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नहाने का सही तरीका: जानिए कितना और कैसे नहाना सेहत के लिए है फायदेमंद

नहाना सिर्फ जिस्म को साफ करने का जरिया नहीं है बल्कि ये एक ऐसा काम है जो हमें शारीरिक और मानसिक रूप से तरोताजा रखता है। सवेरे की शुरुआत हो या रात को थकान भरे दिन के बाद एक अच्छा स्नान ना केवल शरीर की गंदगी दूर करता है बल्कि मन को शांति और तन को राहत देता है। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि दिन में कितनी बार नहाना सही है? गर्म पानी बेहतर है या ठंडा? और क्या मौसम का असर हमारे नहाने की आदतों पर पड़ता है। आइए इस खबर में इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं और समझते हैं कि नहाने का सही तरीका क्या है।

नहाना क्यों जरूरी

नहाना सिर्फ हाइजीन का हिस्सा नहीं है बल्कि ये हमारी सेहत और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है। जब हम नहाते हैं तो शरीर से पसीना धूल-मिट्टी और बैक्टीरिया साफ हो जाते हैं जो स्किन इंफेक्शन और दूसरी परेशानियों से बचाते हैं। इसके अलावा नहाने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है मांसपेशियों को आराम मिलता है और तनाव कम होता है। खासकर गर्मियों में जब पसीना और गर्मी से शरीर चिपचिपा हो जाता है एक ताजगी भरा स्नान दिन को और बेहतर बना देता है।

मगर सवाल ये है कि क्या हम नहाने की आदतों को सही तरीके से फॉलो कर रहे हैं। आइए इसे और गहराई से समझते हैं।

एक दिन में कितनी बार नहाना चाहिए

नहाने की आदतें हर इंसान और देश के हिसाब से अलग-अलग होती हैं। कुछ लोग सवेरे नहाकर दिन की शुरुआत करते हैं तो कुछ रात को नहाकर बिस्तर पर जाते हैं। मगर सेहत की नजर से देखा जाए तो दिन में एक बार नहाना सबसे च्छा माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार हमारी त्वचा में प्राकृतिक तेल (Natural Oils) होते हैं जो त्वचा को नमी और कोमलता प्रदान करते हैं। यदि हम दिन में बार-बार नहाते हैं खासकर साबुन या बॉडी वॉश का इस्तेमाल करके तो ये तेल धुल जाते हैं जिससे त्वचा रूखी और बेजान हो सकती है।

गर्मियों में नहाने की आदत

गर्मियों में पसीना ज्यादा निकलता है जिसके चलते लोग दिन में दो या तीन बार भी नहा लेते हैं। मगर क्या ये सही है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि गर्मियों में दिन में दो बार नहाना ठीक हो सकता है बशर्ते आप दूसरी बार साबुन का इस्तेमाल न करें। साबुन या केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स का ज्यादा इस्तेमाल त्वचा की नमी छीन सकता है जिससे खुजली रूखापन या स्किन के फटने की समस्या हो सकती है। यदि आपको गर्मी और पसीने की वजह से बार-बार नहाने की जरूरत महसूस होती है तो सिर्फ सादे पानी से स्नान करें। इससे शरीर तरोताजा रहेगा और त्वचा को नुकसान भी नहीं होगा।

सर्दियों में नहाने का नियम

सर्दियों में त्वचा पहले ही रूखी हो जाती है क्योंकि ठंडी हवा और कम नमी त्वचा की प्राकृतिक नमी को कम कर देती है। ऐसे में हर दिन नहाना जरूरी नहीं है। आयुर्वेद एक्सपर्ट्स के अनुसार सर्दियों में हफ्ते में 4-5 बार नहाना काफी होता है। अगर आप हर दिन नहाना चाहते हैं तो गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें और साबुन का उपयोग कम से कम करें। नहाने के बाद मॉइश्चराइजर जरूर लगाएं ताकि त्वचा हाइड्रेटेड रहे।

गर्म पानी या गुनगुना, जानें दोनों में क्या सही

नहाने के लिए पानी का तापमान भी बहुत मायने रखता है। मौसम त्वचा का प्रकार और हमारी सेहत के हिसाब से हमें पानी का तापमान चुनना चाहिए। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

गर्म पानी से नहाना

सर्दियों में गर्म पानी से नहाना बहुत सुकून देता है। गर्म पानी मांसपेशियों को रिलैक्स करता है ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है और ठंड के कारण होने वाली जकड़न को कम करता है। मगर ज्यादा गर्म पानी से नहाना त्वचा के लिए नुकसानदायक हो सकता है। अत्यधिक गर्म पानी त्वचा की नमी छीन लेता है और इसे संवेदनशील बना सकता है। इसलिए सर्दियों में हल्का गुनगुना पानी (जो छूने में आरामदायक लगे) इस्तेमाल करें।

ठंडा पानी से नहाना

गर्मियों में ठंडा पानी तरोताजा कर देता है। ये पसीने और गर्मी से राहत देता है और शरीर के तापमान को संतुलित करता है। मगर बहुत ठंडा पानी सेहत के लिए ठीक नहीं। खासकर अगर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है तो ठंडा पानी सर्दी-जुकाम का कारण बन सकता है। रूम टेंपरेचर पर रखा पानी या हल्का ठंडा पानी गर्मियों के लिए सबसे अच्छा है।

गुनगुना पानी: सबसे बेहतर विकल्प

जानकारों का मानना है कि गुनगुना पानी नहाने के लिए सबसे अच्छा होता है चाहे मौसम कोई भी हो। गुनगुना पानी ना तो त्वचा को रूखा करता है और ना ही शरीर के तापमान को अचानक बदलता है। ये ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है मांसपेशियों को आराम देता है और सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं से भी बचाता है।

नहाने का सही तरीका: कुछ टिप्स

नहाना एक साधारण प्रक्रिया लगती है मगर इसे सही तरीके से करने से आपकी सेहत और त्वचा को ज्यादा फायदा मिल सकता है। यहाँ चंद आसान टिप्स हैं।

  • सही वक्त चुनें: सवेरे नहाना आपको दिनभर तरोताजा रखता है जबकि रात को नहाना तनाव कम करता है और अच्छी नींद में मदद करता है। अपनी दिनचर्या के हिसाब से समय चुनें।
  • साबुन का कम इस्तेमाल करें: हर बार नहाते समय साबुन या बॉडी वॉश का इस्तेमाल न करें। हफ्ते में 2-3 बार साबुन काफी है बाकी समय सादे पानी से नहाएं।
  • मॉइश्चराइजर जरूरी है: नहाने के बाद त्वचा को हाइड्रेट रखने के लिए नारियल तेल बादाम तेल या किसी अच्छे मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें।
  • तौलिये से न रगड़ें: नहाने के बाद त्वचा को तौलिये से रगड़ने की बजाय हल्के हाथों से पोंछें। इससे त्वचा मुलायम रहती है।
  • हर्बल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल: केमिकल युक्त साबुन की जगह नीम चंदन या हल्दी जैसे हर्बल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें। ये त्वचा को पोषण देते हैं।

नहाने से जुड़े कुछ मिथक

नहाने को लेकर कई मिथक भी हैं जिन्हें लोग सच मान लेते हैं।

मिथक 1: बार-बार नहाने से स्किन ज्यादा साफ होती है

सच: बार-बार नहाने से त्वचा के प्राकृतिक तेल धुल जाते हैं जिससे स्किन रूखी और नाजुक हो सकती है।

मिथक 2: ठंडे पानी से नहाना हमेशा फायदेमंद है

सच: बहुत ठंडा पानी सर्दी-जुकाम का कारण बन सकता है। गुनगुना या रूम टेंपरेचर का पानी बेहतर है।

मिथक 3: सर्दियों में नहाना जरूरी नहीं

सच: सर्दियों में हफ्ते में 4-5 बार नहाना हाइजीन और सेहत के लिए जरूरी है।

नहाना है सेहत का राज

आपको बता दें कि नहाना सिर्फ एक आदत नहीं बल्कि हमारी सेहत और त्वचा की देखभाल का एक अहम हिस्सा है। सही वक्त सही पानी का तापमान और सही तरीके से नहाने से ना केवल हमारा शरीर साफ रहता है बल्कि मन भी शांत और तरोताजा रहता है। गर्मियों में दो बार सादे पानी से नहाना और सर्दियों में हफ्ते में चार पांच बार गुनगुने पानी से स्नान करना सबसे अच्छा है। साथ ही त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल और हर्बल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल आपके नहाने के अनुभव को और बेहतर बना सकता है।

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