क्या है ESG Investing, जानें ये आपके पोर्टफोलियो के लिए क्यों जरूरी
अगर आप शेयर बाजार म्यूचुअल फंड्स या लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन में रुचि रखते हैं तो आपने शायद ESG Investing का नाम सुना होगा। यह कोई नई ट्रिक या ट्रेंड नहीं है बल्कि यह एक ऐसा इन्वेस्टमेंट एप्रोच है जो अब ग्लोबल फाइनेंशियल वर्ल्ड में mainstream होता जा रहा है।
पर क्या आपने कभी सोचा है कि आपके पैसे सिर्फ मुनाा कमाने के लिए नहीं बल्कि इस दुनिया को बेहतर बनाने के लिए भी काम कर सकते हैं। यही सोच ESG Investing की जड़ है।
ESG का मतलब मतलब जानें
- E = Environment (पर्यावरण)
- S = Social (सामाजिक उत्तरदायित्व)
- G = Governance (कॉर्पोरेट गवर्नेंस)
यानी ESG Investing एक ऐसा तरीका है जिसमें आप उन कंपनियों में निवेश करते हैं जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचा रहीं। समाज के प्रति ज़िम्मेदार हैं और जिनकी मैनेजमेंट पारदर्शी (transparent) और नैतिक (ethical) है।
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इसे “Sustainable Investing” या “Impact Investing” भी कहा जाता है जहाँ लाभ के साथ-साथ सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव भी देखा जाता है।
ESG के तीन प्रमुख स्तंभ (Pillars of ESG)
1. Environment (पर्यावरण)
इसमें देखा जाता है कि कंपनी पर्यावरण पर कैसे असर डाल रही है। क्या वह carbon emissions को कम कर रही है। renewable energy का उपयोग कर रही है या नहीं, पानी और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण कर रही है।
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उदाहरण: टेस्ला जैसी कंपनियाँ low-emission technologies में अग्रणी मानी जाती हैं।
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2. Social (सामाजिक जिम्मेदारी)
- यह हिस्सा कंपनी के स्टाफ समुदाय और उपभोक्ताओं से जुड़े विषयों को कवर करता है।
- क्या कंपनी gender equality और diversity को बढ़ावा देती है।
- क्या वह स्थानीय समुदाय के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार करती है।
- क्या employee welfare और human rights का ख्याल रखा जाता है।
- उदाहरण: कंपनियाँ जो employee wellness programs में निवेश करती हैं ESG स्कोर में बेहतर होती हैं।
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3. Governance (कॉर्पोरेट गवर्नेंस)
- यहाँ पर कंपनी के प्रबंधन और निर्णय लेने की पारदर्शिता को देखा जाता है-
- क्या कंपनी में स्वतंत्र बोर्ड सदस्य हैं।
- क्या executive compensation performance से जुड़ा है।
- क्या वे corruption या unethical practices से दूर हैं।
- मजबूत गवर्नेंस वाले ब्रांड्स का long-term financial performance बेहतर होता है।
ESG Investing आपके पोर्टफोलियो के लिए क्यों जरूरी
1. Low Risk Long-Term Return
ESG-compliant कंपनियां आमतौर पर रिस्क को अच्छे से मैनेज करती हैं। अगर कोई कंपनी पर्यावरण नियमों को तोड़ती है तो उस पर भारी जुर्माना लग सकता है और उसका स्टॉक गिर सकता है।
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ESG Funds उन कंपनियों को चुनते हैं जो risk mitigation में बेहतर होती हैं।
2. Consumer Sentiment Matters
- आज का उपभोक्ता सिर्फ प्रोडक्ट नहीं देखता वह कंपनी के values भी देखता है। अगर कंपनी socially responsible है तो लोग उससे जुड़ाव महसूस करते हैं।
- यह लॉन्ग टर्म में brand loyalty और revenue stability लाता है।
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3. Regulatory Compliance
- दुनिया भर में गवर्नमेंट्स अब ESG को ज़रूरी बना रही हैं। निवेशक अगर अभी से ESG trends को अपनाएं तो regulatory changes से नुकसान नहीं होगा।
- भारत में SEBI ने भी अब ESG रिपोर्टिंग को mandatory बनाया है कुछ बड़ी कंपनियों के लिए।
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4. Positive Impact Investing
- ESG निवेशकों को यह आत्मसंतोष देता है कि उनका पैसा सिर्फ बढ़ नहीं रहा बल्कि दुनिया को बेहतर बना रहा है।
- इसे ethical wealth creation भी कहा जाता है।
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ESG Investing कैसे करें
1. ESG Mutual Funds या ETFs
- भारत में अब कई फंड हाउस ESG Funds लॉन्च कर चुके हैं जैसे-
- SBI Magnum ESG Fund
- Axis ESG Equity Fund
- ICICI Prudential ESG Fund
- इन फंड्स में आप SIP के जरिए भी निवेश कर सकते हैं।
2. ESG Ratings पर रिसर्च करें
- कंपनियों के ESG स्कोर आजकल कई प्लेटफॉर्म्स पर मिलते हैं जैसे MSCI Sustainalytics Morningstar आदि।
- ESG score देखकर आप खुद तय कर सकते हैं कि कौनसी कंपनी responsible investing के लिए सही है।
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3. DIY (Do-It-Yourself) Approach
- अगर आप खुद स्टॉक्स चुनते हैं तो आप Annual Reports में जाकर sustainability initiatives CSR रिपोर्ट्स और governance policies पढ़ सकते हैं।
- क्या ESG Investing भारत में सफल हो रही है
- हाँ और तेजी से।
- 2024 में ESG Funds का AUM (Assets Under Management) 12000 करोड़ रुपए के पार पहुंच चुका है।
- Gen Z और Millennial investors इस क्षेत्र की ओर ज़्यादा आकर्षित हो रहे हैं क्योंकि वे अपने मूल्यों के साथ जुड़ा निवेश चाहते हैं।
- Global trends भी इसी दिशा में हैं। BlackRock, Vanguard, Fidelity जैसी बड़ी निवेश कंपनियाँ अब ESG-केंद्रित पोर्टफोलियो बना रही हैं।
- ESG Investing सिर्फ एक वित्तीय विकल्प नहीं है ये एक नैतिक जिम्मेदारी भी है। ऐसे वक्त में जब दुनिया climate change, social injustice और corporate scams से जूझ रही है, आपका पैसा किस दिशा में जा रहा है ये मायने रखता है।
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इसलिए अगली बार जब आप निवेश करें, तो केवल लाभ के बारे में न सोचें। सोचें कि आपका निवेश किस प्रकार एक बेहतर समाज, बेहतर पर्यावरण और पारदर्शी व्यवस्था को मजबूत कर सकता है।