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Health Insurance लेते वक्त झांसे में न आएं, ये 6 सवाल पूछें, नहीं तो बर्बाद हो जाएगा पैसा!

कोरोना महामारी (corona pandemic) के बाद लोगों को स्वास्थ्य की अहमियत का एहसास और ज़्यादा हुआ है। इसकी वजह से स्वस्थ बीमा (Health Insurance) खरीदने वालों की संख्या में काफ़ी इज़ाफ़ा हुआ है। हालांकि, अक्सर लोग स्वस्थ बीमा (Health Insurance) खरीदते समय सही रिसर्च नहीं करते। नतीजन इंश्योरेंस होने के बावजूद उन्हें ज़रूरत के समय जेब से पैसे देने पड़ते हैं!

स्वस्थ बीमा (Health Insurance) खरीदते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है। आइए आसान शब्दों में समझते हैं कि स्वस्थ बीमा (Health Insurance) खरीदते समय आपको इंश्योरेंस कंपनी से कौन से अहम सवाल पूछने चाहिए।

कौन सी बीमारियाँ इंश्योरेंस में कवर (diseases covered) होंगी

ये पहला और सबसे अहम सवाल है। यह ठीक से समझ लें कि आपकी पॉलिसी में कौन सी बीमारियाँ और स्वास्थ्य समस्याएँ कवर (diseases covered) होंगी। कुछ बीमारियाँ या स्थितियाँ इंश्योरेंस कवर में शामिल नहीं होती हैं। इसलिए, यह जानकारी साफ़ होना ज़रूरी है ताकि भविष्य में आपका क्लेम खारिज न हो।

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आपको कितना नो-क्लेम बोनस (NCB) मिलेगा

अगर आप एक साल में कोई इंश्योरेंस क्लेम नहीं करते हैं, तो इंश्योरेंस कंपनियाँ आपको ‘नो-क्लेम बोनस’ (no-claim bonus (NCB)) देती हैं। इसका मतलब है कि अगले साल आपकी बीमा राशि बढ़ जाती है, मगर आपको ज़्यादा प्रीमियम नहीं देना पड़ता। आप जो पॉलिसी लेने जा रहे हैं, उसमें कंपनी कितना नो-क्लेम बोनस दे रही है, ये ज़रूर पूछें। यह आपके बीमा कवर को बढ़ाने का एक अच्छा तरीका है।

प्रतीक्षा अवधि क्या है

अधिकांश स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों में पहले से मौजूद बीमारियों के लिए ‘प्रतीक्षा अवधि’ होती है। यानी पुरानी बीमारियों के लिए कवर पाने के लिए आपको एक निश्चित अवधि तक इंतज़ार करना पड़ता है। नियमों के अनुसार, यह प्रतीक्षा अवधि अधिकतम 3 साल हो सकती है, मगर कुछ कंपनियाँ 2 साल बाद ही कवर देना शुरू कर देती हैं। इसलिए बीमा लेते समय यह जाँच लें कि आपको अपनी किसी पुरानी बीमारी के लिए कितने साल का कवर मिलना शुरू होगा।

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पॉलिसी में क्या कवर नहीं होता

हर बीमा पॉलिसी में कुछ ‘अपवाद’ या ‘बहिष्करण’ होते हैं। इसका मतलब है कि कुछ चीज़ें या उपचार बीमा कवर में शामिल नहीं होते। यह समझना बहुत ज़रूरी है कि आपने जो पॉलिसी ली है, उसमें क्या कवर नहीं है। इससे भविष्य में आपके दावे के खारिज होने की संभावना कम हो जाती है।

दावा निपटान अनुपात (सीएसआर) क्या है? यह बहुत महत्वपूर्ण बिंदु है। आप जिस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा ले रहे हैं, उसका ‘क्लेम सेटलमेंट रेशियो’ क्या है, ये पता करें। ये रेशियो (claim settlement ratio) आपको बताता है कि कंपनी ग्राहकों द्वारा किए गए दावों में से कितने दावों का सफलतापूर्वक निपटारा करती है। उच्च CSR वाली कंपनी दावों का निपटारा करने में अधिक कुशल और विश्वसनीय होती है।

भागीदार अस्पताल कौन-कौन से हैं

बीमा कंपनियों का सैकड़ों अस्पतालों के साथ गठजोड़ (hospital network) होता है। मगर, यह जांच लें कि आपने जो पॉलिसी ली है, क्या वह आपके घर के नजदीक या आपके लिए सुविधाजनक अच्छे अस्पतालों में कवर प्रदान करती है। क्योंकि आपातकालीन स्थिति में अपनी सुविधानुसार अच्छे अस्पताल में इलाज करवाना बहुत जरूरी है।

अगर आप इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य बीमा खरीदते हैं, तो आपको भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा और आपके पैसे का सही इस्तेमाल होगा।

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