MI vs GT Dream 11 प्रीव्यू, जानें कौन बनेगा गेम चेंजर
वानखेड़े मैदान में जब मुंबई इंडियंस और गुजरात टाइटन्स आमने-सामने होंगी तो सिर्फ दो पॉइंट्स ही दांव पर नहीं होंगे बल्कि यह मुकाबला प्लेऑफ की ओर बढ़ते रास्ते की दिशा तय करेगा। मुंबई जहाँ निरंतर छह मैच जीतकर जबरदस्त फॉर्म में है। वहीं गुजरात टाइटन्स ने जयपुर में मिली हार के बाद वापसी करते हुए हैदराबाद के विरुद्ध ‘लगभग परफेक्ट’ प्रदर्शन से अपनी प्लेऑफ की उम्मीदें ज़िंदा रखी हैं।
मुंबई इंडियंस: रोहित के रूप में लौटते ही बदली किस्मत
भारतीय प्रीमियर लीग 2025 की शुरुआत में मुंबई इंडियंस का हाल कुछ खास नहीं था। मगर जैसे ही रोहित शर्मा ने फॉर्म पकड़ी, टीम ने रफ्तार पकड़ ली। उनकी कप्तानी और बल्ले से योगदान ने एक बार फिर दिखा दिया कि अनुभव और क्लास को कोई रिप्लेस नहीं कर सकता।
सूर्यकुमार यादव इस सीज़न में बल्लेबाजी की ज़िम्मेदारी भी निभा रहे हैं, मैदान पर शानदार लय में दिखे हैं। जसप्रीत बुमराह की वापसी ने बॉलिंग अटैक में धार ला दी है। मगर असली सरप्राइज़ रहे हैं टीम के सहायक खिलाड़ी कॉर्बिन बॉश, कर्ण शर्मा और नेहाल वढेरा जैसे युवा खिलाड़ियों ने मौके का भरपूर फायदा उठाया और टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई।
गुजरात टाइटन्स में नए जोश के साथ लौटे रबाडा
गुजरात के लिए ये मुकाबला ‘करो या मरो’ जैसा है। कैगिसो रबाडा की वापसी से टीम को तेज़ गेंदबाज़ी में नई जान मिलेगी। वे एक महीने के निलंबन के बाद खेलने को तैयार हैं और साथ में लुंगी एन्गिडी जैसे दूसरे प्रोटियाज पेसर के साथ वानखेड़े की पिच पर कहर बरपा सकते हैं।
जोश बटलर की फॉर्म में वापसी और साई सुदर्शन का निरंतर प्रदर्शन टीम के लिए सकारात्मक संकेत हैं। मगर एक चिंता की बात है गुजरात का मध्यक्रम। अब तक, शीर्ष क्रम में ही रन बने हैं। अगर शुरुआती विकेट जल्दी गिरते हैं, तो टीम को मिडल ऑर्डर से भरोसेमंद प्रदर्शन की ज़रूरत होगी।
Dream 11 के लिए सुझाई गई टीम (Match 56 – MI vs GT)
- बैट्समैन: साई सुदर्शन, जोस बटलर, विल जैक्स, सूर्यकुमार यादव (कप्तान), हार्दिक पंड्या
- ऑलराउंडर: शाहरुख खान
- बॉलर: ट्रेंट बोल्ट, जसप्रीत बुमराह (उप-कप्तान), राशिद खान, आर साई किशोर, प्रिसिध कृष्णा
क्लाइमैक्स की ओर बढ़ता लीग स्टेज
सीज़न के इस पड़ाव पर हर मुकाबला निर्णायक होता जा रहा है। जहां मुंबई इंडियंस अपनी विनिंग स्ट्रीक को बरकरार रखना चाहेगी, वहीं गुजरात टाइटन्स के पास अब गलती की कोई गुंजाइश नहीं बची है।
वानखेड़े की पिच आमतौर पर बल्लेबाज़ों के लिए मददगार मानी जाती है, मगर शाम को नमी और तेज़ गेंदबाज़ों को मिलती हल्की स्विंग गेम का रुख बदल सकती है। दोनों टीमों की तेज़ गेंदबाज़ी यूनिट्स इसे बखूबी भुना सकती हैं।