्र भी उनके पक्ष में है। 27 साल की उम्र में वे लंबे समय तक भारतीय क्रिकेट की सेवा कर सकते हैं। रोहित शर्मा जो वर्तमान में टेस्ट कप्तान हैं जल्द ही अपने करियर के अंतिम चरण में प्रवेश कर सकते हैं। स्पोर्टस्टार ने पहले बताया था कि रोहित के संन्यास के बाद शुभमन गिल टेस्ट कप्तानी की दौड़ में सबसे आगे हैं। हालांकि पंत को उप-कप्तान बनाना ये संकेत दे सकता है कि चयनकर्ता उन्हें भी भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं।

इंग्लैंड दौरा: एक बड़ा अवसर

इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टीम की घोषणा मई 2025 के तीसरे सप्ताह के अंत में होने वाली है जबकि भारत ए टीम की घोषणा अगले सप्ताह की शुरुआत में होगी। ये दौरा भारतीय क्रिकेट के लिए महत्वपूर्ण होगा क्योंकि इंग्लैंड की परिस्थितियां हमेशा से चुनौतीपूर्ण रही हैं। स्विंग और सीम मूवमेंट के लिए मशहूर इंग्लिश पिचों पर पंत की आक्रामक बैटिंग और विकेटकीपिंग कौशल भारत के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं।

आर. पंत का इंग्लैंड में पहले का रिकॉर्ड भी प्रभावशाली है। 2021 के दौरे पर उन्होंने न केवल बल्ले से योगदान दिया बल्कि विकेट के पीछे भी शानदार प्रदर्शन किया। उनकी ऊर्जा और आत्मविश्वास ने युवा भारतीय टीम को प्रेरित किया और अब उप-कप्तान के रूप में वे इस भूमिका को और भी प्रभावी ढंग से निभा सकते हैं।

चुनौतियां और अपेक्षाएं

हालांकि उप-कप्तानी की भूमिका अपने साथ कई चुनौतियां भी लाती है। पंत को न केवल अपनी बैटिंग और विकेटकीपिंग पर ध्यान देना होगा बल्कि कप्तान रोहित शर्मा के साथ मिलकर रणनीति बनाने और मैदान पर त्वरित निर्णय लेने की जिम्मेदारी भी निभानी होगी। उनकी आक्रामक शैली जो उनकी सबसे बड़ी ताकत है कभी-कभी जोखिम भरी भी हो सकती है। उप-कप्तान के रूप में उन्हें इस जोखिम को संतुलित करना होगा और टीम के हित को प्राथमिकता देनी होगी।

इसके अलावा चयनकर्ताओं और प्रशंसकों की अपेक्षाएं भी पंत पर दबाव डाल सकती हैं। भारतीय क्रिकेट में नेतृत्व की भूमिकाएं हमेशा से जांच के दायरे में रही हैं और पंत को इसकी आदत डालनी होगी। मगर अगर कोई खिलाड़ी इस दबाव को झेल सकता है तो वह पंत हैं। उनकी निडरता और “खुद पर भरोसा” का रवैया उन्हें इस चुनौती के लिए तैयार करता है।

प्रशंसकों का उत्साह

सोशल मीडिया पर प्रशंसक पहले ही पंत को उप-कप्तान के रूप में देखने के लिए उत्साहित हैं। उनके आक्रामक खेल और मैदान पर मजेदार हरकतों ने उन्हें युवा प्रशंसकों का चहेता बना दिया है। ट्विटर पर एक प्रशंसक ने लिखा “पंत को उप-कप्तान बनाना भारत का मास्टरस्ट्रोक होगा। वह मैदान पर आग लगाते हैं और ड्रेसिंग रूम में माहौल बनाते हैं।” एक अन्य ने कहा “अगर पंत उप-कप्तान बनते हैं तो ये भविष्य के लिए एक बड़ा कदम होगा। वह अगले धोनी हो सकते हैं।”

ऋषभ पंत (Rishabh Pant) भारतीय क्रिकेट के लिए एक अनमोल रत्न हैं। उनकी बैटिंग विकेटकीपिंग और नेतृत्व क्षमता उन्हें टेस्ट क्रिकेट में उप-कप्तानी के लिए एक मजबूत दावेदार बनाती है। इंग्लैंड दौरा उनके लिए एक बड़ा अवसर होगा जहां वे न केवल अपने बल्ले से बल्कि अपनी रणनीतिक समझ और नेतृत्व से भी भारत को जीत दिला सकते हैं।

क्या पंत इस भूमिका में चमकेंगे? क्या वे भविष्य में भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान बनेंगे? ये सवाल अभी अनुत्तरित हैं मगर एक बात निश्चित है—पंत का उत्साह उनकी निडरता और उनका जुनून उन्हें भारतीय क्रिकेट के अगले बड़े सितारे के रूप में स्थापित करने के लिए तैयार है।

3 thoughts on “क्या पंत बनेंगे अगले धोनी, जानें क्यों ऋषभ टेस्ट उप-कप्तानी के लिए हैं बेस्ट विकल्प

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *