ये 3 योजनाएं हैं जीवन का ‘सुरक्षा चक्र’, मुश्किल वक्त में देती हैं सहारा; कम आय वाले लोग भी कर सकते हैं निवेश
कहा जाता है कि जीवन कब करवट बदल ले इसका अंदाज़ा किसी को नहीं होता। संकट का समय न दरवाज़ा खटखटाकर आता है और न ही चेतावनी देकर। भारत जैसे देश में जहाँ बड़ी आबादी मध्यम या निम्न आय वर्ग से ताल्लुक रखती है वहां जीवन की अनिश्चितताओं से सुरक्षा प्राप्त करना एक बड़ी चुनौती बन जाती है।
आर्थिक रूप से संपन्न व्यक्ति आमतौर पर बीमा निवेश और अन्य वित्तीय साधनों के माध्यम से भविष्य के लिए सुरक्षा चक्र तैयार कर लेते हैं। मगर जिनकी आमदनी सीमित होती है वे क्या करें? ऐसे ही लोगों के लिए भारतीय डाक विभाग द्वारा जन सुरक्षा की दिशा में एक सराहनीय पहल की गई है। तीन प्रमुख योजनाओं – प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और अटल पेंशन योजना के जरिए से सरकार ने एक ऐसा सुरक्षा कवच निर्मित किया है जो मामूली आय वाले लोगों के लिए भी सुलभ और भरोसेमंद है।
1. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY)
कम प्रीमियम बड़ी सुरक्षा
यह एक टर्म इंश्योरेंस योजना है जो किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करती है। योजना का उद्देश्य है कि परिवार उस मुश्किल घड़ी में भी बिखरे नहीं जब कमाने वाला सदस्य अब इस दुनिया में न हो।
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इस बीमा योजना के अंतर्गत यदि बीमाधारक की किसी भी कारणवश मृत्यु हो जाती है तो नामांकित व्यक्ति को ₹2 लाख की सहायता राशि मिलती है। और यह सब मात्र ₹436 वार्षिक प्रीमियम पर – यानी हर महीने 36 रुपए।
कौन कर सकता है आवेदन
- आयु सीमा: 18 से 50 वर्ष
- कोई भी भारतीय नागरिक
बैंक खाता आवश्यक
ऑटो-डेबिट की सुविधा के तहत प्रीमियम सीधे बैंक से कट जाता है। ये योजना विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो अपने परिवार की भविष्य की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं मगर निजी बीमा योजनाओं का खर्च वहन नहीं कर सकते।
2. प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY
दुर्घटनाओं से सुरक्षा का भरोसा
साल 2015 में शुरू की गई यह योजना भारत सरकार की दूरदर्शिता का परिणाम है। सड़क हादसे औद्योगिक दुर्घटनाएं या कोई अन्य अप्रत्याशित दुर्घटना – इन सभी परिस्थितियों में यह योजना आर्थिक सहारा प्रदान करती है। योजना के तहत यदि किसी दुर्घटना में बीमाधारक की मृत्यु होती है तो नामित व्यक्ति को ₹2 लाख तक की बीमा राशि मिलती है। वहीं अगर दुर्घटना के कारण विकलांगता हो जाती है तो एक लाख रुपए की सहायता राशि दी जाती है।
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मुख्य विशेषताएं
प्रीमियम: 20 रुपए प्रतिवर्ष
आयु सीमा: 18 से 70 वर्ष
बैंक खाता अनिवार्य
दुर्घटना बीमा कवरेज – मृत्यु व विकलांगता दोनों स्थितियों में
बीस रुपए प्रतिवर्ष यानी हर महीने लगभग 1.67 रुपए। ये आंकड़ा दर्शाता है कि मामूली खर्च में भी सुरक्षा खरीदी जा सकती है। ऐसे में यह योजना विशेष रूप से उन मेहनतकश लोगों के लिए वरदान साबित हो सकती है जो दिन-रात काम में जुटे रहते हैं और जोखिम भरे वातावरण में कार्य करते हैं।
3. अटल पेंशन योजना (APY)
बुढ़ापे की आर्थिक स्वतंत्रता का माध्यम
‘बुढ़ापा एक सच्चाई है’ – इस वाक्य को अगर किसी सरकारी योजना ने सार्थक किया है तो वह है अटल पेंशन योजना। इस योजना का उद्देश्य है कि कोई भी बुजुर्ग व्यक्ति अपने जीवन के अंतिम वर्षों में दूसरों पर निर्भर न हो।
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APY के तहत 60 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन मिलनी शुरू होती है जिसकी राशि ₹1000 से ₹5000 प्रतिमाह तक हो सकती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने योजना में कब और कितना निवेश किया है।
पात्रता व योगदान
आयु सीमा: 18 से 40 वर्ष
करदाता नहीं होना चाहिए
60 वर्ष तक नियमित अंशदान आवश्यक
पेंशन राशि निवेश के समय पर निर्भर
जितनी जल्दी आप इस योजना से जुड़ते हैं उतना ही कम प्रीमियम और उतना ही बेहतर रिटर्न। उदाहरण के तौर पर अगर कोई व्यक्ति 18 वर्ष की उम्र में ₹42 प्रति माह का योगदान करता है तो उसे 60 वर्ष की उम्र के बाद ₹1000 प्रतिमाह पेंशन मिलेगी।
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सामाजिक महत्व और जमीनी असर
इन योजनाओं का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह आम आदमी की पहुंच में हैं। सरकारी आँकड़े बताते हैं कि इन योजनाओं के तहत करोड़ों लोग जुड़ चुके हैं। गांवों में रहने वाले दिहाड़ी मजदूर खेतिहर किसान और छोटे व्यवसायी – इन सभी वर्गों को इससे सीधा लाभ मिला है।
कुछ प्रेरणादायक उदाहरण
उत्तर प्रदेश के एक ग्रामीण परिवार ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के माध्यम से अपने परिवार की मदद की जब मुखिया की अचानक मृत्यु हो गई। ₹2 लाख की सहायता राशि ने उनके बच्चों की पढ़ाई और जीवन को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एक मजदूर जिसने बीस रुपए में PMSBY की योजना ली थी एक फैक्ट्री दुर्घटना के बाद विकलांग हो गया मगर उसे ₹1 लाख की सहायता राशि मिली जिसने उसका इलाज और घर चलाने में मदद की।
बिहार की एक युवती जिसने 20 साल की उम्र में अटल पेंशन योजना से जुड़ाव किया अब उसे विश्वास है कि उसका बुढ़ापा आत्मनिर्भर होगा।
विशेषज्ञों की राय
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि इन योजनाओं को केवल एक सामाजिक कल्याण योजना के रूप में नहीं देखना चाहिए बल्कि इन्हें एक वित्तीय नियोजन का अभिन्न हिस्सा बनाना चाहिए।
वित्तीय सलाहकार अमन पुर्किंजे बताते हैं कि यह सोचने की जरूरत है कि सरकार ने इतने कम प्रीमियम पर इतनी व्यापक सुरक्षा क्यों दी है? इसका कारण है वित्तीय समावेशन और हर नागरिक को आत्मनिर्भर बनाना। ऐसे में खासकर युवाओं को इन योजनाओं से जुड़ना चाहिए।
जीवन में अनिश्चितता स्वाभाविक है मगर उसकी तैयारी हमारे हाथ में है। सरकार द्वारा चलाई जा रही ये डाकघर आधारित जन सुरक्षा योजनाएं सिर्फ कागज़ी दस्तावेज़ नहीं हैं बल्कि लाखों परिवारों के लिए एक जीवन रेखा हैं।
यदि आपने अभी तक इन योजनाओं में हिस्सा नहीं लिया है तो आज ही डाकघर या बैंक शाखा में जाकर जानकारी लें। ये योजनाएं न केवल आपके जीवन को सुरक्षित करेंगी बल्कि ये भी तय करेंगी कि आपके अपनों का भविष्य आपके बिना भी सुरक्षित रहे।
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