इंडियानेशनलपॉलिटिक्सरिसर्चलीगल अफेयर्सवर्ल्डसरकार

क्या है सिंधु जल संधि, पहलगाम हमले के बाद भारत ने लगाई रोक; जानें पाकिस्तान पर कितना पड़ेगा असर

हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा पर देश की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने एक अहम फैसला लिया है। हमले की जांच में सीमा पार संबंधों के सबूत मिलने के बाद हिंदुस्तान ने पाकिस्तान के साथ दशकों पुरानी सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। ये कदम दोनों देशों के बीच संबंधों में एक नया मोड़ लेकर आया है।

सिंधु जल संधि का निलंबन एक बड़ा कदम है। क्योंकि इससे सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज से पाकिस्तान को होने वाली पानी की स्पलाई पर असर पड़ेगा। ये नदियां पाकिस्तान के लिए लाइफ लान हैं और इस फैसले से उस देश के करोड़ों लोग प्रभावित होंगे।

सिंधु जल संधि एक ऐतिहासिक समझौता

सिंधु जल संधि पर 19 सितंबर 1960 को भारत और पाकिस्तान के बीच हस्ताक्षर किए गए थे। विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुए इस समझौते ने दोनों देशों के बीच जल बंटवारे को लेकर लंबे समय से चले आ रहे विवाद को सुलझाया था। यह संधि इतनी मजबूत थी कि इसने भारत और पाकिस्तान के बीच तीन युद्धों (1965, 1971 और 1999) का भी सामना किया। मगर अब इसे अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया गया है। पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू और तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति फील्ड मार्शल अयूब खान ने कराची में इस संधि पर दस्तखत किए थे।

संधि की मुख्य बातें

  1. इस संधि के तहत भारत को तीन पूर्वी नदियों (ब्यास, रावी और सतलुज) के जल पर नियंत्रण मिला।
  2. इनका औसत वार्षिक प्रवाह 41 बिलियन एम3 है।
  3. पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों (सिंधु, चिनाब और झेलम) के जल पर नियंत्रण मिला, जिनका औसत वार्षिक प्रवाह 99 बिलियन एम3 है।
  4. भारत को सिंधु नदी प्रणाली के कुल जल का लगभग 30 फीसद मिला। तो वहीं पाकिस्तान को 70 फीसद मिला।
  5. संधि का मकसद सद्भावना, मैत्री और सहयोग की भावना से जल का इष्टतम इस्तेमाल करना था।

जानें जल बंटवारा कैसे करता है काम

  • इस संधि ने सिंधु प्रणाली की छह मुख्य नदियों को विभाजित किया
  • हिंदुस्तान के कंट्रोल में- रवि, ब्यास, सतलुज
  • पड़ोसी के कंट्रोल में- सिंधु, चिनाब, झेलम

भारत पाक रिश्तें में बढ़ेगी दरार

सिंधु जल संधि के निलंबन के बाद दोनों मुल्कों के दरमियान जल बंटवारे को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बन गई है। इस फैसले के दीर्घकालिक परिणाम क्या होंगे ये देखना बाकी है। मगर एक बात तय है कि ये कदम भारत और पाकिस्तान के संबंधों को और भी मुश्किल बना देगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *