पराग की पारी फीकी पड़ी, रसेल की तबाही से कोलकाता की सांसों को मिली राहत
आईपीएल 2025 में चार मई की शाम कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) और राजस्थान रॉयल्स (आरआर) के बीच हुए मुकाबले ने क्रिकेट प्रेमियों को अंत तक सीट से बांधे रखा। रियान पराग की वीरता पर आखिर में आंद्रे रसेल की विस्फोटक ताकत भारी पड़ी और कोलकाता ने मात्र एक रन से मैच अपने नाम कर लिया।
रसेल की वापसी या सिर्फ एक झलक
अब तक टूर्नामेंट में बल्ले से संघर्ष कर रहे आंद्रे रसेल ने इस मुकाबले में पुराने तेवर में लौटते हुए सिर्फ 25 गेंदों में नाबाद 57 रन की पारी खेली। ये सिर्फ रन नहीं थे, बल्कि वही ऊर्जा थी जिसने पिछले सीजन में केकेआर को चैंपियन बनाया था। अंतिम पांच ओवरों में केकेआर ने 85 रन जोड़ डाले — और रसेल इस तूफान के केंद्र में थे। प्रश्न यह उठता है कि क्या रसेल ये फॉर्म बरकरार रख पाएंगे या यह केवल एक विस्फोटक झलक थी।
अकेले डटे रहे रियान पराग
राजस्थान रॉयल्स (RR) के लिए रियान पराग का 95 रन का जबरदस्त प्रदर्शन लगभग चमत्कारिक रहा। उन्होंने मोईन अली पर लगातार पांच छक्के और फिर वरुण चक्रवर्ती की गेंद पर एक और सिक्स लगाकर जैसे खेल की दिशा ही बदल दी। मगर दुर्भाग्य से अंतिम गेंद पर तीन रनों की जरूरत थी और सिर्फ दो रन ही लिए जा सके। रन आउट हुए जोफ्रा आर्चर, और रोमांच की जगह मौन और मायूसी ने ले ली।
यशस्वी जायसवाल (34), शिमरोन हेटमायर (29) और शुभम दुबे (25 नाबाद) ने समर्थन देने की कोशिश की, मगर वो रियान के जोश के बराबर नहीं उतर पाए। उधर, केकेआर की पारी में रहमानुल्लाह गुरबाज (35), अजिंक्य रहाणे (30), अंगकृश रघुवंशी (44) और रिंकू सिंह (6 गेंदों में 19 रन) ने रसेल के साथ मिलकर स्कोर को 206 तक पहुंचा दिया।
गेंदबाज़ों की इम्तिहाल
राजस्थान की गेंदबाज़ी में जोफ्रा आर्चर ने भले ही शुरुआत में कसी हुई गेंदबाज़ी की, मगर अंतिम ओवरों में वो भी लुट गए। आकाश मधवाल, महेश थीकसाणा जैसे गेंदबाज़ रसेल के सामने बेबस दिखे।
केकेआर का मनोबल बढ़ा
ये जीत केकेआर के लिए न सिर्फ अंक तालिका में ऊपर चढ़ने का मौका बनी, बल्कि यह टीम के आत्मविश्वास को भी मजबूती दे गई। जिस तरह रिंकू सिंह ने अंतिम गेंद पर रन बचाया और आर्चर को रन आउट कराया, वह बीते सीजन की याद दिलाने वाला था। ये मुकाबला क्रिकेट के उस रूप को सामने लाया जिसमें केवल स्कोरबोर्ड नहीं, भावनाएं, रणनीति और दृढ़ संकल्प भी जीत तय करते हैं। रियान पराग की पारी भले ही अधूरी रह गई हो, मगर उन्होंने यह जता दिया कि भविष्य भारतीय क्रिकेट के पास सुरक्षित हाथों में है।