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नमो भारत रैपिड रेल: वाराणसी से लखनऊ अब सिर्फ 3 घंटे में, किराया और रूट देखें

भारत की अर्थव्यवस्था जिस हिसाब से आगे बढ़ रही है उसी हिसाब से उसका इंफ्रास्ट्रक्चर भी नई ऊंचाइयों को छू रहा है। खासकर भारतीय रेलवे जो अब केवल एक परिवहन का साधन नहीं बल्कि आर्थिक विकास का इंजन बनता जा रहा है। इस कड़ी में एक बड़ा कदम है नमो भारत रैपिड रेल। ये वाराणसी और लखनऊ के मध्य लोगों की यात्रा को पहले से कहीं ज्यादा तेज़ सुविधाजनक और हाईटेक बनाने जा रही है।

इस रैपिड रेल सेवा को पहले ‘वंदे मेट्रो’ के नाम से जाना जाता था मगर अब इसे ‘नमो भारत’ के रूप में ब्रांड किया गया है। ये सेवा न केवल यात्रियों को वक्त की बचत देगी बल्कि उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख सांस्कृतिक और राजनीतिक शहरों को आपस में जोड़ते हुए आर्थिक गतिविधियों को भी नई रफ्तार देगी।

यात्रा होगी तेज़ और सरल

ये 16 डिब्बे की एसी वाली ट्रेन लगभग 324 किलोमीटर की दूरी को तीन घंटे से भी कम वक्त में पूरा करेगी। ट्रेन सवेरे सवेरे 8 बजे वाराणसी से रवाना होकर लगभग 11 बजे राजधानी लखनऊ पहुंचेगी। वापसी यात्रा शाम 4 बजे लखनऊ से शुरू होकर रात 7 बजे वाराणसी पहुंचेगी। यानी अब वाराणसी-लखनऊ के बीच का सफर एक दिन में बड़ी आसानी से निपटाया जा सकता है।

इन स्टेशनों को जोड़ेगी

इस हाई-स्पीड ट्रेन का मार्ग रणनीतिक रूप से तय किया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका फायदा मिल सके। ट्रेन अयोध्या धाम जौनपुर जंक्शन और बाराबंकी जंक्शन जैसे अहम स्टेशनों पर रुकेगी जिससे ये सेवा तीर्थ यात्रियों व्यापारियों और आम आवाम के लिए समान रूप से उपयोगी बन जाएगी।

जेब पर भी भारी नहीं, जानें कितना किराया लगेगा

जहाँ वंदे भारत या अन्य हाई-स्पीड सेवाएं कुछ यात्रियों के लिए महंगी साबित हो सकती हैं। वहीं नमो भारत का अनारक्षित किराया मात्र 500 से 550 रुपए के आस पास रहने की उम्मीद है। यानी सुविधाएं भी और सस्ती भी ये आम आवाम के लिए एक अच्छी बात है।

रेल नेटवर्क से होता है विकसित राष्ट्र निर्माण

रेलवे प्रशासन का कहना है कि एक मजबूत रेल नेटवर्क न सिर्फ सामाजिक और आर्थिक समावेशन में इजाफा करता है बल्कि ये पर्यावरणीय लिहाज से भी बहुत सही है। कम वक्त में लंबी दूरी तय करने से कार्बन उत्सर्जन कम होता है और सड़कों पर ट्रैफिक का बोझ भी कम होता है। आपको बता दें कि जब ये ट्रेन अपनी पहली यात्रा पर निकलेगी तब ये न सिर्फ दूर दराज के शहरों को जोड़ेगी बल्कि एक नए भारत की कहानी भी लिखेगी।

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