टेस्ट में कोहली की कमी पूरी करेगा ये खिलाड़ी, कोच गंभीर को है पूरा भरोसा
क्रिकेट के मैदान पर जब कोई दिग्गज खिलाड़ी अपने बल्ले को अलविदा कहता है, तो खेल की रूह में एक गहरी खामोशी उतर आती है और जब बात विराट कोहली जैसे खिलाड़ी की हो तो ये खामोशी गूंज बन जाती है।
जी हाँ, क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक भावनात्मक मोड़ आ गया है। रन मशीन कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट शेयर कर यह स्पष्ट कर दिया कि अब वो टेस्ट फॉर्मेट में मैदान पर नजर नहीं आएंगे। इस खबर ने फैन्स को झकझोर कर रख दिया है। कोहली के इस फैसले से जहां एक युग का अंत हुआ है। तो वहीं एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है और इस अध्याय का चेहरा हो सकते हैं शुभमन गिल।
टेस्ट क्रिकेट का बेजोड़ सितारा हैं विराट कोहली
विराट कोहली की टेस्ट क्रिकेट में विरासत किसी कविता से कम नहीं है। उनके नाम 111 टेस्ट मैचों में 8,848 रन, 29 शतक, और 7 दोहरे शतक शामिल हैं। उन्होंने विदेशी सरजमीं पर भी अपनी बल्लेबाज़ी का परचम लहराया और भारतीय टेस्ट क्रिकेट को आक्रामकता और आत्मविश्वास के नए आयाम दिए।
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विराट का टेस्ट क्रिकेट से जाना एक खालीपन छोड़ता है — एक ऐसा शून्य जिसे भरना आसान नहीं होगा। मगर क्रिकेट की खूबसूरती ही यही है कि हर खिलाड़ी के जाने के बाद कोई नया चेहरा उभरता है और अब निगाहें टिक गई हैं शुभमन गिल पर।
टीम इंडिया को चाहिए नया नंबर 4
इंग्लैंड दौरे से वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025-27 का आगाज़ होना है और इससे पहले ही दो बड़े नाम रोहित शर्मा और विराट कोहली संन्यास ले चुके हैं। ऐसे में टीम इंडिया के सामने दोहरी चुनौती है। नया ओपनिंग विकल्प और मिडिल ऑर्डर में विराट जैसा भरोसेमंद बल्लेबाज। इसी बीच खबरें हैं कि टीम के नए कोच गौतम गंभीर ने एक मजबूत निर्णय लेते हुए शुभमन गिल को नंबर 4 पर आज़माने का मन बना लिया है।
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शुभमन को अब तक एक ओपनर के रूप में देखा जाता रहा है मगर गंभीर का मानना है कि उनकी तकनीक, संयम और बड़ी पारी खेलने की क्षमता उन्हें विराट कोहली की जगह लेने के लिए तैयार बनाती है। कोच गौतम गंभीर का भरोसा गिल के कंधों पर केवल एक बल्लेबाज के रूप में नहीं बल्कि एक संभावित टेस्ट कप्तान के रूप में भी टिका है।
मीडिया अटकलों के अनुसार, 23 मई को BCCI द्वारा गिल को टेस्ट कप्तान नियुक्त किए जाने की औपचारिक घोषणा हो सकती है। अगर ऐसा होता है, तो गिल इंग्लैंड दौरे से टीम इंडिया की टेस्ट कप्तानी संभाल सकते हैं और भारत का नेतृत्व वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के अगले चक्र में कर सकते हैं।
युवा कंधों पर भरोसे का बोझ
अगर आंकड़ों की बात करें तो गिल के रिकॉर्ड यह बताते हैं कि वह सिर्फ एक उभरता सितारा नहीं बल्कि एक स्थिर चमक है-
फर्स्ट क्लास क्रिकेट
- मैच: 61
- इनिंग्स: 107
- रन: 4,587
- औसत: 47.28
- शतक: 14
लिस्ट A क्रिकेट
- मैच: 110
- इनिंग्स: 109
- रन: 5,039
- औसत: 53.04
- शतक: 14
- टी20 क्रिकेट
- शतक: 6 (IPL में सबसे तेज़ शतक लगाने वालों में शामिल)
ये आंकड़े गवाह हैं कि शुभमन गिल के पास टेक्निक, टेंपरामेंट और फॉर्मेट की समझ तीनों मौजूद हैं।
कोहली की विरासत को बढ़ाएंगे आगे
शुभमन गिल चाहे जितने प्रतिभाशाली हों मगर विराट कोहली के टेस्ट रिकॉर्ड और प्रभाव की बराबरी करना आसान नहीं होगा। विराट मैदान पर सिर्फ रन नहीं बनाते थे वो एक मनोवैज्ञानिक प्रेशर भी बनाते थे। उनकी आक्रामकता, फिटनेस और खेल के प्रति जुनून ने भारतीय टीम को एक नया रूप दिया। अब देखना होगा कि शुभमन उस विरासत को कैसे आगे ले जाते हैं।
कोच गंभीर को है पूरा भरोसा
गौतम गंभीर खुद एक गंभीर कप्तान रहे हैं — शांत चेहरा, मगर आक्रामक सोच। उनका फैसला शुभमन गिल को मिडिल ऑर्डर में लाने और कप्तान बनाने का एक दूरदर्शी कदम माना जा सकता है। इस कदम से साफ है कि अब टीम इंडिया 2025-2027 की तैयारी में अनुभव से ज्यादा युवा जोश और निरंतरता पर विश्वास कर रही है।
इंग्लैंड दौरा पर होगी अग्निपरीक्षा
इंग्लैंड की तेज पिचें और स्विंग होती गेंदें हमेशा भारतीय बल्लेबाजों की परीक्षा लेती रही हैं। ऐसे में गिल को न सिर्फ खुद बेहतरीन प्रदर्शन करना होगा, बल्कि टीम को भी मनोवैज्ञानिक और तकनीकी रूप से तैयार रखना होगा। वह कैसे खिलाड़ियों को हैंडल करते हैं, कैसे निर्णय लेते हैं और कैसे प्रेशर में खुद को शांत रखते हैं — ये सभी बातें उनकी कप्तानी को परिभाषित करेंगी।
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क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों के बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या शुभमन गिल को इतनी जल्दी ये अहम ज़िम्मेदारी देना सही होगा। कई लोग मानते हैं कि ऋषभ पंत, केएल राहुल या जसप्रीत बुमराह जैसे सीनियर खिलाड़ियों को ये ज़िम्मेदारी देनी चाहिए थी। मगर बीसीसीआई और कोचिंग स्टाफ शायद एक नए युग की शुरुआत करना चाहते हैं — एक ऐसी टीम जो 2027 तक नहीं बल्कि 2030 तक टिक सके।
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रन मशीन विराट कोहली का जाना एक युग का अंत है मगर क्रिकेट रुकता नहीं है। अब शुभमन गिल को ना सिर्फ एक बल्लेबाज की भूमिका निभानी है बल्कि विराट कोहली की छाया से बाहर निकल कर अपनी पहचान बनानी है। उनकी जिम्मेदारी सिर्फ रन बनाना नहीं बल्कि एक ऐसे दौर की नींव रखना है जो आने वाले सालों में भारतीये खेमे को टेस्ट क्रिकेट का बादशाह बना सके।
आपको बता दें कि शुभमन गिल सिर्फ एक रन मशीन नहीं हैं बल्कि वे उस नयी पीढ़ी का चेहरा हैं जो सोशल मीडिया से लेकर मैदान तक हर जगह अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही है। उनका आत्मविश्वास उनकी बैटिंग में झलकता है और उनकी सादगी उनकी लोकप्रियता को और भी खास बनाती है। विराट कोहली की तरह ही गिल भी फिटनेस को लेकर बेहद सजग हैं और उनका फोकस लंबी पारियों पर होता है। अगर वो कोहली की तरह फैन बेस बना सके और साथ ही विदेशी धरती पर शतक जड़ते रहें तो वो सच में टेस्ट क्रिकेट के नए पोस्टर बॉय बन सकते हैं।
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