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जब जंग छिड़ जाए तो आम जनता को क्या करना चाहिए, जानें सुरक्षा प्रोटोकॉल और जिम्मेदारियां

हाल ही में पहलगाम में हुए अटैक के बाद भारत-पाकिस्तान सरहद पर एक बार फिर तनाव गहराता जा रहा है। सैन्य हलचल तेज है, रणनीतिक बातचीत और चेतावनियां मीडिया की सुर्खियों में हैं। देश के भीतर और बाहर हर कोई यही सवाल पूछ रहा है क्या हम जंग की दहलीज पर खड़े हैं। हालात भले ही पूरी तरह युद्ध में न बदले हों, मगर जो माहौल बन रहा है वो वाकई चिंता का सबब है।

ऐसे वक्त में जहां सेना अपनी रणनीति तैयार कर रही होती है। आम जनता के लिए भी कुछ अहम प्रोटोकॉल और सावधानियां होती हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह लेख खासतौर पर आम नागरिकों को केंद्र में रखकर लिखा गया है कि अगर युद्ध जैसी स्थिति बनती है तो उन्हें क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए और किस तरह से वे खुद को और अपने परिवार को महफूज रख सकते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून है नागरिकों के लिए सुरक्षा कवच

युद्ध की स्थिति में सबसे पहली जिम्मेदारी बनती है नागरिकों की सुरक्षा की। इस विषय में अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून (International Humanitarian Law – IHL) अहम भूमिका निभाता है।

  • नागरिकों पर हमला नहीं किया जाएगा: किसी भी सैन्य कार्रवाई में नागरिकों को लक्ष्य बनाना पूरी तरह से प्रतिबंधित होता है।
  • स्वास्थ्य और राहत सेवाएं निर्बाध रहेंगी: युद्ध के दौरान अस्पताल, एम्बुलेंस और राहत सेवाएं बिना किसी रोक-टोक के चलनी चाहिए।
  • सुरक्षित निकासी की व्यवस्था: यदि किसी क्षेत्र में युद्ध जैसी स्थिति बनती है, तो नागरिकों को सुरक्षित निकालने के प्रयास किए जाते हैं।
  • ये नियम सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं हैं, इनका उल्लंघन करने वालों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जवाबदेह ठहराया जा सकता है।

नागरिकों के लिए प्रोटोकॉल

1. अपने घर में सुरक्षित रहें

यदि आप सरहदवर्ती या संवेदनशील क्षेत्र में रहते हैं, तो सबसे पहली सलाह यही है कि अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें। सैन्य गतिविधियों से दूर रहें और घर में रहकर रेडियो, टीवी या सरकारी सूत्रों से अपडेट लेते रहें।

2. आपातकालीन किट तैयार रखें

युद्ध या आपातकाल की स्थिति में यह आवश्यक है कि आपके पास एक “Go Bag” या आपातकालीन किट तैयार हो जिसमें शामिल हो:

  • कुछ दिन का भोजन और पानी
  • प्राथमिक चिकित्सा सामग्री
  • आवश्यक दवाइयाँ
  • मोबाइल चार्जर और पावर बैंक
  • जरूरी दस्तावेज (आधार कार्ड, राशन कार्ड आदि)

3. सुरक्षित मार्गों की पहचान करें

स्थानीय प्रशासन द्वारा बताए गए निकासी मार्गों और सुरक्षित स्थानों की जानकारी रखें। समय आने पर तुरंत उस दिशा में बढ़ने के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार रहें।

4. सरकारी निर्देशों का पालन करें

कई बार अफवाहें फैलाकर लोगों में डर पैदा किया जाता है। इससे बचने के लिए केवल अधिकृत और विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी लें, और प्रशासन द्वारा जारी किसी भी चेतावनी या आदेश को गंभीरता से लें।

जंग जैसे हालातों में सरकार और फौज की भूमिका के साथ-साथ नागरिकों की जिम्मेदारी भी बहुत अहम होती है। एकजुट रहकर अफवाहों से दूर रहकर और दूसरों की मदद करके हम एक मजबूत सामाजिक ताने-बाने का निर्माण कर सकते हैं, जो किसी भी खतरे का सामना करने में सक्षम होता है।

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