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वाराणसी के तीन प्रमुख मार्ग होंगे चौड़े, काशी में योगी सरकार का बड़ा विकास अभियान

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी एक बार फिर विकास कार्यों की वजह से राष्ट्रीय चर्चा में है। इस बार केंद्र और राज्य सरकार की निगरानी में यहां चल रहे सड़क चौड़ीकरण के कार्य ने शहरवासियों की उम्मीदों को एक नई दिशा दी है। बढ़ती जनसंख्या और यातायात के दबाव को कम करने के लिए यह परियोजना सरकार की प्राथमिकता बन गई है।

उत्तर प्रदेश सरकार खासकर के सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वाराणसी को एक स्मार्ट और सुगम यातायात वाला शहर बनाने की दिशा में सक्रियता से काम कर रही है। तीन प्रमुख सड़कों का चौड़ीकरण कार्य न केवल यातायात को आसान बनाएगा बल्कि यह शहर के समग्र सौंदर्य और मूलभूत संरचना को भी नया आयाम देगा।

ये तीन प्रमुख सड़कें पूरी तरह से बदल जाएंगी

वाराणसी में फिलहाल जिन तीन सड़कों का चौड़ीकरण कार्य प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है उनमें पांडेपुर से कचहरी मार्ग, कचहरी से संदहा मार्ग, पड़ाव से टेंगरा मोड़ मार्ग शामिल हैं।

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इन मार्गों पर काम लगभग 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है जिसकी जानकारी मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने सोमवार को सर्किट हाउस में चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ को दी। उन्होंने बताया कि इन सड़कों के माध्यम से दैनिक यात्रा करने वाले हजारों नागरिकों को सुगम आवागमन मिलेगा। साथ ही स्थानीय व्यापारियों को भी फायदा पहुंचेगा।

यूपी की योगी सरकार ने इन सड़कों के लिए 167 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। ये निवेश सिर्फ ढांचागत बदलाव नहीं है बल्कि वाराणसी की भावी संरचना और विकास का रोडमैप भी है।

बुलडोजर एक्शन और मुआवजा नीति पर एक नजर

परियोजना की राह में आने वाले सौ से ज्यादा आवासीय मकान और 80 व्यवसायिक दुकानों पर प्रशासन का बुलडोजर चलेगा। मगर सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि प्रभावित लोगों के पुनर्वास और मुआवजे की प्रक्रिया प्राथमिकता के साथ चलाई जा रही है। शासन ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया है कि एक भी निर्माण कार्य सिर्फ मुआवजे और सहमति के बाद ही हटाया जाए।

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नगर निगम विकास प्राधिकरण और लोक निर्माण विभाग की त्रिस्तरीय साझेदारी से यह कार्य बेहतर तरीके से संपन्न हो रहा है। यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण के साथ हो।

अतिक्रमण हटाने की पहल और संवाद की प्रक्रिया

वाराणसी (काशी) में अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया पूरे जोर शोर से जारी है। स्थानीय प्रशासन सप्ताहिक समीक्षा बैठकों के माध्यम से प्रगति का आकलन कर रहा है। जन सहयोग को ध्यान में रखते हुए संवाद प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जा रही है। सरकारी अफसरों का मानना है कि यदि विस्थापितों के साथ संवेदनशील और संवादात्मक रवैया अपनाया गया तो न सिर्फ परियोजना तेज गति से आगे बढ़ेगी बल्कि जनता का भरोसा भी कायम रहेगा।

प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन लोगों का निर्माण तय सीमा के भीतर है उन्हें किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचाई जाएगी। यह आश्वासन नागरिकों में राहत का भाव पैदा कर रहा है।

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योगी सरकार सड़क चौड़ीकरण को केवल एक निर्माण कार्य के रूप में नहीं देख रही बल्कि इसे एक समग्र शहरी सुधार का हिस्सा माना जा रहा है। इन सड़कों पर भविष्य में नाले स्ट्रीट लाइट और फुटपाथ का निर्माण और उन्नयन किया जाएगा।

इसके पीछे सरकार की सोच यह है कि वाराणसी जैसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर को आधुनिकता के साथ जोड़ते हुए उसकी मूल पहचान को बनाए रखा जाए। चौड़ी साफ सुथरी और व्यवस्थित सड़कें सिर्फ यातायात को सुगम नहीं बनातीं बल्कि वे एक शहर की आत्मा को भी नया जीवन देती हैं।

जानें जनता की राय

स्थानीय जनता में सड़क चौड़ीकरण को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखी जा रही हैं। जहां एक ओर लोग जाम से मुक्ति और बेहतर यातायात व्यवस्था की उम्मीद कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर वे लोग जो इस परियोजना से विस्थापित हो रहे हैं उनके मन में चिंता भी है।

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अंबर प्रकाश पांडेपुर मार्ग पर दुकान चलाते हैं उनका कहना है कि सरकार की योजना अच्छी है पर हमें भी जल्द से जल्द मुआवजा और नई जगह मिलनी चाहिए तभी हम नई शुरुआत कर पाएंगे।

वहीं कचहरी के पास रहने वाली सरिता देवी का कहना है कि अब शहर में जाम कम होगा बच्चों को स्कूल पहुंचाने में राहत मिलेगी। इन प्रतिक्रियाओं से यह साफ है कि जनता को सरकार से न सिर्फ बेहतर व्यवस्था की उम्मीद है बल्कि संवेदनशील और त्वरित पुनर्वास प्रक्रिया की भी अपेक्षा है।

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शासन की योजना सिर्फ वर्तमान समस्याओं के समाधान तक सीमित नहीं है बल्कि इसका उद्देश्य वाराणसी को एक ऐसा शहर बनाना है जो अपने धार्मिक सांस्कृतिक और पर्यटन महत्व के अनुरूप बुनियादी सुविधाओं से लैस हो। इसके तहत आने वाले समय में प्रमुख मार्गों पर स्मार्ट ट्रैफिक लाइट्स नवीन सीवरेज सिस्टम हरित पट्टियों का निर्माण और डिजिटल निगरानी व्यवस्था की भी योजना बनाई जा रही है। ये कदम वाराणसी को स्मार्ट सिटी मिशन के तहत एक आदर्श शहर बनाने की दिशा में निर्णायक साबित हो सकते हैं।

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काशी में हो रहा सड़क चौड़ीकरण कार्य न केवल प्रशासन की सक्रियता का परिचायक है बल्कि ये एक गहन नियोजित और संवेदनशील विकास की मिसाल भी है। सरकार का यह प्रयास है कि शहर को आधुनिकता की ओर अग्रसर करते हुए उसकी ऐतिहासिकता और सांस्कृतिक पहचान को भी सुरक्षित रखा जाए।

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हालांकि इस पूरे काम को कामयाब तभी माना जाएगा जब इससे प्रभावित लोगों को शीघ्र न्यायसंगत और पारदर्शी तरीके से राहत मिले। सड़कें चौड़ी हों मगर दिलों के रास्ते भी खुले रहें यही किसी भी विकास कार्य की असली कसौटी होती है।

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