अब चेक जारी करते वक्त रहें सावधान, नया कानून बना सकता है आपको जेल का मेहमान
cheque bounce new rules: यदि आप भी आज के डिजिटल युग में अब भी चेक के ज़रिए लेन-देन करते हैं, तो यह लेख आपके लिए बहुत अहम है। सरकार ने ‘चेक बाउंस’ से जुड़े कानूनों को न सिर्फ कड़ा कर दिया है बल्कि अब इसके मुजरिमों को सीधा जेल भेजा जा सकता है। जरा सी चूक जैसे खाते में पैसे न होना, हस्ताक्षर मेल न खाना या तारीख भरने में गलती आपको हजारों का जुर्माना और दो साल तक की सजा दिला सकती है।
आज हम इसी पर विस्तार से बात करेंगे कि नए नियम क्या हैं, इनका आपकी जिंदगी और कारोबार पर क्या असर पड़ेगा और चेक जारी करते वक्त आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
चेक बाउंस क्यों है गंभीर मामला
चेक बाउंस तब होता है जब आपने किसी को चेक से भुगतान किया मगर उस चेक के बैंक में प्रस्तुत होने पर वह अस्वीकार कर दिया गया। इसके कई कारण हो सकते हैं।
- आपके खाते में पर्याप्त धनराशि नहीं होना
- चेक पर हस्ताक्षर मेल न खाना
- तारीख गलत भरना या चेक की वैधता समाप्त हो जाना
- भुगतान पर रोक (Stop Payment) का आदेश देना
- कभी यह सिर्फ एक वित्तीय गलती मानी जाती थी, मगर अब इसे एक कानूनन अपराध घोषित कर दिया गया है।
क्या कहते हैं नए नियम
केंद्र सरकार ने परक्राम्य लिखत अधिनियम (Negotiable Instruments Act) की धारा 138 के तहत चेक बाउंस मामलों को गंभीर आपराधिक श्रेणी में डाल दिया है। आइए समझते हैं इसका मतलब-
- चेक बाउंस पर 2 साल तक की जेल हो सकती है
- या चेक राशि के दोगुने तक जुर्माना लग सकता है
- या फिर दोनों दंड एक साथ मिल सकते हैं
- चेक बाउंस बार-बार होने पर बैंक खाता फ्रीज किया जा सकता है
- साथ ही बैंक शुल्क (100 से 750 रुपये) अलग से देना पड़ सकता है
- यानी अब एक बाउंस हुआ चेक आपकी वित्तीय और कानूनी स्थिति दोनों को हिला सकता है।
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उदाहरण से समझिए – छोटा कदम, बड़ा जुर्माना
मान लीजिए आपने अपने बिजनेस सप्लायर को 50,000 रुपए का चेक दिया। दुर्भाग्यवश उस दिन आपके खाते में केवल तीस हजा रुपए थे। चेक बाउंस हो गया।
अब क्या हो सकता है
- सबसे पहले बैंक आपसे बाउंस शुल्क वसूलेगा (मान लीजिए ₹500)
- फिर सामने वाला व्यक्ति आपके खिलाफ धारा 138 के तहत शिकायत दर्ज करा सकता है
- यदि मामला अदालत तक पहुंचा और दोष सिद्ध हुआ, तो आपको 1 लाख रुएप तक का जुर्माना या 2 साल की जेल हो सकती है
- क्या ये महज़ एक छोटी सी भूल की कीमत नहीं लगती
सरकार क्यों हुई इतनी सख्त
पिछले कुछ वर्षों में चेक बाउंस की घटनाएं बहुत बढ़ गई हैं। लोग जानबूझकर खाते में पैसा न रखते हुए भी चेक जारी करते हैं, जिससे सामने वाले को आर्थिक नुकसान होता है। व्यापारिक लेन-देन में इसका सबसे ज़्यादा दुष्प्रभाव पड़ा है।
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सरकार का मानना है कि चेक बाउंस से लोगों का वित्तीय सिस्टम पर भरोसा टूटता है। व्यापार और निवेश में पारदर्शिता घटती है, कोर्ट में ऐसे मामलों की संख्या बढ़ने से न्याय प्रक्रिया धीमी होती है। इसीलिए अब फास्ट ट्रैक कोर्ट, डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम और सीधे सज़ा देने का प्रावधान लागू किया गया है।
अब चेक जारी करते समय किन बातों का रखें ध्यान
अब जब नियम सख्त हैं, तो जरूरी है कि आप भी सतर्क हों। नीचे कुछ सुझाव दिए गए हैं, जिनका पालन करके आप कानूनी पचड़े से बच सकते हैं।
1. खाते में पर्याप्त बैलेंस रखें
यह सबसे बुनियादी नियम है। चेक देने से पहले सुनिश्चित करें कि आपके खाते में पूरी राशि उपलब्ध हो।
2. हस्ताक्षर सावधानी से करें
आपका हस्ताक्षर बैंक रिकॉर्ड से मेल खाना चाहिए। ज़रा सी भिन्नता भी चेक को बाउंस करा सकती है।
3. तारीख और राशि सही भरें
दिन, महीना और साल में कोई गलती न करें। राशि को अंकों और शब्दों में स्पष्ट रूप से लिखें।
4. चेक की वैधता देखें
आम तौर पर चेक तीन महीने तक वैध होता है। पुराना चेक देने से बचें।
5. चेक स्टॉप पेमेंट न करें बिना कारण के
अगर आपने चेक जारी किया है तो उसे रोकना बिना कानूनी आधार के आपके खिलाफ जा सकता है।
बिजनेस वालों के लिए खास टिप्स
यदि आप एक व्यवसाय चला रहे हैं और नियमित रूप से चेक से भुगतान करते हैं, तो इन बिंदुओं को भी अपनाएं-
- चेक जारी करने से पहले ग्राहक/सप्लायर की विश्वसनीयता जांचें
- डिजिटल या बैंक ट्रांसफर को प्राथमिकता दें
- रिकॉर्ड रखें – किस तारीख को कौन-सा चेक किसको दिया गया
- सभी चेकबुक को सुरक्षित रखें ताकि कोई दुरुपयोग न कर सके
क्या डिजिटल भुगतान है बेहतर विकल्प
आजकल UPI, नेट बैंकिंग और RTGS जैसे डिजिटल भुगतान विकल्प कहीं ज़्यादा तेज़ और सुरक्षित हो चुके हैं। इनसे न तो चेक बाउंस जैसी समस्या होती है और न ही सिग्नेचर या तारीख की चूक होती है।
हालांकि बड़े लेन-देन या फॉर्मल एग्रीमेंट में अब भी कई लोग चेक को प्राथमिकता देते हैं – खासकर जहां भुगतान की तारीख भविष्य की हो। ऐसे में चेक की वैधता बनी रहती है, मगर अब अतिरिक्त सतर्कता जरूरी हो गई है।
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चेक बाउंस हुआ, तो क्या करें
अगर आपका चेक बाउंस हो गया है, तो घबराएं नहीं मगर समय रहते उचित कदम उठाएं-
- सामने वाले से क्षमा मांगें और तुरंत भुगतान का वैकल्पिक माध्यम दें
- बैंक से बाउंस कारण का विवरण लें
- दोबारा चेक जारी करने से पहले खाते में राशि सुनिश्चित करें
अगर मामला कोर्ट पहुंचता है, तो वकील से सलाह लें
आपको बता दें कि चेक कोई साधारण कागज़ नहीं है। वो एक वित्तीय अनुबंध है, जिसका उल्लंघन अब महंगा पड़ सकता है आर्थिक रूप से भी और कानूनी रूप से भी। अगर आप खुद को परेशानी से बचाना चाहते हैं, तो आज से ही अपने लेन-देन में सतर्कता बढ़ाएं।
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