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Women’s Day Special: भारत की वो टॉप महिलाएं जिन्होंने हासिल की विशेष उपलब्धि

EELA INDIA DIGITAL 

हर साल 8 मार्च को विश्व महिला दिवस मनाया जाता है। विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान और प्रशंसा प्रकट करते हुए उनके आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों एवं कठिनाइयों की सापेक्षता के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर इस दिवस को मनाया जाता है। इस आर्टिकल में हम आपको उन टॉप महिलाओं के बारे में बताएंगें जिन्होंने अपने कार्यों से दुनियाभर में धूम मचा दिया।

MOTHER TERESA 

EELA INDIA द्वारा बनाई गई इस लिस्ट में सबसे ऊपर नाम आता है मदर टेरेसा का जिनका जन्म 26 अगस्त 1910 को मेसेडोनिया में हुआ था। इनको कलकत्ता की संत टेरेसा के नाम से भी जाना जाता है। मदर टेरेसा रोमन कैथोलिक नन थीं, जिन्होंने में स्वेच्छा से भारतीय नागरिकता ले ली थी। उन्होंने सालों तक गरीब, बीमार, अनाथ और मरते हुए लोगों की मदद की और साथ ही मिशनरीज ऑफ़ चैरिटी के प्रसार का भी मार्ग प्रशस्त किया।

मदर टेरेसा को उनकी सेवाओं के लिये विविध पुरस्कारों एवं सम्मानों से विभूषित किया गया है। 1931 में उन्हें पोप जान तेइसवें का शांति पुरस्कार और धर्म की प्रगति के टेम्पेलटन फाउण्डेशन पुरस्कार प्रदान किया गया। विश्व भारती विद्यालय ने उन्हें देशिकोत्तम पदवी दी जो कि उसकी ओर से दी जाने वाली सर्वोच्च पदवी है। अमेरिका के कैथोलिक विश्वविद्यालय ने उन्हे डोक्टोरेट की उपाधि से विभूषित किया।

भारत सरकार से 1963 में उन्हें ‘पद्म श्री‘ की उपाधि मिली। ब्रिटेन द्वारा ‘आईर ओफ द ब्रिटिश इम्पायर‘ की उपाधि प्रदान की गयी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने उन्हें डी-लिट की उपाधि से विभूषित किया। 17 दिसम्बर 1979 को मदर टेरेसा को मानव-कल्याण कार्यों के हेतु नोबल पुरस्कार प्रदान किया गया। वह तीसरी भारतीय नागरिक है जो संसार में इस पुरस्कार से सम्मानित की गयी हैं। अपने भाषणों में मदर टेरेसा ने स्पष्ट कहा है कि “शब्दों से मानव-जाति की सेवा नहीं होती, उसके लिए पूरी लगन से कार्य में जुट जाने की आवश्यकता है।”

INDIRA GANDHI –

आयरन लेडी के नाम से प्रसिद्ध इन्दिरा प्रियदर्शिनी गांधी के बारे में भारत का बच्चा बच्चा जानता है। इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवम्बर 1917 में हुआ था।

वर्ष 1966 से 1977 तक लगातार 3 पारी के लिए भारत गणराज्य की प्रधानमन्त्री रहीं और उसके बाद चौथी पारी में 1970 से लेकर 1968 में उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। वे भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं।

इंदिरा गांधी स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से शामिल रहीं। बचपन में उन्होंने असहयोग आंदोलन के दौरान कांग्रेस पार्टी की मदद के लिए ‘बाल चरखा संघ‘ और 1930 में बच्चों की ‘वानर सेना‘ की स्थापना की। सितंबर, 1942 में उन्हें जेल में डाल दिया गया और महात्मा गांधी के मार्गदर्शन में 1947 में दिल्ली के दंगा प्रभावित इलाकों में काम किया।

26 मार्च, 1942 को उनकी शादी फिरोज गांधी से हुई और उनके दो बेटे थे। इंदिरा 1955 में कांग्रेस कार्य समिति की सदस्य बनीं। 1958 में उन्हें कांग्रेस के केंद्रीय संसदीय बोर्ड के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया। वह 1959 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं।

वह सूचना एवं प्रसारण मंत्री (1964-1966) रहीं। फिर वह जनवरी, 1966 से मार्च, 1977 तक भारत के प्रधानमंत्री पद पर रहीं। इसके बाद वह 1980 में फिर से प्रधानमंत्री बनीं। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में उनके दृढ़ निश्चय की सभी प्रशंसा करते हैं। इस युद्ध के कारण बांग्लादेश का जन्म हुआ। उन्हें 1972 में भारत रत्न से सुशोभित किया गया। 31 अक्टूबर, 1984 के दिन सुरक्षा गार्डों ने उनकी हत्या कर दी।

सावित्रीबाई फुले 

3 जनवरी 1831 को जन्मी सावित्रीबाई फुले भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थीं। सावित्रीबाई फुले का विवाह 1841 में महात्मा ज्योतिराव फुले से हुआ था। वह सावित्रीबाई के संरक्षक, गुरु और समर्थक थे।

सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जीया जिसका उद्देश्य था विधवा विवाह करवाना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और महिलाओ को शिक्षित बनाना। वे एक कवियत्री भी थीं उन्हें मराठी की आदिकवियत्री के रूप में भी जाना जाता था। वे स्कूल जाती थीं, तो उनका विरोध होता था।

सावित्रीबाई पूरे देश की नायिका हैं। हर जाति और धर्म के लिये उन्होंने काम किया। शिक्षा के क्षेत्र में सावित्रीबाई फुले ने बहुत बड़ा योगदान है।

JANAKI AMMAL-

भारत की महिला वैज्ञानिक डॉ. जानकी अम्माल का जन्म 4 नवंबर 1897 में, केरल के तेल्लीचेरी (अब थालास्सेरी) में हुआ था। अम्माल को उनके वनस्पति विज्ञान और नृजातीय (जेनेटिक्स) वानस्पतिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए जाना जाता है। अम्माल को 1934 में भारतीय विज्ञान अकादमी का तथा 1947 में भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी का फेलो चुना गया था।

साल 1951 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें भारत में बोटैनिकल सर्वे ऑफ इंडिया के नवीनीकरण के लिए बुलाया था। उस समय वह लंदन में शोध कर रही थी। तब उन्होंने तीन अपने दशक लंबे करियर को पीछे छोड़ते हुए सरकारी सेवाओं में अपना भरपूर योगदान किया।

भारत सरकार ने 1957 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया। 2000 में भारत सरकार के पर्यावरण और वन मंत्रालय ने उनके नाम पर वर्गीकरण विज्ञान के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कार संस्थापित किया।

DROUPADI MURMU –

भारत गणराज्य की 14वीं और वर्तमान राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत एक द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1948 को ओडिशा के मयूरभंज जिला के बैदापोसी गाँव में हुआ है। मुर्मू, प्रतिभा पाटिल के बाद भारत की राष्ट्रपति के रूप में सेवा करने वाली दूसरी महिला हैं। प्रबुद्ध सोसाइटी द्रौपदी मुर्मू को प्रबुद्ध महिला सम्राट से अलंकृत किया है।

राष्ट्रपति पद को संभालने वाली ओडिशा की द्वितीय व्यक्ति हैं और देश की सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति हैं। मुर्मू भारत की आजादी के बाद पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति हैं। राष्ट्रपति बनने से पहले उन्होंने 2000 से 2004 के बीच ओड़िशा सरकार के मंत्रिमंडल में विभिन्न विभागों में सेवा दी। 205 से 2021 तक झारखंड के नौवें राज्यपाल के रूप में भी वह कार्यभार संभाल चुकी हैं।

MARY COM-

मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम जिन्हें मैरी कॉम के नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय महिला मुक्केबाज हैं। उनका जन्म 9 मार्च 983 को मणिपुर में हुआ है। मैरी कॉम 8 बार ‍विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता की विजेता रह चुकी हैं।

2012 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में उन्होंने कांस्य पदक जीता। 2010 के ऐशियाई खेलों में काँस्य तथा 2014 के एशियाई खेलों में उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया। मैरी कॉम ने सन् 2009 में प्रथम बार नेशनल वुमन्स बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीती। अब तक वह 10 राष्ट्रीय खिताब जीत चुकी है।

बॉक्सिंग में देश का नाम रोशन करने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2003 में उन्हे अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया एवं वर्ष 2006 में उन्हे पद्मश्री से सम्मानित किया गया। जुलाई 29, 2009 को वे भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए (मुक्केबाज विजेंदर कुमार तथा पहलवान सुशील कुमार के साथ) चुनीं गयीं।

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