UP Politics: मिशन 360+, सपा का बूथ से बहुमत तक का रोडमैप तैयार
UP Politics; उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने 2027 विधानसभा इलेक्शन (Up Election 2027) की तैयारी की कमान अब पूरी तरह से अपने हाथ में ले ली है। एक सधी हुई रणनीति और जनभावनाओं को समझने की दृष्टि से पार्टी ने जमीनी स्तर पर कार्य प्रारंभ कर दिया है।
धूप से तपते जून के इस रविवार को जब उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड इलाका लू की गर्म सांसों से झुलस रहा था महोबा के समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) कार्यालय में कुछ और ही उफान था जोश उम्मीद और बदलाव की सोंधी गंध हवा में घुली हुई थी।
एसपी चीफ अखिलेश यादव के निर्देश पर वरिष्ठ नेता और बुंदेलखंड की सियासत के पुराने सूरमा रामवृक्ष यादव जो कभी विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं महोबा पहुंचे। बुजुर्ग होते कंधों पर अनुभव का भार था, पर आँखों में चुनावी विजन की नई चमक। एक सधे हुए रणनीतिकार की भांति उन्होंने संगठन की नब्ज टटोलनी शुरू की।
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रामवृक्ष यादव के आगमन ने जनपद में सियासी हलचल पैदा कर दी। पार्टी कार्यालय के बाहर लाल झंडे फहराते हुए तेज़ हवाओं से लहराने लगे मानो खुद वक्त गवाह बनना चाहता हो इस बैठक के। परिसर में कार्यकर्ताओं की भीड़ जुट चुकी थी कईयों के चेहरों पर धूप की तपिश थी पर उनके दिलों में उम्मीद की ठंडी छांव थी।
जब रामवृक्ष यादव मंच पर पहुँचे तो उनका हर शब्द जैसे बरसों के अनुभव से तराशा हुआ था। उन्होंने संगठन की तैयारियों का गहराई से जायजा लिया और कार्यकर्ताओं में आत्मविश्वास की ऐसी लौ जलाई जो दूर-दराज के गांवों तक फैलती चली गई। उन्होंने न सिर्फ बैठक की अध्यक्षता की बल्कि यह भी ऐलान किया कि 2027 के चुनाव में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) इतिहास रचने को तैयार है “इस बार सिर्फ सरकार नहीं हम एक नई सोच की सरकार लाएंगे जो 360 सीटों से भी ज़्यादा जीतकर नया कीर्तिमान स्थापित करेगी।”
मीटिंग में उन्होंने कहा कि ये केवल चुनाव नहीं ये परिवर्तन की क्रांति है। अब जात की सीमाएँ टूटेंगी दल की सीमाएँ टूटेंगी और सबसे बड़ी बात पूंजी की सीमाएँ टूटेंगी। अब वो वक़्त आ गया है जब आम आदमी अपनी सरकार चुनेगा न कि विज्ञापनों और झूठे वादों से बनी सत्ता। इस क्रांतिकारी स्वर में छुपा था एक बुंदेली जज़्बा सीधा साफ और संघर्ष से सीखा हुआ।
स्थानीय मुद्दों को लेकर विशेष रणनीति तैयार
रामवृक्ष यादव ने संगठन के मजबूतीकरण के लिए बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं की नियुक्ति प्रशिक्षण और सशक्त भागीदारी पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि 2027 में सिर्फ बड़े नाम नहीं बल्कि हर कार्यकर्ता की मेहनत ही जीत की असली चाभी होगी।
उन्होंने कहा कि हर गाँव हर गली हर घर तक पार्टी की नीतियाँ पहुँचनी चाहिए। महंगाई बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ अब आवाज़ उठेगी। भाजपा की सरकार ने जनता को सिर्फ खोखले वादे दिए हैं। अब उन्हें सच्चाई का आईना दिखाने का वक्त आ गया है।
उनकी बातों में सिर्फ आलोचना नहीं बल्कि एक वैकल्पिक दृष्टि भी थी। उन्होंने यह भी कहा कि सपा की नीतियाँ सिर्फ चुनावी वादे नहीं बल्कि जनकल्याण के ठोस संकल्प हैं।
अबकी बार, समाजवादी सरकार- सपा कार्यकर्ता
महोबा पार्टी कार्यालय जो सामान्य दिनों में किसी सरकारी दफ्तर जैसी चुप्पी ओढ़े रखता था आज क्रांति का अड्डा बन गया था। दीवारों पर लाल रंग की झलक पोस्टरों में मुस्कुराते हुए नेताजी और मैदान में गूंजते नारे “समाजवाद ज़िंदाबाद”, “अखिलेश फिर से” यह सब मिलकर एक ऐसा दृश्य रच रहे थे जैसे इतिहास एक बार फिर खुद को दोहराने को बेताब हो।
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कार्यकर्ताओं ने अपनी-अपनी बात रखी कुछ ने गाँव में चल रहे सामाजिक कार्यों की चर्चा की कुछ ने बूथ स्तर की समस्याएँ बताईं। मगर हर किसी की आवाज़ में एक बात साझा थी “अबकी बार, समाजवादी सरकार।”
युवाओं और महिलाओं की भागीदारी पर विशेष बल
बैठक में युवाओं की एक बड़ी संख्या मौजूद थी खादी कुरते पहने छात्र नेता बाइक से पहुंचे किसान पुत्र कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियाँ जिनकी आँखों में अब राजनीतिक चेतना की चिंगारी थी। रामवृक्ष यादव ने कहा कि बदलाव तब ही आएगा जब युवाओं को नायक नहीं निर्माता बनने का अवसर मिलेगा। महिलाएं अब सिर्फ वोटर नहीं निर्णयकर्ता बनेंगी। इस वाक्य ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ पूरा माहौल गूंजा दिया।
मिशन 360+ की ठोस शुरुआत
बैठक का समापन हुआ मगर असर सिर्फ शब्दों का नहीं था यह उन संकल्पों का आरंभ था जो 2027 तक रोज़ तैयार किए जाएंगे बूथ दर बूथ घर दर घर।
सपा कार्यकर्ताओं ने यह स्पष्ट किया कि वे अब गाँव-गाँव जाकर पार्टी की योजनाओं को प्रचारित करेंगे। मनरेगा शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा।
पूर्व विधायक कप्तान सिंह राजपूत जिनके राजनीतिक अनुभव का लोहा महोबा जानता है ने भी मंच से कार्यकर्ताओं को उत्साहित किया। उन्होंने कहा कि यह समय केवल राजनीति (up politics) करने का नहीं जनसेवा के लिए राजनीति को माध्यम बनाने का है।
पूर्व मंत्री कुंवर बादशाह सिंह बुंदेलखंड की मिट्टी से गहराई से जुड़े नेता ने कहा कि हमने वो दिन देखे हैं जब समाजवाद एक सपना था। अब ये सपना हकीकत बनने वाला है। हमारे कार्यकर्ता वो मशाल हैं जो अंधेरे में भी रास्ता दिखाते हैं।
बैठक के बाद परिसर में चाय की चुस्कियों के साथ चुनावी चर्चाओं का दौर चलता रहा। कुछ युवा कार्यकर्ता नारे लिखने की योजना बना रहे थे कुछ महिला कार्यकर्ता अगले सप्ताह की जनसभा की तैयारियों में जुट गईं।
हर कोई जानता था महोबा से जो शुरुआत हुई है वो सपा की आगामी चुनावी लहर की पहली लहर है।
आपको बता दें कि अखिलेश यादव और उनकी टीम अब 2027 की जंग को केवल राजनीतिक नहीं बल्कि वैचारिक और सामाजिक क्रांति के रूप में देख रही है। पार्टी ने महोबा की भूमि से एक मजबूत संदेश दिया है कि बदलाव सिर्फ नारे से नहीं, जमीनी मेहनत से आता है।