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स्विंग, सीम और सपने; इंग्लैंड के खिलाफ ये गेंदबाज करेगा डेब्यू, ढाएगा कहर

भारतीय क्रिकेट टीम एक मर्तबा फिर से इतिहास रचने के इरादे से इंग्लैंड की धरती पर कदम रखने वाली है। जून महीने में शुरू होने जा रही 5 मैचों की लंबी टेस्ट सीरीज़ के लिए तैयारियां ज़ोरों पर हैं। भारतीय क्रिकेट बोर्ड और टीम मैनेजमेंट इस चुनौतीपूर्ण दौरे के लिए अब पूरी तरह कमर कस चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो खिलाड़ियों की शॉर्टलिस्टिंग भी हो चुकी है और जल्द ही आधिकारिक तौर पर टीम इंडिया की घोषणा कर दी जाएगी।

इस सीरीज की सबसे अच्छी बात ये है कि इस बार मैनेजमेंट की नजर डोमेस्टिक क्रिकेट के उन सितारों पर है जिन्होंने निरंतर बेहतरीन प्रदर्शन कर चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा है। ऐसा माना जा रहा है कि कई घरेलू क्रिकेट के खिलाड़ी इंग्लैंड दौरे की इस अहम सीरीज़ में भारत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। मगर इन सब के बीच एक नाम है जो हर तरफ चर्चा में है अर्शदीप सिंह।

क्यों है इंग्लैंड दौरा इतना खास

इंग्लैंड की पिचें हमेशा से टेस्ट क्रिकेट के लिहाज़ से एक बड़ी समस्या रही हैं। यहां का मौसम सीम मूवमेंट और स्विंग गेंदबाजी का जादू किसी भी बल्लेबाजी क्रम को तहस-नहस कर सकता है। भारतीय टीम ने बीते कुछ वर्षों में विदेशी धरती पर बेहतरीन प्रदर्शन किया है मगर इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज अब भी एक बड़ी चुनौती मानी जाती है।

2021 में इंडिया ने जब इंग्लैंड का दौरा किया था, तब सीरीज बहुत रोमांचक रही थी। हालांकि अंतिम टेस्ट मैच को लेकर विवाद रहा था और उस समय सीरीज पूरी नहीं हो पाई थी। इस बार दोनों टीमों के बीच मुकाबला और भी कड़ा होने वाला है। यही कारण है कि टीम मैनेजमेंट अब किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतना चाहती।

घरेलू क्रिकेट के सितारों को मिलेगा मौका

भारतीय क्रिकेट बोर्ड की योजना साफ है कि घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वालों को अब मौके दिए जाएंगे। टेस्ट फॉर्मेट के लिए सही खिलाड़ियों को चुनना सबसे अहम है। खासतौर पर उन खिलाड़ियों को जो लंबे फॉर्मेट में धैर्य और तकनीकी दक्षता दिखा चुके हों। इस बार के चयन में रणजी ट्रॉफी और अन्य डोमेस्टिक टूर्नामेंट्स में कमाल करने वाले खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी जा रही है।

इस प्रोसेस में अर्शदीप सिंह का नाम सबसे टॉप है। बाएं हाथ के इस तेज़ गेंदबाज़ ने हाल के वर्षों में अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया है। उनका नाम ना सिर्फ सीमित ओवर के क्रिकेट में बल्कि अब टेस्ट फॉर्मेट में भी चर्चा का विषय बन चुका है।

एक उभरता हुआ टेस्ट सितारा है ये सितारा

पंजाब में जन्म लेने वाले अर्शदीप सिंह की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। सीमित ओवरों में तो वो पहले ही अपनी जगह बना चुके हैं, मगर अब टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू का सपना पूरा करने की बारी है। खास बात यह है कि वो इंग्लैंड की परिस्थितियों में पहले भी खेल चुके हैं — काउंटी क्रिकेट में केंट के लिए।

काउंटी अनुभव का फायदा उन्हें टीम इंडिया के लिए ज़रूर मिलेगा क्योंकि इंग्लैंड की पिचों और मौसम की समझ उन्हें पहले से है। यह समझ किसी भी तेज गेंदबाज के लिए सबसे अहम हथियार होती है। वहां की पिचें खासकर सुबह के समय तेज गेंदबाजों को मदद करती हैं और अर्शदीप अपने बाएं हाथ की स्विंग से कहर ढा सकते हैं।

घरेलू क्रिकेट में अच्छे आंकड़े

अब यदि घैर करें अर्शदीप सिंह के घरेलू क्रिकेट रिकॉर्ड पर तो वो बहुत प्रभावशाली हैं। उन्होंने अब तक 21 प्रथम श्रेणी मैचों की 37 पारियों में 66 विकेट झटके हैं। उनका गेंदबाजी औसत 30.37 है, जो एक उभरते हुए तेज गेंदबाज के लिए शानदार माना जाता है। उन्होंने निरंतर ऐसी परफॉर्मेंस दी है जो चयनकर्ताओं को मजबूर कर दें कि उन्हें टेस्ट टीम में जगह दी जाए।

इसके अलावा अर्शदीप की फिटनेस लाइन-लेंथ और स्विंग कंट्रोल भी टीम मैनेजमेंट को काफी प्रभावित कर चुकी है। अगर उन्हें मौका दिया गया, तो वो जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज जैसे गेंदबाजों के साथ मिलकर इंग्लैंड में विनिंग कॉम्बिनेशन का हिस्सा बन सकते हैं।

टीम इंडिया की तेज गेंदबाजी यूनिट को मिलेगी मजबूती

यदि अर्शदीप को टीम में शामिल किया जाता है, तो भारतीय तेज गेंदबाजी यूनिट को एक नया आयाम मिलेगा। बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ों की हमेशा से टेस्ट क्रिकेट में अहम भूमिका रही है चाहे वो ज़हीर खान हों, आशीष नेहरा या इरफान पठान। अर्शदीप इस विरासत को आगे बढ़ा सकते हैं।

मौजूदा वक्त में भारत के पास बुमराह, सिराज, शमी (अगर फिट रहे), उमेश यादव और नवदीप सैनी जैसे विकल्प हैं, मगर बाएं हाथ के विकल्प की कमी है। यही कमी अर्शदीप पूरा कर सकते हैं और टीम को एक विविधतापूर्ण गेंदबाजी अटैक मिलेगा।

चयन का फैसला जल्द

बीसीसीआई और टीम मैनेजमेंट फिलहाल खिलाड़ियों के प्रदर्शन और फिटनेस रिपोर्ट्स का गहराई से मूल्यांकन कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ ही दिनों में टेस्ट टीम की घोषणा की जाएगी और इस बार कई नए नाम देखने को मिल सकते हैं। अर्शदीप का नाम लगभग पक्का माना जा रहा है, मगर अंतिम मुहर सिलेक्टर्स ही लगाएंगे।

बीसीसीआई के एक सूत्र के मुताबिक, “अर्शदीप निरंतर घरेलू क्रिकेट में अच्छा कर रहे हैं, काउंटी में उनका अनुभव भी शानदार रहा है और सबसे ज़रूरी बात — वो मानसिक रूप से तैयार हैं।”

इंग्लैंड का ये दौरा भारतीय क्रिकेट के लिए एक नए युग की शुरुआत हो सकता है। टेस्ट क्रिकेट के लिए युवा चेहरों को मौका देना इस बात का संकेत है कि टीम भविष्य की तैयारी कर रही है। अर्शदीप सिंह जैसे खिलाड़ियों का चयन भारतीय टेस्ट क्रिकेट को और मज़बूती देगा।

अगर सब कुछ ठीक रहा और उन्हें डेब्यू का मौका मिला तो शायद वो भारत के लिए वही साबित हो सकते हैं जो ट्रेंट बोल्ट न्यूज़ीलैंड के लिए रहे हैं एक भरोसेमंद, बाएं हाथ का स्विंग मास्टर।

भारतीय क्रिकेट में अब चयन केवल आंकड़ों पर आधारित नहीं रह गया है। मैनेजमेंट अब यह भी देखता है कि कौन-सा खिलाड़ी विदेशी परिस्थितियों में मानसिक रूप से कितनी दृढ़ता रखता है। यही वजह है कि इस बार केवल आईपीएल या सीमित ओवरों की परफॉर्मेंस नहीं बल्कि रणजी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी और काउंटी अनुभव को भी बहुत महत्व दिया जा रहा है।

अर्शदीप सिंह का काउंटी क्रिकेट में प्रदर्शन ये दर्शाता है कि वह तेज गेंदबाज होने के साथ-साथ कंडीशन रीडर भी हैं। वो जानते हैं कि कब बैक ऑफ लेंथ डालनी है, कब बॉल को फुल रखना है और कब स्विंग को हथियार की तरह इस्तेमाल करना है।

 

 

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