हर सितारे के पीछे एक कहानी, पद्म 2025 में सम्मानित हुए भारत के चमकते चेहरे
28 अप्रैल को राष्ट्रपति भवन में बजी तालियों की गूंज जब देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री से भारत के 71 खास लोगों को सम्मानित किया गया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की गरिमामयी मौजदूगी में आयोजित इस कार्यक्रम में भारत ने एक बार फिर उन लोगों को नमन किया, जिन्होंने समाज, संस्कृति, विज्ञान, खेल, चिकित्सा और सेवा जैसे अलग अलग क्षेत्रों में जबरदस्त योगदान दिया है।
सम्मान के इस खास मौके पर मौजूद रहे देश के शीर्ष नेता
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह के साथ साथ कई मंत्री और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने इस समारोह को और भव्य बना दिया।
2025 में कुल 71 विभूतियों को मिला सम्मान
इस वर्ष 4 लोगों को पद्म विभूषण, 10 को पद्म भूषण और 57 को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। खास बात यह रही कि खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए तीन दिग्गज एथलीटों को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
खेल के सितारों का सम्मान
1. पी.आर. श्रीजेश को पद्म भूषण
केरल से आने वाले हॉकी के धाकड़ गोलकीपर पी.आर. श्रीजेश को पद्म भूषण से नवाज़ा गया। श्रीजेश न सिर्फ भारतीय हॉकी का मजबूत स्तंभ रहे हैं, बल्कि वे जूनियर भारतीय हॉकी टीम के मुख्य कोच भी हैं।
उनका 22 वर्षों का हॉकी करियर शानदार रहा है। दो ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडल और तीन बार FIH ‘गोलकीपर ऑफ द ईयर’ का खिताब इस बात की गवाही देते हैं।
2. आर. अश्विन को पद्म श्री
भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज गेंदबाज आर. अश्विन को भी इस बार पद्म श्री से सम्मानित किया गया। इससे पहले वे अर्जुन पुरस्कार और कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट प्रतियोगिताओं में पुरस्कार जीत चुके हैं। अश्विन की रणनीति, विविध गेंदबाजी शैली और मैच जिताऊ प्रदर्शन उन्हें क्रिकेट की दुनिया का बेजोड़ खिलाड़ी बनाते हैं।
3. डॉ. सत्यपाल सिंह को पद्म श्री
एथलेटिक्स कोच और संरक्षक डॉ. सत्यपाल सिंह को भी पद्म श्री से नवाज़ा गया। भारतीय पैरा-खेलों में उनके योगदान को विशेष रूप से सराहा गया है।
डॉ. सिंह के मार्गदर्शन में भारतीय पैरा एथलीट्स ने पैरालिंपिक, विश्व चैंपियनशिप, और एशियाई पैरा खेलों में देश का गौरव बढ़ाया है।
पद्म पुरस्कार केवल सम्मान नहीं बल्कि प्रेरणा हैं वे उन कहानियों को सामने लाते हैं जो आम जनता के लिए मिसाल बनती हैं। चाहे खेल हो या समाजसेवा, विज्ञान हो या शिक्षा इन पुरस्कारों के जरिए से देश उन हस्तियों को सलाम करता है जिन्होंने अपने क्षेत्र में सीमाओं को लांघते हुए भारत का नाम रोशन किया।
समारोह की गरिमा, पुरस्कार पाने वालों की सादगी और उनके पीछे छुपी वर्षों की मेहनत इस बात का प्रमाण है कि भारत प्रतिभा की कद्र करना जानता है।