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रोजाना की ये गलत आदतें मानसिक स्वास्थ्य को पहुंचाती हैं नकुसान, आप भी करें रहे हैं ऐसा तो छोड़ दीजिए

हमारी जिंदगी की रोजमर्रा की भागदौड़ में कई ऐसी आदतें शामिल हो जाती हैं, जो हमें मामूली लगती हैं, मगर धीरे-धीरे ये हमारे दिमाग को प्रभावित करने लगती हैं। दिमाग शरीर का सबसे अहम अंग है, जिसकी देखभाल करना उतना ही जरूरी है, जितना कि दिल या फेफड़ों की। विशेषज्ञों की मानें तो कुछ आम आदतें हम बिना सोचे समझे करते हैं- लंबे समय में दिमाग की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। यहाँ जानिए ऐसी 5 आदतों के बारे में, जो हमारे दिमाग के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं।

पहली आदत

यदि आप अक्सर अकेले रहना पसंद करते हैं या बिला जरूरत बातचीत से बचते हैं, तो ये आदत आपके दिमाग के लिए नुकसानदायक हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि वार्तालाप और सामाजिक संपर्क मस्तिष्क को सक्रिय बनाए रखते हैं। लोगों से चर्चा करने से न केवल भावनात्मक बैलेंस बना रहता है, बल्कि तर्क क्षमता और सोचने की शक्ति भी बेहतर होती है।

दूसरी आदत

जागते ही सबसे पहले फोन चेक करना अब आम हो चुका है, मगर ये आदत दिमाग पर ज्यादा जोर डाल सकती है। सोशल मीडिया, ईमेल या खबरें देखने से मस्तिष्क अचानक एक्टिव हो जाता है, जिससे तनाव और चिंता की स्थिति बन सकती है। नींद से बाहर आते ही मस्तिष्क को एक सहज और शांत माहौल की जरूरत होती है।

तीसरी आदत

रोजाना अध्ययन न करने से दिमाग निष्क्रिय हो सकता है। पढ़ना दिमाग की व्यायाम की तरह है ये सोचने, विश्लेषण करने और समझने की शक्ति को बढ़ाता है। किताबें, समाचार या आर्टिकल पढ़ने से नई जानकारी मिलती है। ये न्यूरॉन्स को सक्रिय करती है और याद्दाश्त को बेहतर बनाती है।

चौथी आदत

यदि आप लंबे समय से कोई नया कौशल नहीं सीख रहे हैं या जानकारी नहीं जुटा रहे हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि मस्तिष्क स्थिर हो गया है। नई चीज़ें सीखना जैसे कोई भाषा, वाद्य यंत्र या तकनीकी कौशल दिमाग के विकास में मदद करते हैं और उसे तेज बनाते हैं।

पांचवी आदत

जिस तरह असंतुलित आहार शरीर के लिए हानिकारक है, उसी तरह यह दिमाग के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। प्रोसेस्ड और ऑयली फूड्स में मौजूद ट्रांस फैट्स, शुगर और प्रिज़रवेटिव्स न्यूरोलॉजिकल फंक्शन्स को धीमा कर सकते हैं। वहीं, फल, सब्ज़ियाँ, नट्स और ओमेगा-3 युक्त आहार मस्तिष्क के लिए लाभकारी होते हैं।

हमारी छोटी-छोटी आदतें ही बुरा असर करती हैं चाहे वो अच्छी हो या बुरी। यदि हम चाहें तो अपने दैनिक जीवन में कुछ अच्छा बदलाव लाकर मस्तिष्क को स्वस्थ, तेज और एक्टिव बनाए रख सकते हैं। अगली बार जब आप सुबह उठें, तो मोबाइल की जगह एक किताब उठाइए आपका दिमाग आपको धन्यवाद कहेगा।

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