आज क्यों हड़ताल, Bharat Bandh का ऐलान किसने किया; जानें सबकुछ
आज देशभर में एक बड़े सामाजिक और आर्थिक संघर्ष की आहट है, जब लाखों श्रमिकों और विभिन्न संगठन (Bharat Bandh, Labour Strike, Social Movement, Economic Struggle) भारत बंद का हिस्सा बनने के लिए एकजुट हुए हैं। इस आंदोलन में करीब 25 करोड़ से अधिक लोग शामिल हुए हैं जो भारत के अहम क्षेत्रों जैसे बैंकिंग, डाक सेवा, कोयला खनन, परिवहन, और निर्माण से जुड़े हुए हैं (Trade Unions, Public and Private Sector)। इसके साथ ही किसानों और ग्रामीण श्रमिकों ने भी इस बंद का समर्थन करने का फैसला किया है (Farmer Support, Farmer Protest)। इससे यह प्रदर्शन और भी व्यापक होता जा रहा है (Protest, Labour Demands)।
इस बड़ी हड़ताल का आयोजन 10 प्रमुख केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने किया है जो केंद्र सरकार की श्रमिक-विरोधी, किसान-विरोधी और कॉरपोरेट्स के पक्ष में काम करने वाली नीतियों के विरुद्ध आवाज उठा रहे हैं (Central Government Protest, Labour Rights)। ये यूनियनें लंबे समय से आरोप लगा रही हैं कि सरकार पिछले कई वर्षों से श्रमिकों के अधिकारों और हितों की अनदेखी कर रही है (Labour Organization, Labour Interests)।
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उनका कहना है कि हाल ही में लागू किए गए नए श्रम कानूनों ने न केवल मजदूरों के अधिकारों को कमजोर किया है बल्कि हड़ताल और सामूहिक समझौते करने के अधिकार को भी प्रभावित किया है (Labour Laws)। इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का निजीकरण और ठेका आधारित रोजगार की बढ़ती प्रवृत्ति ने इस बंद को और भी जरूरी बना दिया है (Public Sector Privatisation, Contract Based Employment)।
किसका है समर्थन
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इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC)
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ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC)
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हिंद मजदूर सभा (HMS)
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सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (CITU)
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ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (AIUTUC)
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ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर (TUCC)
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सेल्फ एम्प्लॉयड वीमेंस एसोसिएशन (SEWA)
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ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (AICCTU)
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लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (LPF)
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यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (UTUC)
ये पहली बार नहीं है जब इन ट्रेड यूनियनों ने इस तरह का आह्वान किया है। इससे पहले भी 26 नवंबर 2020, 28-29 मार्च 2022, और 16 फरवरी 2024 को देशभर में इसी तरह की हड़तालें आयोजित की जा चुकी हैं, जिनमें लाखों लोग शामिल हुए थे। इस बार यूनियनों का दावा है कि यह हड़ताल अब तक की सबसे बड़ी और प्रभावशाली होगी (Bharat Bandh 2025)।
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यूनियनों की प्रमुख मांगें क्या
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सरकारी विभागों में सभी रिक्त पदों को शीघ्र भरना (Government Vacant Posts)
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बेरोजगारी दर को कम करने के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाना (Unemployment)
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MGNREGA के तहत कार्यदिवसों की संख्या और मजदूरी में वृद्धि करना (MGNREGA, Wage Hike)
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शहरी क्षेत्रों के लिए समान विकास योजनाओं का क्रियान्वयन (Urban Development Scheme)
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निजीकरण और ठेका आधारित रोजगार की प्रथा को खत्म करना (Public Sector Privatisation, Contract Based Employment)