Income Tax रिटर्न फाइल कर रहे हैं; इन 3 जरूरी फॉर्म के बिना नहीं होगा काम! अभी चेक करें
इनकम टैक्स फाइलिंग (Income Tax Filing) शुरू हो चुकी है और हर कोई इस काम में व्यस्त है। अगर आप भी उनमें से एक हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) सही तरीके से फाइल करने और किसी भी गलती से बचने के लिए कुछ बातें जानना बेहद जरूरी है। अपनी सैलरी के अलावा दूसरी आय और खर्चों की जानकारी देने के लिए आपको 3 अहम फॉर्म के बारे में जानना जरूरी है। ये फॉर्म हैं फॉर्म 16, फॉर्म 26 AS और एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS)।
एक सैलरी स्लिप हैफॉर्म 16
वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए फॉर्म 16 बेहद जरूरी है। ये फॉर्म आपके नियोक्ता (जहां आप काम करते हैं) द्वारा हर वित्तीय वर्ष (Financial Year) की समाप्ति के बाद 15 जून या उससे पहले दिया जाता है। इसमें इस बात की पूरी जानकारी होती है कि आपको साल भर में कितनी सैलरी मिली और आपकी सैलरी से कितना TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) काटा गया। इसके अलावा यह इस बात का भी प्रमाण होता है कि कंपनी द्वारा काटा गया TDS सरकार के पास जमा हो गया है।
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फ़ॉर्म 16 के दो भाग हैं
भाग A: इसमें केवल सरकारी खाते में काटे गए और जमा किए गए TDS के बारे में जानकारी होती है।
भाग B: इसमें आपके वेतन (उदाहरण के लिए, मूल वेतन, भत्ते), उपलब्ध कटौतियों (जैसे 80C के तहत किए गए निवेश) और आपकी शुद्ध कर योग्य आय के बारे में विस्तृत जानकारी होती है। अपना आयकर रिटर्न दाखिल करते समय, जाँच लें कि आपके फ़ॉर्म 16 में दी गई जानकारी में कोई गलती तो नहीं है।
फ़ॉर्म 26AS: आपका टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट
फ़ॉर्म 26AS को ‘टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट’ (Tax Credit Statement) भी कहा जाता है। यह फ़ॉर्म आपको इस बारे में जानकारी देता है कि वर्ष के दौरान आपकी विभिन्न आय (वेतन के अलावा) से कितना टैक्स काटा गया है। इसमें बैंकों, कंपनियों से प्राप्त आय और खर्चों के बारे में जानकारी होती है।
इसमें आम तौर पर निम्नलिखित के बारे में जानकारी होती है
वेतन से काटा गया टीडीएस
आय पर ब्याज (जैसे एफडी पर ब्याज)
संपत्ति की बिक्री से लाभ
आपके द्वारा चुकाया गया एडवांस टैक्स
और आपके द्वारा चुकाया गया सेल्फ असेसमेंट टैक्स
यह फॉर्म आपको यह जांचने में मदद करता है कि आपका चुकाया गया या काटा गया टैक्स समय पर सरकारी खाते में जमा हुआ है या नहीं। इससे आपको किसी भी तरह की उलझन से बचने में मदद मिलती है।
AIS (वार्षिक सूचना रिटर्न): आपके वित्तीय लेन-देन का पूरा लेखा-जोखा
AIS का मतलब है वार्षिक सूचना रिटर्न, जिसे आयकर विभाग ने 2021 में लॉन्च किया था। यह फॉर्म पूरे साल की आपकी वित्तीय गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी देता है।
इसमें क्या-क्या होता है
वेतन
बैंकों से प्राप्त ब्याज
कंपनियों से प्राप्त लाभांश
म्यूचुअल फंड में लेन-देन
शेयरों और अन्य प्रतिभूतियों में लेन-देन
और बड़े वित्तीय लेन-देन (जैसे बड़ी खरीद या बिक्री)
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ये फॉर्म आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर आसानी से उपलब्ध है, जिससे आपकी आय का स्पष्ट अंदाजा लगाया जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर आपके आयकर रिटर्न (ITR) और AIS में कोई विसंगति (अंतर) है, तो आयकर विभाग आपसे इसके बारे में पूछ सकता है। इसलिए, ITR दाखिल करने से पहले AIS की जांच करना बहुत जरूरी है।
इन तीनों फॉर्म के बारे में सही जानकारी होने से आप अपना आयकर रिटर्न सही और सही तरीके से दाखिल कर पाएंगे।