आदिवासी क्षेत्र का लाल बना IAS, इंटरनेट से पढ़कर UPSC में पाई 364वीं रैंक
महाराष्ट्र के पालघर जिले के जव्हार तालुका का पाल्हे कोगड़े गाँव एक दूरस्थ आदिवासी क्षेत्र है और आज गर्व से फूला नहीं समा रहा है। इस गाँव के युवा डॉ. अजय काशीराम डोके ने यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) की प्रतिष्ठित परीक्षा में शानदार 364वीं रैंक हासिल कर इतिहास रच दिया है। डॉ. अजय आदिवासी क्षेत्र से यूपीएससी परीक्षा में कामयाबी पाने वाले पहले युवा बन गए हैं।
उनकी कामयाबी की कहानी और भी दिलचस्प है क्योंकि उन्होंने किसी कोचिंग क्लास का सहारा नहीं लिया, बल्कि इंटरनेट पर उपलब्ध वीडियो के माध्यम से स्वयं अध्ययन करके अपने पहले ही प्रयास में यह अद्भुत मुकाम हासिल किया। डॉ. अजय युवाओं को सलाह देते हैं कि मोबाइल फोन का सही उद्देश्य के लिए उपयोग करना चाहिए और ऐसी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करनी चाहिए।
इस यादगार कामयाबी के पीछे डॉ. अजय के पिता काशीराम और उनके पूरे परिवार का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। बचपन से ही मेधावी रहे अजय ने छठी कक्षा से बारहवीं कक्षा तक कभी भी अपनी कक्षा में शीर्ष स्थान नहीं छोड़ा। 12वीं विज्ञान स्ट्रीम से उत्तीर्ण होने के बाद उन्होंने प्रतिष्ठित के.ई.एम. मेडिकल कॉलेज, मुंबई में एमबीबीएस में दाखिला लिया और सफलतापूर्वक अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
अपनी कामयाबी का मंत्र साझा करते हुए डॉ. अजय डोके ने कहा कि मैं यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वालों से कहना चाहूंगा कि आज आप बिना कोई क्लास लिए सिर्फ इंटरनेट के जरिए पढ़ाई कर सकते हैं। यदि हमारे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी मोबाइल फोन और लैपटॉप का सही इस्तेमाल करें तो गरीब बच्चों के लिए कम खर्च में यूपीएससी पास करना असंभव नहीं है।
मुलुंड की अंकिता पाटिल ने भी लहराया सफलता का परचम
इसी परीक्षा में मुंबई के मुलुंड इलाके की अंकिता पाटिल ने भी 303वीं रैंक हासिल कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अनिल पाटिल की बेटी अंकिता महाराष्ट्र में दूसरे स्थान पर रहीं और उन्होंने आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) को अपनी प्राथमिकता बताई है।
अंकिता ने अपनी सफलता का श्रेय कड़ी मेहनत, निरंतरता और एक सुनियोजित रणनीति को दिया। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा भांडुप के पवार पब्लिक स्कूल से पूरी की। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद उन्होंने एक साल तक नौकरी की, मगर उनके पिता के सिविल सेवा में होने के कारण इस क्षेत्र में उनकी रुचि जागृत हुई और उन्होंने 2022 में यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। अपने तीसरे प्रयास में उन्होंने यह गौरवपूर्ण सफलता प्राप्त की।