हम एक हैं: India Alliance पर अखिलेश की प्रेस वार्ता से निकले सियासी संकेत
भारतीय राजनीति (Indian Politics) का परिदृश्य दिन-ब-दिन और भी गर्म होता जा रहा है और 2025 के चुनावों की आहट ने विपक्ष को एक बार फिर से एकजुट कर दिया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए विपक्ष की रणनीति को स्पष्ट किया। इस दौरान उन्होंने “इंडिया गठबंधन” (India Alliance) की मजबूती और भाजपा सरकार की नाकामियों को लेकर कई अहम बातें कहीं जो राजनीतिक पटल पर खासा असर डाल सकती हैं।
गठबंधन पर भरोसा, सीटों पर बाद में फैसला
अखिलेश यादव ने सबसे पहले इंडिया गठबंधन (India Alliance) को लेकर उठते सवालों को सीधे खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “गठबंधन पूरी तरह से एकजुट है। आगामी विधानसभा चुनाव मिलकर लड़े जाएंगे।” सीटों के बंटवारे को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि इस पर “सही समय पर निर्णय” लिया जाएगा।
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ये बयान उन खबरों को विराम देता है जिनमें कहा जा रहा था कि गठबंधन में अंदरूनी दरारें पड़ रही हैं या दलों में तालमेल की कमी है।
बीजेपी पर बरसे अखिलेश
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश यादव ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को घेरते हुए कहा कि देश में कारोबार, नौकरी और रोज़गार जैसे अहम मुद्दे सरकार की प्राथमिकताओं में कहीं नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने महंगाई और बेरोजगारी को चरम पर पहुंचा दिया है। देश का पूरा बाजार विदेशी कंपनियों के हाथों में चला गया है।
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उन्होंने एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की नीतियों को राष्ट्रवाद के खिलाफ बताते हुए कहा कि भाजपा “स्वदेशी” के नाम पर दिखावा कर रही है, जबकि उसकी नीतियां पूरी तरह से ‘विदेशी-परस्त’ हैं।
योगी सरकार पर भी सवाल
अखिलेश ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) पर भी सीधे प्रहार किए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार न बिजली उत्पादन में सुधार कर पाई और न ही प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रख सकी।
सरकारी स्कूलों में छात्रों की गिरती उपस्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि आज हालात ये हैं कि सरकारी इंटर कॉलेजों की जमीनें भी भाजपा नेताओं की नजर में आ गई हैं।
ये आरोप न केवल शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हैं बल्कि सरकारी परिसंपत्तियों के निजीकरण की चिंता को भी रेखांकित करते हैं।