Air India Plane Crash में मिले 70 तोला सोने और नकदी पर किसका हक, जानिए कानूनी नियम
12 जून 2025 को एयर इंडिया का विमान 171 अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त (Air India Plane Crash) हो गया था। इस दुखद घटना ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था। इस भीषण विमान दुर्घटना (Plane Crash) में 241 यात्री और 30 से अधिक अन्य लोगों की मौत हो गई थी।
मृतकों के शवों की पहचान के लिए फिलहाल डीएनए जांच की जा रही है। विमान के मलबे की जांच (crash investigation) के दौरान कुछ बेहद कीमती सामान मिले हैं। इनमें 70 तोला सोना (करीब 800 ग्राम), 80 हजार रुपये नकद, एक भगवद गीता और कुछ पासपोर्ट शामिल हैं। इसके बाद एक अहम सवाल यह खड़ा हो गया है कि इन कीमती सामानों पर कानूनी अधिकार (legal ownership of valuables) किसका होगा? ऐसी स्थिति के लिए सही नियम क्या हैं?
दुर्घटना में मिली वस्तुओं का क्या होता है (crash recovery process)
एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान, जो अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भर रहा था, उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस विमान के अवशेषों की जांच के दौरान कई कीमती सामान बरामद किए गए। फिलहाल ये सभी सामान सरकारी संरक्षण में हैं। चूंकि ऐसी कीमती वस्तुओं को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी सरकार की है, इसलिए इन्हें सरकारी तिजोरियों या लॉकरों में जमा करा दिया गया है।
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कानूनी नियम क्या हैं
भारत में विमान दुर्घटना के बाद मलबे से बरामद वस्तुओं के स्वामित्व को लेकर स्पष्ट कानूनी नियम हैं, जिनका नागरिक उड्डयन मंत्रालय और स्थानीय प्रशासन द्वारा पालन किया जाता है। दुर्घटना के बाद मिलने वाली कोई भी कीमती वस्तु, चाहे वह नकदी हो, आभूषण हो या अन्य सामान, पुलिस या जिला प्रशासन द्वारा तुरंत जब्त कर लिया जाता है। ये सामान गलत हाथों में नहीं पड़ना चाहिए।
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मालिक की पहचान: इसके बाद, यह पता लगाने की प्रक्रिया शुरू होती है कि वस्तुओं का असली मालिक कौन है। इसके लिए दस्तावेजी सत्यापन किया जाता है। चूंकि मृतक की पहचान का काम अभी चल रहा है, इसलिए इसके पूरा होने के बाद दस्तावेजों के आधार पर सोने और नकदी के असली मालिक का पता लगाया जाएगा।
कैसे करें दावा (legal claims)
अगर कोई व्यक्ति या परिवार इन वस्तुओं पर दावा करना चाहता है, तो उसे मृतक के साथ अपने रिश्ते का सबूत, यात्रा दस्तावेज या अन्य कानूनी सबूत जमा कराने होंगे। अगर इन कीमती सामानों का कोई वास्तविक दावेदार नहीं मिला तो इन्हें सरकारी संपत्ति मानकर जब्त किया जा सकता है। साथ ही, चूंकि यह एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान है, इसलिए मॉन्ट्रियल कन्वेंशन 1999 के नियम भी लागू हो सकते हैं। इन नियमों के अनुसार, पहचान पूरी होने के बाद ही सोने और नकदी के असली मालिक का पता लगाया जाएगा।