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2027 की जंग से पहले विपक्ष की ताकत बढ़ी, अखिलेश ने फूंका शंखनाद; खेला बड़ा दांव

उत्तर प्रदेश की सियासत में एक चौंकाने वाला घटनाक्रम तब देखने को मिला जब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के 39 नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर एक बार फिर विपक्षी एकता को नया संबल दिया। लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय में हुए इस समारोह ने 2027 के विधानसभा चुनावों की राजनीतिक जमीन पर नए समीकरणों का संकेत दे दिया है।

पूर्व मंत्री मूलचंद्र चौहान की वापसी ने न केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा की राजनीतिक स्थिति को मजबूत किया है, बल्कि अखिलेश यादव के नेतृत्व में एक स्पष्ट संदेश भी दिया है अब परिवर्तन तय है। समारोह के दौरान अखिलेश ने एलान किया कि आज के दिन शंख बजा है, अब परिवर्तन होना तय है।

अंबेडकर विवाद और भाजपा पर हमला

समारोह में उस वक्त सन्नाटा छा गया जब अंबेडकर की तस्वीर से कथित छेड़छाड़ के आरोपी सपा कार्यकर्ता लालचंद्र गौतम को मंच पर लाया गया। लालचंद्र ने खुद अखिलेश को अंबेडकर की मूर्ति सौंपी और माफी मांगी। अखिलेश ने इस क्षण को भाजपा पर निशाना साधने का माध्यम बनाया और कहा कि यही वो वजह है जिससे भाजपा एसी छोड़कर सड़क पर आ गई। हमने इन्हें समझा दिया है कि अब कोई भी भावनाएं आहत करने वाला कार्य न हो। सवाल यह है क्या भाजपा भी अपने लोगों को समझाएगी।

जातीय जनगणना पर मुखर सपा

अखिलेश यादव ने जातीय जनगणना को सामाजिक न्याय की दिशा में पहला ठोस कदम बताते हुए इसे PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) वर्ग की “100 प्रतिशत जीत” की शुरुआत करार दिया। उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, “जातीय गणना से चुनावी धांधली को दूर रखें। अब कोई गलती गिनती में पकड़ी जाएगी।”

भ्रष्टाचार, रोजगार और सिपाही भर्ती पर सवाल

अखिलेश ने लखीमपुर खीरी में पानी की टंकी गिरने की घटना को भ्रष्टाचार का प्रतीक बताते हुए कहा कि राज्य सरकार अधिकारियों पर दबाव बनाकर न्याय से दूर भाग रही है। उन्होंने सिपाही भर्ती में भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा, “21 साल की महिला को मेडिकल में अयोग्य बताया गया, यह अन्याय है।” साथ ही युवाओं के पलायन को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री सपनों में एक्सप्रेसवे बना रहे हैं जबकि हकीकत में रोजगार के लिए युवा राज्य छोड़ने को मजबूर हैं।

पहलगाम अटैक और सरकार की जवाबदेही

पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर अखिलेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह मुद्दा हमारे दिल और दिमाग में है। इसे डायवर्ट नहीं किया जा सकता। सरकार ने जो भरोसा दिया था, अब जनता भी इस निर्णायक लड़ाई में शामिल हो चुकी है।”

मंच पर विवाद और SC/ST आयोग की सख्ती

लालचंद्र गौतम की सार्वजनिक माफी के बावजूद मामला शांत नहीं हुआ है। अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत ने लखनऊ पुलिस को आदेश दिया है कि लालचंद्र के विरुद्ध SC/ST एक्ट के तहत FIR दर्ज कर 5 मई तक रिपोर्ट सौंपी जाए। रावत ने इसे “दलित समाज का अपमान” करार दिया।

2027 की तैयारी में आक्रामक सपा

पिछले कुछ महीनों से अखिलेश यादव निरंतर राजनीतिक सम्मेलन, विपक्षी गठबंधन और जनआंदोलन के जरिए भाजपा को घेरने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। जातीय जनगणना, सामाजिक न्याय और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को केंद्र में रखकर सपा ने साफ कर दिया है कि वह 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है।

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