लीग ठप, खिलाड़ी रवाना और फाइनल की नई तारीख; क्या बदले हालात में लौट आएगा आईपीएल का रोमांच
8 मई 2025 तारीख इतिहास में दर्ज हो गई। इस दिन सिर्फ दो देशों के बीच सैन्य टकराव नहीं हुआ बल्कि उसका असर भारत की सबसे बड़ी स्पोर्ट्स लीग आईपीएल पर भी पड़ा। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के चलते बीसीसीआई को लीग को तत्काल प्रभाव से निलंबित करना पड़ा। यह फैसला न केवल खेल प्रेमियों के लिए झटका था बल्कि फ्रेंचाइज़ियों और खिलाड़ियों के लिए भी एक बड़ा संकट बनकर आया।
अब जबकि 17 मई से लीग को फिर से शुरू करने की घोषणा हो चुकी है और फाइनल 25 मई की जगह 3 जून को खेला जाएगा सवाल यह है क्या लीग फिर से उसी ऊर्जा और उत्साह के साथ पटरी पर लौट पाएगी।
जब रुक गया क्रिकेट का कारवां
भारत-पाकिस्तान सैन्य झड़प की खबरें जब सामने आईं तब लीग का माहौल अपने चरम पर था। सभी टीमें प्लेऑफ की दौड़ में जी-जान से जुटी थीं मगर एक झटके में मैदान सूने हो गए। धर्मशाला में दिल्ली कैपिटल्स और पंजाब किंग्स के बीच खेला जा रहा मैच हवाई हमले की चेतावनी के बाद बीच में ही रोक दिया गया। ये घटना बताती है कि खेल भले ही जिंदगी का हिस्सा है मगर कभी-कभी परिस्थितियाँ उससे कहीं ज्यादा निर्णायक हो जाती हैं।
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बीसीसीआई ने सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए लीग को रोकने का फैसला किया और यह फैसला तर्कसंगत भी था। खिलाड़ियों अंपायर्स सपोर्ट स्टाफ और दर्शकों की सुरक्षा से बड़ा कोई मुद्दा नहीं हो सकता।
मिशेल स्टार्क की वापसी पर विराम
लीग दोबारा शुरू हो रही है मगर कई विदेशी खिलाड़ी अब तक संशय में हैं। सबसे बड़ा नाम है ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज़ मिशेल स्टार्क का। स्टार्क ने अपनी फ्रेंचाइज़ी दिल्ली कैपिटल्स को सूचित कर दिया है कि वे भारत नहीं लौटेंगे।
ऑस्ट्रेलियाई एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार स्टार्क ने साफ़ कर दिया है कि वे धर्मशाला वाले मैच के एक सप्ताह बाद तक उपलब्ध नहीं होंगे। इसके पीछे सुरक्षा चिंताएं और विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप की तैयारी बताई जा रही है।
दिल्ली के लिए यह जबरदस्त झटका है क्योंकि स्टार्क इस सीजन में टीम के टॉप विकेट-टेकर रहे हैं 11 मैचों में 14 विकेट औसत 26.14। टीम की प्लेऑफ में पहुंचने की संभावनाएं पहले ही डांवाडोल थीं और अब उनके बिना मुकाबले जीतना और भी मुश्किल हो सकता है।
खिलाड़ियों की वापसी बनी पहेली
सिर्फ मिशेल स्टार्क ही नहीं कई विदेशी खिलाड़ी अभी तक लौटने के मूड में नहीं हैं। फाफ डु प्लेसिस जो अनुभवी बल्लेबाज हैं और दिल्ली की रीढ़ माने जाते हैं उनकी वापसी पर भी अनिश्चितता बनी हुई है। ट्रिस्टन स्टब्स ने साफ कर दिया है कि वह सिर्फ लीग चरण तक ही खेलेंगे। उसके बाद वह डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए रवाना हो जाएंगे।
जेक फ्रेजर-मैकगर्क ने भी भारत लौटने से इनकार कर दिया है जिसके बाद दिल्ली कैपिटल्स ने उनकी जगह मुस्तफिजुर रहमान को शामिल किया है।
मगर कहानी यहीं खत्म नहीं होती बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) ने अब तक इस बाएं हाथ के तेज गेंदबाज को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) नहीं दिया है। यानी दिल्ली की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं।
आईपीएल की साख पर सवाल
ऐसे हालात में सवाल उठता है क्या आईपीएल की वैश्विक साख पर असर पड़ा है। विदेशी खिलाड़ियों की अनिच्छा अनिश्चित सुरक्षा हालात और लीग के स्थगन से दुनिया भर में जो संदेश गया वह थोड़ा चिंता का विषय जरूर है।
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आईपीएल सिर्फ एक लीग नहीं एक ब्रांड है जो हर साल खिलाड़ियों को करोड़ों में अनुबंध देता है और दर्शकों को असीमित रोमांच। मगर जब जंग का साया इस ब्रांड पर पड़ता है तब बीसीसीआई और सरकार दोनों के लिए यह परीक्षा की घड़ी बन जाती है।
बीसीसीआई ने सरकार से आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद लीग को दोबारा शुरू करने का फैसला लिया जिससे स्पष्ट है कि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अब सख्त निगरानी की जाएगी।
फ्रेंचाइज़ियों के लिए चुनौतीपूर्ण वापसी
- अब जब टीमों को 17 मई से दोबारा मैदान में उतरना है तो उनके सामने कई चुनौतियां हैं- जैसे;
- पुनर्गठन की चुनौती: अचानक लौटने वाले या नहीं लौटने वाले खिलाड़ियों के कारण स्क्वॉड में बड़े बदलाव करने पड़ रहे हैं।
- मनोबल की गिरावट: ऐसे हालात में खिलाड़ियों का मनोबल प्रभावित हो सकता है खासकर युवा खिलाड़ियों का।
- कंडीशन और प्रैक्टिस: हफ्तों के ब्रेक के बाद फिर से उसी लय में खेलना आसान नहीं होता।
- प्रशंसकों का भरोसा: लीग की विश्वसनीयता बनाए रखना भी एक अहम जिम्मेदारी है।
क्या भारत लौटेंगे और खिलाड़ी
कुछ खिलाड़ी दबाव और अनिश्चितता के चलते भारत नहीं लौट रहे तो कुछ अपने राष्ट्रीय टीम की प्रतिबद्धताओं के कारण भी अनुपलब्ध हैं। खासकर उन देशों के खिलाड़ी जो डब्ल्यूटीसी फाइनल या आगामी अंतरराष्ट्रीय सीरीज़ की तैयारियों में जुटे हैं।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया बीसीबी और क्रिकेट साउथ अफ्रीका जैसे बोर्डों की भूमिका अब बहुत अहम हो गई है। उनकी हरी झंडी के बिना कोई खिलाड़ी भारत नहीं लौट सकता। ऐसे में बीसीसीआई को इन बोर्डों के साथ बेहतर तालमेल बनाना होगा ताकि अगले सीज़नों में ऐसे हालात से बेहतर तरीके से निपटा जा सके।
आगे क्या
17 मई से जब लीग फिर से शुरू होगी तब हर टीम को अपनी रणनीति नए सिरे से बनानी होगी। 3 जून को फाइनल खेला जाएगा यानी बाकी के मैचों का शेड्यूल और भी सघन होगा जो खिलाड़ियों की फिटनेस और थकान के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। दिल्ली कैपिटल्स जैसी टीमें जिनके स्टार खिलाड़ी अब अनुपस्थित हैं उनके पास बहुत सीमित विकल्प रह जाएंगे।
क्रिकेट और सियासत भले ही दो अलग क्षेत्र हों मगर जब देश की सरहदें गरम होती हैं तो उसका असर क्रिकेट जैसे जनप्रिय खेल पर भी पड़ता है। आईपीएल 2025 के स्थगन और पुनः आरंभ की कहानी सिर्फ एक टूर्नामेंट के निलंबन की नहीं है यह एक मजबूत मैनेजमेंट खिलाड़ियों की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की परीक्षा भी है।
बीसीसीआई को इस अनुभव से सीखते हुए आगामी सीज़न के लिए पहले से कंटीजेंसी प्लान तैयार करने होंगे। और हमें यह भी समझना होगा कि खेल के मैदान पर जब खिलाड़ी उतरते हैं तो उनके पीछे एक बड़ा नेटवर्क काम करता है जिसमें बोर्ड सरकार फ्रेंचाइज़ी और फैंस सभी शामिल हैं।
17 मई से शुरू हो रही इस नई शुरुआत में यही उम्मीद है क्रिकेट फिर से जमे रोमांच फिर लौटे और आईपीएल फिर वही चमक बिखेरे जिसके लिए यह दुनिया भर में जाना जाता है।
Ha Bilkul 😯 Good News