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शुद्ध पेट्रोल या मिलावटी, पता लगाने के लिए करें ये एक काम; फिर यहां करें शिकायत

Petrol Pump Scam: पेट्रोल की क्वालिटी पर संदेह आज हर उस व्यक्ति की कहानी बन चुकी है जो सड़क पर अपने वाहन के साथ निकलता है। यह शंका केवल तकनीकी नहीं एक मानसिक बोझ बन जाती है जब आप अपनी मेहनत की कमाई से वाहन में पेट्रोल भरवाते हैं तो दिल के किसी कोने में यह आशंका जरूर उठती है कि कहीं यह ईंधन आपकी गाड़ी के साथ आपकी उम्मीदों को भी ठेस न पहुँचा दे।

देशभर के कई पेट्रोल पंपों पर घटिया और मिलावटी ईंधन देने के आरोप पहले भी सामने आ चुके हैं। कभी उपभोक्ताओं की शिकायतों में, कभी वायरल होते वीडियो में और कभी किसी चुपचाप खराब हो गई बाइक या कार की कहानी में।

अब चिंता करने की जरूरत नहीं (Quickest Way To Test Petrol Quality)

मगर अब आपको इस टेंशन में जीने की ज़रूरत नहीं। इस खबर में आप जानेंगे कि कैसे यह पहचानें कि जो पेट्रोल आप अपने वाहन में भरवा रहे हैं वह शुद्ध है या मिलावटी।

आपका अधिकार क्या, फ़िल्टर पेपर टेस्ट की माँग करें (How to check Petrol Quality)

अक्सर हम पेट्रोल पंप पर ईंधन भरवाते समय चुपचाप खड़े रहते हैं मगर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अनुसार यह आपका कानूनी अधिकार है कि आप पेट्रोल की गुणवत्ता की जांच के लिए ‘फ़िल्टर पेपर टेस्ट’ की माँग करें। हर पेट्रोल पंप (Petrol Quality check on Petrol pumps) को फिल्टर पेपर अपने पास स्टॉक में रखना होता है और ग्राहक के अनुरोध पर उसे उपलब्ध कराना उनकी ज़िम्मेदारी है।

परीक्षण की प्रक्रिया, कुछ ही मिनटों में स्पष्ट हो जाएगी सच्चाई

फिल्टर पेपर टेस्ट (Filter Paper Test) की प्रक्रिया उतनी ही सरल है जितनी किसी पत्ते पर पानी की कुछ बूँदें गिराना। यदि आपको पेट्रोल की शुद्धता (Petrol Quality) पर संदेह हो तो शांति और आत्मविश्वास के साथ पंप संचालक से फिल्टर पेपर मांगें।

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एक बार फ़िल्टर पेपर मिलने पर डिस्पेंसिंग नोज़ल से उस पर पेट्रोल की कुछ बूंदें टपकाएं। अब उसे अपनी हथेली में पकड़ें हल्की हवा में उसे देखें और लगभग दो मिनट तक वेट करें जब तक कि पेट्रोल पूरी तरह वाष्पित न हो जाए।

नतीजा बोलेगा सच

यदि वो पेट्रोल फ़िल्टर पेपर पर कोई दाग छोड़े बिना वाष्पित हो जाता है तो यह एक अच्छी खबर है आपके वाहन में डाला गया ईंधन शुद्ध है। पेपर उतना ही साफ रहेगा जितना पहले था जैसे एक ईमानदार सौदे की निशानी।

मगर अगर वहाँ धब्बा चिकनाई या कोई निशान रह जाता है तो ये एक लाल झंडी है। इसका मतलब है कि पेट्रोल में कुछ ऐसा है जो वहाँ नहीं होना चाहिए था। ये मिलावट है—एक छुपा हुआ धोखा।

पेट्रोल पंप वालों को ऐसे सिखाएं सबक

अगर आपको फ़िल्टर पेपर पर कोई दाग नज़र आता है तो घबराएं नहीं। ये क्षण आपके उपभोक्ता अधिकार के इस्तेमाल का है। पेट्रोल पंप के अफसरों से चतुराई से शिकायत करें और आवश्यकता हो तो ज़िले के आपूर्ति विभाग या उपभोक्ता फोरम में मामला दर्ज करें। आपका ये एक कदम न सिर्फ़ आपके वाहन बल्कि आने वाले हज़ारों उपभोक्ताओं को भी धोखे से बचा सकता है।

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पेट्रोल सिर्फ़ एक ईंधन नहीं यह हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी को गतिशील बनाए रखने वाला जरिया है। इसकी शुद्धता पर संदेह केवल यांत्रिक समस्या नहीं एक नैतिक सवाल है—क्या उपभोक्ता को वह मिल रहा है जिसका भुगतान वह पूरी ईमानदारी से कर रहा है।

अब जब आपके पास जानकारी और अधिकार दोनों हैं तो अगली बार पेट्रोल भरवाते समय एक सजग और आत्मविश्वासी उपभोक्ता बनिए क्योंकि जब अधिकारों का प्रयोग होता है तो सुधार की शुरुआत भी वहीं से होती है।

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