इंटरनेटइंडियापॉलिटिक्ससरकार

राजनीतिक मेलजोल! अखिलेश की मांग पर मायावती का समर्थन, केंद्र से जवाब की दरकार

भारत में हर चुनावी मौसम के साथ नई-नई राजनीतिक चर्चाएं (Political Discussions) और विवाद उभरते हैं। इस बार उत्तर प्रदेश की राजनीति (UP Politics) में एक और गर्मा-गर्मी वाली बहस शुरू हो गई है जातीय जनगणना 2027 (caste census 2027)।

केंद्र सरकार (central government) ने 16 जून को जनगणना की अधिसूचना (census notification ) जारी करते ही उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा जैसे बड़े राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। दोनों दलों ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी और ईमानदारी से पूरा करने की मांग की है, मगर उनका तरीका अलग है।

सपा का विरोध और सख्त निगरानी की अपील

समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने केंद्र सरकार के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए इस पर गंभीर शक व्यक्त किया। उन्होंने जनगणना अधिसूचना जारी होने के बाद भाजपा सरकार (BJP government) के आंकड़ों पर विश्वास न करने की बात कही। यादव ने यह तर्क दिया कि अगर एक सरकार प्रयागराज महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजन में हुई भगदड़ की मौतों पर झूठ बोल सकती है, तो जातीय जनगणना और मतदाता सूची के आंकड़ों के मामले में उसका भरोसा कैसे किया जा सकता है।

ये भी पढ़ें- सोने की मूर्तियों से अखिलेश यादव की सियासी चाल, क्या बीजेपी की काट मिल गई

पूर्व सीएम अखिलेश ने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे जातीय जनगणना (caste census 2027) के आंकड़ों पर पैनी नजर रखें और किसी भी गड़बड़ी के खिलाफ सतर्क रहें। उनका यह बयान इस बात को दर्शाता है कि सपा आगामी चुनावों में जातीय जनगणना के आंकड़ों को लेकर कोई चूक नहीं होने देना चाहती है और इसके हर पहलू की गहरी निगरानी करेगी।

मायावती ने क्या प्रतिक्रिया दी

वहीं, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय दी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर उन्होंने भाजपा सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और कहा कि केंद्र सरकार के 11 वर्षों के कार्यकाल का वास्तविक असर जनता पर क्या पड़ा है, इसका सही जवाब समय आने पर जनता देगी।

ये भी पढ़ें- पंचायत इलेक्शन से पहले सपा का लिटमस टेस्ट, क्या गांवों में बनी रहेगी पकड़

जातीय जनगणना (caste census 2027) के सिलसिले में मायावती ने ये भी कहा कि यह काम कांग्रेस सरकार के दौरान लटका हुआ था और अब, लंबे समय बाद ये प्रक्रिया शुरू हो रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि जनकल्याण से जुड़ा ये महत्वपूर्ण कार्य ईमानदारी से वक्त पर पूरा किया जाए ताकि इसका फायदा देश और समाज को सही तरीके से मिल सके। आपको बता दें कि बसपा अध्यक्ष का इस मुद्दे पर सवाल उठाना ऐसा प्रतीत होता है कि वो अखिलेश यादव की मांग से पूरी तरह सहमत हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *