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IPL के वो 6 बल्लेबाज जिन्होंने हार के बीच बनाए सबसे ज़्यादा शतक, टीम के लिए लड़ते थे अकेले

IPL Records: आईपीएल की धमाकेदार दुनिया में शतक बनाना अक्सर मैच जीतने वाली उपलब्धि के तौर पर देखा जाता है। मगर जब ये शतक ऐसे मैचों में आते हैं जहां टीम हार जाती है तो ये केवल आंकड़े नहीं रह जाते ये उन वीरता की कहानियाँ बन जाते हैं जो हर हाल में लड़ने की जिद और अकेले कंधे पर पूरी टीम का भार उठाने की क्षमता को दर्शाते हैं। आईये उन खिलाड़ियों पर नजर डालते है जो आईपीएल (IPL History) में हारने वाले सबसे ज़्यादा शतक लगाने वाले बल्लेबाज (6 batsmen who scored the most centuries in defeats) है।

विराट कोहली (virat kohli) के शतक, संघर्ष और अदम्य साहस की मिसाल

विराट कोहली के तीन आईपीएल शतकों की बात करें तो ये केवल रन नहीं बल्कि संघर्ष और अदम्य साहस की मिसाल हैं। राजस्थान रॉयल्स (2024) के विरुद्ध 113* की निडर पारी गुजरात टाइटन्स (2023) के विरुद्ध 101* की स्थिरता और गुजरात लायंस (2016) के विरुद्ध 100 की आत्मविश्वास से भरी बैटिंग ये यादगार पारियां दर्शाती हैं कि कैसे कोहली ने भारी दबाव के माहौल में भी अपने बैट से जादू किया।

मगर इसके बावजूद आरसीबी की कमजोर गेंदबाजी और मध्यक्रम के टूटने ने बार-बार उनकी कोशिशों को अधूरा छोड़ दिया। रन मशीन कोहली के शतक जैसे अकेले एक योद्धा की लड़ाई यह बताने को काफी हैं कि क्रिकेट जैसे सामूहिक खेल में कभी-कभी सबसे बेहतरीन व्यक्तिगत प्रदर्शन भी टीम के लिए जीत का वादा नहीं कर पाता।

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रिषभ पंत की विस्फोटक बैटिंग और आक्रामक शैली

रिषभ पंत (Rishabh Pant) की विस्फोटक बैटिंग में एक अलग ही तड़का है। 2018 में सनराइजर्स हैदराबाद के विरुद्ध 128* का तूफानी शतक जो हार (century despite defeat) में भी आईपीएल का सर्वोच्च स्कोर बना और हाल ही में 2025 में आरसीबी के विरुद्ध 118* की आंधी जैसी पारी — ये दोनों पारियां दबाव की आग में तपकर बनी हैं। पंत ने दिल्ली कैपिटल्स की पारी को बार-बार अपने बल्ले से संभाला जैसे कोई अकेला सूरज अपनी रोशनी से पूरी धरती को जलाए रखता हो। पर दूसरी तरफ सपोर्ट की कमी और गेंदबाजी की कमजोर कड़ी ने उनकी जुझारू कोशिशों को मात दे दी। पंत के शतक लीग के सबसे मनोरंजक शतकों में गिने जाते हैं जो उनके क्रिकेट के आक्रामक और बेबाक स्वभाव की गवाही देते हैं।

संजू सैमसन के शतक और राजस्थान रॉयल्स की कमजोर फिनिशिंग

संजू सैमसन (Sanju Samson) ने अपने शतकों से राजस्थान रॉयल्स को जीत के करीब पहुंचाने की बार-बार कोशिश की है। पंजाब किंग्स (2021) के विरुद्ध 119 और सनराइजर्स हैदराबाद (2019) के विरुद्ध नाबाद 102* की पारियां उनकी तकनीक और जुझारूपन की मिसाल हैं। दबाव की इस जंग में सैमसन ने कड़ा संघर्ष किया मगर राजस्थान का फिनिशिंग पावर अक्सर कमजोर पड़ा जिससे टीम कई मौकों पर आखिरी पड़ाव पर फिसल गई। उनके शतक उनकी अपार प्रतिभा के साथ-साथ उन खामियों की भी कहानी कहते हैं जो टीम की मानसिक मजबूती और संयम की कमी को उजागर करती हैं।

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2017 में हाशिम अमला (Hashim Amla) ने मुंबई इंडियंस (104*) और गुजरात लायंस (104) के विरुद्ध जो शतक जमाए वे IPL के बड़े हिटरों की धूम-धड़ाका वाली दुनिया में एक शांति की तरह लगते हैं। उनकी क्लासिकल बैटिंग शैली जहां हर शॉट सोच-समझकर खेला गया हो किसी सुरम्य चित्र की तरह सामने आती है।

प्रतिस्पर्धी स्कोर बनाए जाने के बावजूद पीबीकेएस की कमजोर गेंदबाजी ने उनके प्रयासों को बेअसर कर दिया। अमला की संयमित पारी इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे भले ही पारी कितनी भी उत्कृष्ट हो एक समर्पित टीम समर्थन के बिना उसका कोई ठोस असर नहीं हो सकता।

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रुतुराज गायकवाड़ (Ruturaj Gaikwad) की 2024 में LSG के विरुद्ध नाबाद 108* और 2021 में राजस्थान रॉयल्स के विरुद्ध 101* रन की पारियां हार (century despite defeat) के बावजूद एक वीरतापूर्ण संघर्ष की कहानी कहती हैं। उन्होंने बैटिंग में संयम और आक्रामकता का ऐसा मिश्रण दिखाया जैसे कोई कलाकार अपनी कड़ी मेहनत से मास्टरपीस बना रहा हो।

सीएसके के लड़खड़ाते मध्यक्रम और कमजोर गेंदबाजी इकाइयों ने गायकवाड़ के एकलौते प्रयासों को रोक दिया मगर उनके शतक उनकी निरंतरता और नेतृत्व क्षमता के संकेत हैं वे उस खिलाड़ी की झलक हैं जो टीम के लिए खुद को समर्पित करता है भले ही जीत का सूरज दूर हो।

जब टीम के लिए अकेले लड़े केएल राहुल

केएल राहुल (KL Rahul) की तकनीकी कुशलता और धैर्य के साथ खेली गई पारियां भी ऐसी ही भावनाओं से ओत-प्रोत हैं। गुजरात टाइटन्स (2025) के विरुद्ध नाबाद 112* और मुंबई इंडियंस (2019) के विरुद्ध 100* की पारियां ऐसे क्षणों की कहानी हैं जब राहुल ने संघर्ष के बीच स्थिरता की मूरत बनकर टीम को जिंदा रखा। उनके शतक उस प्रतिभा की पहचान हैं जो दबाव में भी टूटती नहीं मगर धीमी रन गति और कमजोर फिनिशिंग ने टीम की जीत की उम्मीदों को कई बार मात दी। राहुल के ये शतक प्रतिभा और टीम के अंदर मौजूद एकजुटता की कमी दोनों को बखूबी बयां करते हैं।

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